Search for:

गोगा नवमी आज

गोगा नवमी आज

गूगा नौमी के नाम से भी जाना जाता है गोगा नवमी को
==============================

यह भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। इस दिन गोगादेव की पूजा की जाती है। जिसे गूगा नौमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गोगादेव साँपों से जीवन की रक्षा करते है। इसमें नाग देवता की भी पूजा की जाती है। गोगा नवमी के दिन जाहरवीर गोगा जी की पूजा करने से गोगा जी महाराज सर्प के काटने से हमारी रक्षा करते हैं। इस दिन गोगा जहार वीर की पूजा के साथ-साथ नाग देवता की पूजा भी की जाती है। यह त्योहार अगस्त व सिम्बर के महीने में आता है।
जाहरवीर गोगा जी उत्तरी भारत में लोकप्रिय देवता है, जिनकी पूजा उत्तर प्रदेश, हिमाचाल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में पूरी भक्ति के साथ की जाती है। राजस्थान में गोगा नवमी पर भव्य मेले आयोजित किए जाते हैं और उत्सव तीन दिनों तक चलता है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में गूगा नवमी मेला सबसे बड़ा और लोकप्रिय है।

नाग पूजा और उपचार:
=================
गोगा जी को विशेष रूप से साँप के काटने और संबंधित बीमारियों से बचाने वाले के रूप में पूजा जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में सांपों को दिव्य प्राणी माना जाता है, और गोगा जी की सांप के काटने को नियंत्रित करने और ठीक करने की क्षमता स्थानीय परंपराओं में उनके महत्व को मजबूत करती है। भक्त सांप से संबंधित खतरों से बचने के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।

सांस्कृतिक उत्सव:
===========
गोगा नवमी धार्मिक अनुष्ठानों तक ही सीमित नहीं है; इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल हैं। लोक संगीत, नृत्य और प्रदर्शन गोगा जी के जीवन और किंवदंतियों को दर्शाते हैं, जो उत्सव में एक जीवंत सांस्कृतिक आयाम जोड़ते हैं।

भक्तिपूर्ण प्रसाद:
=========
भक्त गोगा जी की मूर्ति या चित्र पर दूध, मिठाई और बेसन चढ़ाते हैं। अनुष्ठानिक चढ़ावे श्रद्धा का प्रतीक हैं और सुरक्षा, कल्याण और बीमारियों के निवारण के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।

गोगा नवमी का महत्व:
===============
गोगा नवमी गोगाजी के सम्मान में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है। किंवदंतियों के अनुसार, गुगा को शक्तिशाली राजपूत राजकुमार के रूप में जाना जाता है, जिनके पास विषैले सांपों को नियंत्रित करने की अलौकिक शक्तियां थीं। इस दिन अनुष्ठानों के एक भाग के रूप में उनकी कहानियों के विभिन्न संस्करण सुनाए जाते हैं। कुछ कहानियों में उनके दिव्य जन्म, उनके विवाह, पारिवारिक जीवन, युद्ध, साँप के काटने पर उपचार करने की उनकी अविश्वसनीय कला और पृथ्वी से उनके गायब होने का वर्णन है। हिंदुओं का मानना ​​है कि इस दिन उनकी पूजा करने से वे साँपों और अन्य बुराइयों से सुरक्षित रहते हैं। इसके अलावा एक लोकप्रिय मान्यता यह भी है कि भगवान गुगा बच्चों को सभी नुकसानों से बचाते हैं। इसलिए विवाहित महिलाएँ गोगा नवमी पर पूजा करती हैं और अपने बच्चों की भलाई और लंबी उम्र के लिए उनसे प्रार्थना करती हैं। कुछ निःसंतान विवाहित महिलाएँ भी इस दिन संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं।

गोगा नवमी के पूजा विधान
================
इस दिन दीवार पर गेरू से पोतकर दूध में कोयला पीसकर चाकोर घर बनाकर उसमें पांच सर्व बनाते हैं। इसके बाद इन सर्पों पर जल, कच्चा दूध, रोली-चावल, बाजरा, आटा, घी, चीनी मिलाकर चढ़ाना चाहिए और पण्डित को दक्षिणा देनी चाहिए।
गुगा मारी मंदिरों में इस दिन विभिन्न पूजाओं और जुलूसों का आयोजन किया जाता है। गोगा नवमी पर, हिंदू भक्त किसी भी चोट या नुकसान से सुरक्षा के आश्वासन के रूप में भगवान गोगा को राखी या रक्षा स्तोत्र भी बांधते हैं।
इस व्रत के करने से स्त्रियाँ सौभाग्यवती होती हैं। पति की विपत्तियों से रक्षा होती है और मनोकामना पूरी होती है। बहने भाइयों को टीका लगाती हैं तथा मिठाई खिलाती हैं। बदेल में भाई यथाशक्ति बहनों को रुपया देते हैं।

गोगा नवमी की तिथि
============
2024 में गोगा नवमी 27 अगस्त 2024 मंगलवार को है। गोगा नवमी तिथि 27 अगस्त 2024 को सुबह 02:20 बजे शुरू होगी और 28 अगस्त 2024 को दोपहर 01:28 बजे समाप्त होगी।

गोगा नवमी क्या है और गोगा जी कौन हैं?
=======================
गोगा नवमी एक हिंदू त्योहार है जो योद्धा-संत गोगा जी की याद में मनाया जाता है, जिन्हें गुग्गा जी या जाहर वीर गोगा के नाम से भी जाना जाता है। गोगा जी को उनकी बहादुरी, करुणा और लोगों को सांप के काटने और बीमारियों से बचाने की पौराणिक क्षमता के लिए सम्मानित किया जाता है।

गोगा नवमी कब मनाई जाती है और इसमें क्या अनुष्ठान शामिल हैं?
=====================================
गोगा नवमी हिंदू माह भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) के शुक्ल पक्ष (शुक्ल पक्ष) के नौवें दिन (नवमी) को मनाई जाती है। भक्त गोगा जी के मंदिरों में इकट्ठा होते हैं, पूजा-अर्चना, फूल और भोजन चढ़ाते हैं। वे गोगा जी के भजन भी सुनाते हैं और उनके पौराणिक कार्यों को दोहराते हैं।

गोगा नवमी के दौरान किस प्रकार का प्रसाद चढ़ाया जाता है?
==================================
भक्त गोगा जी की मूर्ति या चित्र पर दूध, मिठाई और बेसन चढ़ाते हैं। ये प्रसाद श्रद्धा का प्रतीक हैं और सुरक्षा, कल्याण और बीमारियों के निवारण के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।

राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175

Loading

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required