लाभ पंचमी आज
लाभ पंचमी आज
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हिंदू धर्म में लाभ पंचमी का बहुत ही खास महत्व है। लाभ पंचमी का त्योहार दिवाली पर्व के आखिरी दिन मनाया जाता है। इस पर्व को गुजारत में विशेषतौर पर मनाया जाता है। गुजरात में इसी दिन दिवाली के पर्व का समापन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार लाभ पंचमी का त्योहार कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। लाभ पंचमी के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर परिवार में सुख, समृद्धि आती है। इसके साथ ही व्यापार में उन्नति के लिए भी ये पर्व खास माना जाता है।
लाभ पंचमी की तिथि
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पंचांग के अनुसार लाभ पंचमी का त्योहार कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन दिवाली के पांच दिन पर्व का समापन होता है। इस साल इस तिथि की शुरुआत 06 नवंबर 2024 को रात्रि 12:16 बजे शुरू होगी और इसका समापन 07 नवंबर, 2024 को सुबह 12:41 बजे होगा। ऐसे में लाभ पंचमी 6 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी।
लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त
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लाभ पंचमी के दिन प्रातः 06:12 बजे से प्रातः 10:08 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
लाभ पंचमी की पूजा विधि
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लाभ पंचमी के दिन सुबह स्नान करें और लाल रंग का वस्त्र धारण करें।
उसके बाद आप सूर्य देवता को जल अर्पित करें।
फिर भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित करें।
इस दिन लक्ष्मी माता को अगुर, कमल का फूल, सफेद मिठाई अर्पित करें और मंत्र जाप करें।
लाभ पंचमी के दिन जरूरतमंद लोगों को दान दें।
लाभ पंचमी का महत्व
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लाभ पंचमी का पर्व दिवाली के अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन दुकानों को फिर से खोला जाता है और बही खाते की पूजा की जाती है। लाभ पंचमी का दिन नये बिजनेस की शुरुआत के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। लाभ पंचमी के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की विधिवत पूजा- अर्चना करनी चाहिए। ये दिन सौभाग्य और लाभ लाने वाला माना जाता है। इस दिन माता पार्वती और शिव जी की भी पूजा की जाती है।
कब और क्यों मनाई जाती है
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लाभ पंचमी कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को आती है। इसे ज्ञान पंचमी या सौभाग्य पंचमी भी कहते है। लाभ पंचमी को भारतवर्ष में दीपावली के अंतिम पर्व के रूप में भी मनाया जाता है | सौभाग्य पंचमी जीवन में सुख और सौभाग्य की वृद्धि करती है इसलिए पंचमी को सौभाग्य पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा सभी सांसारिक कामनाओं का पूरा कर परिवार में सुख-शांति लाती है तथा श्री गणेश पूजन समस्त विघ्नों का नाश कर कारोबार को समृद्ध और प्रगति प्रदान करता है। जीवन में हर व्यक्ति कार्यक्षेत्र के साथ पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना रखता है। इसलिए यह सौभाग्य पंचमी पर्व सुख-शांति और खुशहाल जीवन की ऐसी इच्छाओं को पूरा करने की भरपूर ऊर्जा प्राप्त करने का शुभ अवसर होता है।
मान्यताएं
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लाभ पंचमी को भाग्य, लाभ के लिए अति श्रेष्ठ दिन माना जाता है। मान्यता है की लाभ पंचमी के दिन भग्वान श्री गणेश जी की पूजा आराधना करने से जीवन, घर, कारोबार में लाभ, सौभाग्य और सफलता प्राप्त होती है। जीवन, व्यवसाय और परिवार में लाभ, अच्छा भाग्य, उन्नति आती है। गुजरात में व्यापारियों का यह दिन नया वर्ष होता है। इसी दिन दीपावली का पर्व मनाने के बाद अपने कार्यो की शुरुआत करते है। लाभ पंचमी को लाभ पाचम भी कहते हैं। लाभ पंचमी को भारतवर्ष में दीपावली के अंतिम पर्व के रूप में भी मनाया जाता है|
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद