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एकादशी व्रत के 25 नियम

एकादशी व्रत के 25 नियम

आज हम आपको बताएंगे एकादशी व्रत के बारे में, यह व्रत बड़ा ही पुण्य देता है और इसे सब व्रतो में बहुत ही विशेष माना जाता है जो लोग हर एकादशी का व्रत करते हैं उनके पितरों और पूर्वजों को स्वर्ग लोक में स्थान मिलता है इस व्रत के करने से आपके सारे पाप हट जाते हैं।

वैसे मान्यताओं के अनुसार यह व्रत आपको हवन, यज्ञ से ज्यादा पुण्य देता है और इसके नियम भी बहुत कठिन होते हैं क्योंकि इसके लिए व्यक्ति को 1 दिन पहले से ही तैयारी करनी पड़ती है अगर आपसे कोई भूल हो जाती है तो इसके दुष्परिणाम भी आपको भुगतने पड़ते हैं।

तो आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप एकादशी का व्रत रखते हैं तो आपको कौन कौन से नियम रखने चाहिए जिससे आपका व्रत सफलतापूर्वक पूरा हो जाएगा, वैसे भी आज के समय में किसी को भी इतना समय नहीं रहता है कि वह किसी काम को सही तरह से कर सकें।

पर अगर आप इस व्रत को श्रद्धापूर्वक रखते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि आपको इसके सभी नियम पता होने चाहिए, क्योंकि कभी कभार जल्दबाजी में हम कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं या फिर हमें उन चीजों के बारे में पता नहीं होता है और हम से अनजाने में गलती हो जाती है।

जिस वजह से बाद में हमें उसका परिणाम भुगतना पड़ता है और वैसे भी प्रत्येक एकादशी का अपना, अलग अलग महत्व होता है तो आज हम आपको बताएंगे की एकादशी व्रत के क्या नियम है जिनको करके आप पुण्य प्राप्त कर पाएंगे और आपके सारे कष्ट दूर हो जायेगें।

एकादशी व्रत के लाभ
अब हम आपको बताएंगे कि इस व्रत के लाभ क्या होते हैं क्योंकि जब हम कोई भी व्रत करते हैं तो हमें उसके बहुत सारे फायदे मिलते हैं जिसका प्रभाव हमारे ऊपर पड़ता है तो आज हम आपको बताएंगे की एकादशी व्रत के क्या लाभ होते हैं।

1. यदि आप नियमित रूप से एकादशी का व्रत रखते हैं तो इससे आपके सारे पापों का नाश हो जाता है।

2. अगर आप इस व्रत को करते हैं तो इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

3. इसके फल से आपके घर में सुख शांति बनी रहती है और आपका दांपत्य जीवन भी खुशहाल रहता है।

4. एकादशी व्रत से आपको संतान की प्राप्ति होती है जो लोग निसंतान होते हैं उन्हें पुत्रदा एकादशी का व्रत करना चाहिए।

5. यदि आप इस व्रत को करते हैं तो इससे आपके सभी दुख दूर हो जाते हैं।

6. इस व्रत को करने से आपको स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है साथ ही आपके पूर्वजों को भी स्वर्ग लोक मिलता है।

7. इस व्रत के करने से आपकी खोयी हुई धन दौलत मिल जाती है।

एकादशी व्रत का क्या महत्व है?
आज के समय में सभी लोग एकादशी व्रत रखते हैं क्योंकि इसका महत्व बहुत अधिक होता है इसे सभी व्रतों का राजा कहा जाता है एकादशी व्रत रखने से आपके सारे पाप दूर हो जाते हैं और आपको स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है इसी के साथ आपके कष्ट दूर होते हैं।

आपके परिवार में खुशियां आती हैं और आपको 26 प्रकार की योनियों से मुक्ति मिल जाते हैं जिनमें भूत, प्रेत, चुड़ैल आदि योनि भी शामिल होती हैं इसी के साथ यदि आपकी विवाह में कोई अड़चन आ रही हो तो वह भी दूर हो जाती हैं और आपकी जिंदगी से सारी परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

इसीलिए सभी लोग एकादशी का व्रत रखते हैं आपको सारी एकादशी का व्रत रखना चाहिए, क्योंकि हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है इससे आपको शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है और आपके शत्रुओं का नाश होता है।

एकादशी व्रत के नियम
बहुत सारे लोग एकादशी का व्रत करते हैं क्योंकि उनका मानना है इस व्रत से आपके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं साथ ही आपको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है पर इसे करने के बहुत से नियम होते हैं।

और अगर आप इन नियमों का ध्यान नहीं रखते हैं तो इससे आपको उल्टा फल मिलता है तो आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप एकादशी व्रत कर रहे हैं तो आप कौन से नियम कर सकते हैं जिससे आपकी एकादशी सफलतापूर्वक पूरी हो जाएगी।

1. इस दिन आपको अगली रात्रि से ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए , जो लोग विवाहित होते हैं उन लोगों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

2. आपको इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए और नहा धोकर विष्णु भगवान की पूजा करनी चाहिए।

3. यदि आपने एकादशी का व्रत रखा है तो आपको अपने क्रोध पर काबू रखना चाहिए।

4. आपको इस दिन किसी के बारे में भी बुरा नहीं सोचना चाहिए, ना ही अपने मन में बुरे ख्याल लाने चाहिए।

5. आपको 1 दिन पहले से ही मांस, मदिरा, प्यास, लहसुन, मसूर दाल और तामसिक भोजन का त्याग कर देना चाहिए, क्योंकि यह इस व्रत का नियम होता है।

6. इस दिन आपको ब्राह्मणों और गरीबों को दान देना चाहिए, क्योंकि इससे आपको ज्यादा पुण्य मिलता है।

7. एकादशी वाले दिन वृक्ष से पत्ता तोड़ना मना होता है इसलिए आपको इस दिन पेड़ की दातुन नहीं करनी चाहिए, ना ही किसी वृक्ष के पत्तों को तोड़ना चाहिए, अगर पत्ता अपने आप गिर गया हो तो आप उसे उठा सकते हैं अन्यथा आप इस दिन वृक्षों को ना छुए।

8. आपको इस दिन मंजन नहीं करना चाहिए बल्कि पानी से कुल्ला कर लेना चाहिए।

9. इस दिन आपको हाथ में गंगाजल लेकर इस व्रत का प्रण लेना चाहिए और पूरे दिन रात भजन कीर्तन करना चाहिए।

10. यदि आपने एकादशी का व्रत रखा है तो आपको इस दिन अहंकार नहीं करना चाहिए, ना ही ऐसे व्यक्तियों के पास जाना चाहिए जो कुटिल स्वभाव के हो।

11. अगर आप एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो आपको इस दिन घर में झाड़ू नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि इससे चींटी और सूक्ष्मजीव की मृत्यु का डर बना रहता है क्योंकि इस दिन किसी की मृत्यु आपके हाथ से होना बहुत बड़ा पाप माना जाता है।

12. आपको इस दिन अपने बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए, क्योंकि यह अशुभ होता है।

13. इस दिन आपको ज्यादा किसी से बात नहीं करनी चाहिए और भगवान के भजन में लीन रहना चाहिए।

14. आपको इस दिन किसी से भी लिया हुआ अन्न नही खाना चाहिए, यह नियम दशमी से लागू हो जाता है।

15. आपको इस दिन सभी वस्तुओं में तुलसीदल मिलाना चाहिए और भगवान को भोग लगाने के बाद ही आपको किसी चीज को खाना चाहिए।

16. एकादशी व्रत में आपको आम, अंगूर, पिस्ता इन फलाहारों का सेवन करना चाहिए, आपको बार बार किसी चीज को नहीं खाना चाहिए, आपको एक बार ही फलाहार करना चाहिए।

17. अगर आपने एकादशी का व्रत रखा है तो आपको अपने शरीर पर कोई भी केमिकल युक्त प्रोडक्ट नहीं लगाना चाहिए, आपको उस दिन सादा रहना चाहिए।

18. इस दिन आपको अपनी इंद्रियों पर काबू रखना चाहिए और अपनी वाणी पर भी संयम रखना चाहिए।

19. आपको इस दिन गाजर, गोभी, शलजम, पालक इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि व्रतधारी इस दिन इन चीजों को नहीं खाते हैं।

20. आपको एकादशी वाले दिन चावल नहीं बनाने चाहिए क्योंकि कहा जाता है कि यदि आपने गलती से भी चावल बना लिए तो आप उन्हें नही बल्कि कीड़ो मकोड़ों को खाते हैं।

21. यदि आपने एकादशी का व्रत रखा है तो उस दिन आपको अपने बालों को बांधना नहीं चाहिए, ना ही उनमें तेल डालना चाहिए।

22. आपको उस दिन अपने लिए देसी घी में ही खाना बनाना चाहिए, क्योंकि सरसों का तेल एकादशी व्रत में वर्जित होता है।

23. अगर आपने एकादशी का व्रत रखा है तो आपको इस दिन मीठा भोजन करना चाहिए।

24. इस दिन आपको गहरे और काले रंग के कपड़ों को नहीं पहनना चाहिए बल्कि आपको हल्के रंगों के कपड़ों का चुनाव करना चाहिए।

25. आपको विष्णु भगवान की पूजा करते हुये हमेशा मंत्र जाप तुलसी की माला से ही करना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना शुभ होता है।

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