सुमंगल सुविचार
सुमंगल सुविचार
समय कितना मूल्यवान है यह बात समय खो देने के बाद ही मालूम हो पाती है । बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जो समय का मूल्य सही समय पर ही समझ पाते हैं । इसी प्रकार से हमें किसी महापुरुष, किसी मित्र या किसी प्रियजन का अहसास उस समय होता है जब वह हमारे पास नहीं होता और वे जब हमारे पास होते हैं तब हम उनका भरपूर लाभ नहीं उठा पाते
जीवन की आवश्यकताएं समय का मूल्य समझा देती हैं तब समझ में आता है कि हमें समय का लाभ उठाना चाहिए था, परन्तु अब क्या हो सकता है ? केवल पश्चाताप . . .
जीवन में ऐसा पश्चाताप न करना पडे इसके लिए पहले ही सावधान हो जाएं और समय का सदुपयोग करें ।अतीत की कड़वी सच्चाईयों से सीखने का प्रयास करें। जीवन से जो चला गया है उसका गम मनाने की जगह, जो बचा हुआ है उसे सँभालने का प्रयास करें। कुछ नई योजनायें बनाकर, नई उम्मीदों के साथ फिर कर्म के रण में उतर जाएँ।
जो खो गया है वह तो लौटकर नहीं आ सकता है। अपने नुकसान के लिए किसी को भी दोषी मानने की बजाय, और उससे बदला लेने की बजाय अपनी ऊर्जा को पुनः अपने उद्देश्य में लगायें।अपने पुराने दुःख से, अतीत की बुरी स्मृति से जब तक आप मुक्त ना होंगे तब तक भविष्य का सुनहरा कल आपका आलिंगन कैसे करेगा ?