जलझूलनी एकादशी पर क्या दान करना चाहिये?
जलझूलनी एकादशी पर क्या दान करना चाहिये?
============================
जलझूलनी एकादशी पर दान-पुण्य का बहुत महत्व हैं। इस दिन इन वस्तुओं का दान करने से जातक को महान पुण्य प्राप्त होता हैं।
• गरीब और जरूरत्मंद लोगों को, वेद-पाठी ब्राह्मणों को भोजन कराये और दक्षिणा दें।
• लोगों भगवान की भक्ति की ओर अग्रसर करें। इसके लिये भगवान विष्णु के व्रत, एकादशी व्रत, उनके मंत्रो और स्त्रोत्रों की पुस्तकें बाँटे।
• बुजुर्गों और लाचारों की सेवा करें।
• अनाथालय आदि में भोजन, वस्त्र, आदि आवश्यक वस्तुओं का दान करें।
जलझूलनी एकादशी की कहानी
====================
पौराणिक कथानुसार त्रेतायुग में एक दानवों का राजा था बलि। राजा बलि बहुत ही शक्तिशाली था। उसने अपनी शक्तियों के बल पर तीनों लोकों को अपने अधिकार में कर लिया था। उसने देवताओं को भी स्वर्ग से निष्कासित कर दिया था। तब सभी देवता भगवान विष्णु की शरण में गयें। और उनसे सहायता माँगी। तब भगवान विष्णु ने देवताओं की सहायता के लिये वामन रूप में अवतार लिया।
दैत्यगुरू शुक्राचार्य के कहने पर राजा बलि ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया। वहाँ आने वाले हर याचक को उसने दान देकर संतुष्ट किया। तब वामन रूप धारी भगवान विष्णु उसके पास गये और उससे तीन पग भूमि माँगी। दैत्यगुरू शुक्राचार्य ने राजा बलि को समझाया कि यह कोई साधारण ब्राह्मण नही है, बल्कि भगवान विष्णु स्वयं हैं और वो उनको तीन पग भूमि देने का संकल्प ना करें। परंतु राजा बलि नही माना और उसने वामन रूप धारी भगवान को तीन पग भूमि देने का संकल्प कर लिया।
तब भगवान ने विराट रूप धारण करके एक पग में पूरी पृथ्वी, आकाश और समस्त दिशाओं को ढक लिया। और दूसरे पग में स्वर्गादि सारे लोकों को ढक लिया। उसके बाद राजा बलि से पूछा कि अब तीसरा पग कहा धरूँ। तब राजा बलि ने उनसे कहा कि आप तीसरा पग मेरे शीष पर रखों। उसकी संकल्पबद्धता और भक्ति देखकर भगवान ने उससे वर माँगने को कहा। तब बलि ने भगवान से हमेशा अपने सामने रहने का वरदान माँगा। भगवान ने प्रसन्न होकर उसे पाताल का राजा बना दिया और स्वयं उसके साथ पाताल लोक में चले गये।
इस प्रकार राजा बलि ने अपना सर्वस्व भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित कर दिया। और भगवान विष्णु ने वो सब देवताओं को वापस दे दिया। इस प्रकार देवताओं को उनके अधिकार और उनका राज्य पुन: प्राप्त हुआ।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175
नोट- अगर आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजें