वात की शिकायत
Question: Sir ji, मुझे वात की शिकायत रहती हैं. हांथ – पावं मे वात की वजह से अकडण महसुस होती हैं. इस वात की बिमारी पर long time राहत मिले. ऐसी कूछ दवाई sugest करो.
Answers:
Dr Ved:
चाहे जैसा भी दर्द हो घुटने टेकेगा __””PAIN GO”” के आगे
जोड़ों का दर्द मॉसपेशियो का दर्द, रीढ़ की हड्डि का दर्द ,कमर दर्द, अर्थराइटिस ,गठिया सर्वाइकल, कमर दर्द , कंधे का दर्द, पीठ का दर्द, जॉघ व कुल्हे का दर्द, एड़ी का दर्द , बाजु का दर्द, नसों दब जाने के कारण दर्द आदि चाहे जैसा भी दर्द हो अगर ठंठ से या सीड़न से या फिर चोट लगने के वजह से दर्द मे वृद्धी हो ! चाहे वह मॉस का हो या हड्डियों का ! चाहे रोग नया हो या पुराना !
गठिया ,वात ,साइटिका ,रोग प्रायः अत्याधिक कष्ट देता है इतना कष्ट होता है कि रोगी कितना भी ह्रष्ट पुष्ट क्यों न हो उसे भी सहन कर पाना कठिन हो जाता है ! दर्द चाहे आपको पैरों मे हो या एड़ी मे या फिर कंधे मे,
दर्द चाहे ऊपर से निचे हो या निचे से ऊपर या फिर जलन युक्त या फिरघुटने से कड़कड़ाहट की अवाज ही क्यों न आती हो !
अब घबराने की जरा भी जरूरत नहीं है ! क्योंकि होमियोपैथ मे है इसका सही इलाज ! डॉ. वेद का मानना है कि ये PAIN GO उन व्यक्तियों को भी उतना ही फायदा करेगा जिसने इलाज करा करा कर थक गयें हैं या जो व्यक्ति होमियोपैथ पर विश्वास न करते हो !
हॉ…यहPAIN GO प्रयोग करते समय किसी भी तरह का परहेज करने की जरूरत विल्कुल नहीं है ! यही इसकी विशेषता है ! इस PAIN GO मे प्रयोग की गयी औषधि अगर आपके नवजात शिशु खा लिया तो भी घबराने की जरूरत विल्कुल नहीं है क्योंकि इसमे किसी प्रकार का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है।
इसके आलावा शरीर में जिन साल्ट्स की डेफिशियेंसी से ये रोग बढ़ता है उनकी पूर्ति हेतु इस कॉम्बो पैक में 250 टेबलेट की पैकिंग भी दी गई है ! होमियोपैथी विषेशज्ञ मानते है की मानव शरीर में 12 तरह के साल्ट्स होते है उनमे से जिन जिन साल्ट्स की कमी शरीर में होती है उसी से संबंधित रोग शरीर में हो जाते है !इस पैक में 30 ml के ड्रॉप्स के साथ साथ 250 टेबलेट की पैकिंग दी गई है ! सेवन विधि- ड्रॉप्स की 10 -15 बूंद कांच के गिलास में 100- 150 ग्राम पानी में डालकर दिन में 4 – 5 बार लेना चाहिए ! व साथ दी गई टेबलेट की 4-4 टेबलेट को दिन में 3 बार चूसना चाहिए ! दवा कितने दिन तक लेनी चाहिए ? जब तक रोग के लक्षण समाप्त न हो जाये इसे लेते रहना चाहिए ! विशेष – दवा शुरू करने के तुरंत बाद रोग के लक्षण बढ़ सकते है यानि रोग बढ़ता हुआ लग सकता है ये लक्षण 48 घंटे तक रह सकते है ! इससे चिंता की जरुरत नहीं ये अच्छे संकेत है की दवा और आपकी बीमारी के लक्षण मिल गए है व दवा ने रोग को प्राकृतिक तरीके से ठीक करने में काम करना शुरू कर दिया है ! अगर आप कोई अंग्रेजी दवा लेते है तो उसे एकदम बंद न करे उसे धीरे-धीरे कम करते हुए बंद करना चाहिए ! Note- इस दवा को शुरू करने हेतु कम से कम 3 पैक मंगवाना बेहतर रहता है क्योंकि इससे संबंधित रोग को पूर्णतया ठीक करने हेतु दवा रोग की अवस्था के अनुसार के अनुरूप 2 से 4 माह तक लगातार लेनी पड़ती है एक कॉम्बो पैक लगभग 20 दिन तक चलता है और फिर से आर्डर करने पर दवा डिलीवर होने में 5 से 7 दिन लगते है और पोस्टल चार्ज भी हर बार लगता है और दवा लेने में गैप भी आएगा ! इसके अलावा किसी भी रोग में लाभ भी 1 माह में स्पष्ट दिखने लगता है ! इसलिए बेहतर होगा की बेहतर परिणाम हेतु कम से कम 3 पैक का आर्डर करे !
अपनी पाचनक्रिया में सुधार करे क्योंकि सारी बीमारियों की जड़ खराब पाचन क्रिया होती है इसके लिए आप रोज सुबह और रात को सोते समय गरम पानी में शुद्ध गाए का घी मिला कर पिए।
खाना खूब चबा चबा कर खाए। पानी कम से कम एक घंटे बाद पिए और हो सके तो पानी गुनगुना हो और उसमें आधा निवू का रस डाल कर पिए।
खाने के बाद एक काम और कर सकते है की एक चूर्ण बना लीजिए अजवाइन और सौफ को भून कर समान मात्रा में रख लीजिए और उसमे से एक चमच और साथ में करीब 50 ग्राम गुड़ का सेवन जरूर करे इस से आप का खाना पूरा पच जाएगा और आपको गैस नहीं बनेगी।
और आखिर में एक बात बोलना चाहता हूं कि आप अपना लाइफस्टाइल बदलिए और फिर फरख देखिए सब धीरे धीरे सही हो जाएगा।
क्योंकि यह गैस एसिडिटी और अन्य बिमारिया सिर्फ और सिर्फ हमारे लाइफस्टाइल खराब हो जाने के कारण ही आए है।
खाने से आधा घंटा पहले 1 इंच अदरक का टुकड़ा कद्दू कस करके या बहुत बारीक काट कर उसमे थोड़ा सा नींबू और काल नमक अपने स्वादानुसार मिला कर सेवन जरूर करे इस से आप की भूख बहुत खुल जाएगी और आप को खाया पिया आसानी से पचेगा तो कोई भी समस्या आसानी से नहीं होगी।
Dr Jyoti:
एक ही पोजीशन में लंबे समय तक खड़े या बैठे रहना। इस स्थिति में ब्लड सर्कुलेशन सही रूप से नहीं हो पाता और दबाव पड़ रही जगह पर झुनझुनाहट महसूस होती है।
शरीर में कैल्शियम, पोटेशियम और सोडियम की असंतुलित मात्रा।
शरीर में बी विटामिन या फोलेट की कमी।
विटामिन की कमी के कारण शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते जिससे नसों में कमजोरी आ जाती है।
इसके अलावा डायबिटीज में बीपी में स्नायु दौर्बल्यता में झनझनाहट महसूस होती है
होमियोपैथी दवा
हाथों और उंगलियों में सुन्नता के इलाज के लिए शीर्ष उपचार में कास्टिकम, हाइपरिकम, काली फॉस, पेरिस क्वाड्रिफोलिया और फास्फोरस शामिल हैं।
सुन्नपन के लिए ऐगारिकस मस्केरियस 30 बहुत अच्छी मेडिसिन है।
अगर पैर में बहुत ज्यादा कमजोरी हो, खड़े रहने का काम हो तो पैरों में कमजोरी के साथ सुन्नपन आ जाता है। ऐसे में Gelsemium बहुत ही अच्छी दवा है
अगर बिस्तर में लेटने से सुन्नपन आता हो, अंगुली में सुन्नपन हो, झुनझुनाहट हो तो Arnica एक बहुत ही अच्छी दवा है। Arnica ब्लड सप्लाई को अच्छा करती है। Arnica 200 पोटेंसी में दिन में दो बार दो बून्द15 दिनों तक लें सुन्नपन ठीक हो जायेगा।