अडूसा (वासा ) शरबत
अडूसा (वासा ) शरबत :
औषधीय प्रयोग में आने वाले शरबत, प्रायः अर्क, स्वरस, जड़ी बूटियों के चूर्ण, सार तत्व एवं चीनी, मिश्री आदि से बनाये जाते है । आधुनिक समय अधिक समय तक प्रयोग करने व ख़राब होने से बचने के लिए, इनमें कुछ preservative का उपयोग भी किया जाता है।
इस शरबत को, अडूसा की मूल ( छाल ) से बनाया जाता है। यह शरबत खांसी, श्वास, रक्तपित्त एवं रक्तप्रदर के लिए बहुत लाभदायक है।
1- घटक द्रव्य और निर्माण ——
अडूसा की 1 किलो छाल को, 8 लीटर पानी में उबालें । जब पानी 2 किलो रह जाएं तो इसको ठंडा होने पर छान लें । उसके बाद 4 किलो मोटी और स्वच्छ चीनी मिलाकर फिर से उबालें , जब दो तार की चाशनी बन जाएं , तो उतार कर, ठंडा होने दें और स्टोर कर लें।
2- गुणकारी और उपयोगी ——–
* इस शर्बत का प्रयोग, किसी भी प्रकार की खाँसी में लाभ देता है।
* यह श्वास रोगी को भी सेवन कराने से , श्वास रोग में लाभदायक है।
* यह शर्बत, रक्तपित्त व रक्त प्रदर के रोग में भी लाभ देता है।
* इस का प्रयोग करने से, रक्त बवासीर के रोगी को भी लाभ होता है।
* इस शर्बत का प्रयोग जुकाम के रोगी भी कर सकते है। ये जुकाम को भी नष्ट करता है।
* इसका सेवन स्वतंत्र रूप से, उपरोक्त रोग के रोगियों को औषधीय के साथ, अनुपान के रूप में दिया जा सकता है।
3- सेवन की मात्रा ——-
दो से तीन तोला मात्रा लेकर, उतना ही जल मिलाकर दिन में दो – तीन बार सेवन करें।
विशेष ——
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