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जानें हस्तरेखा से भविष्य

जानें हस्तरेखा से भविष्य
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हमारी शक्तियों का केंद्र है अंगूठा
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अंगूठा हमारे हाथ का प्रतिनिधित्व करता है। हाथ की रेखाओं का जितना महत्व होता है उनसे भी ज्यादा महत्व अंगूठे का माना गया है। अंगूठा व्यक्ति की इच्छाशक्ति का केंद्र होता है। केवल अंगूठे को देखकर व्यक्ति के स्वभाव, प्रकृति का पता लगाया जा सकता है क्योंकि अंगूठा व्यक्ति की आन्तरिक क्रियाशीलता को स्पष्ट करता है। अंगूठे का सीधा सम्बन्ध हमारे मस्तिष्क से होता है।
अंगूठे के पृष्ठ भाग की आकृति मुख्यत: पांच प्रकार की होती है-

1. नोकदार अंगूठा
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ऐसे अंगूठे देखने में बहुत सुंदर दिखाई देते हैं। ऐसे अंगूठे मूल से चौड़े व मध्य में गोल तथा नाखून के अन्त तक पहुंचते – पहुंचते नुकीले हो जातें हैं। स्त्रियों के हाथ में प्रायः इसी प्रकार के अंगूठे पाये जातें हैं।
जिस जातक के हाथ में ऐसे अंगूठे होते हैं वह नाजुक मिजाज, सौन्दर्ययुक्त व भावात्मक होते हैं। ऐसे व्यक्ति आदर्शवादी, काल्पनिक, सज्जन, व अतिप्रेमी होते हैं। परन्तु शारीरिक श्रम इनके बस का खेल नहीं। ऐसे व्यक्तियों में स्वचिन्तन अधिक होता है। इसलिए लोगों की नजरों में स्वार्थी माने जाते हैं। परन्तु ऐसे जातक श्रेष्ठ मित्र साबित होते हैं।

2. सूच्याकार अंगूठा
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नाम से स्पष्ट है ऐसा अंगूठा पीछे से चौड़ा व ऊपर से गोलाकार सकडा़ होता है। ऐसे लोगों में कल्पना के साथ व्यावहारिकता का सम्मिश्रण होता है। ऐसे व्यक्ति सुन्दर भोजन, सुंदर वस्त्र, कलात्मक व सौन्दर्यपूर्ण सभी वस्तुओं के शौकीन होते हैं। इनमें शारीरिक व मानसिक क्षमता बराबर होती है।

3. वर्गात्मक अंगूठा
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ऐसे जातक कर्मठ व क्रियाशील होटल मात्र कर्म में ही विश्वास रखते हैं। ये पूर्णतः भौतिकवादी व व्यवहारशील होते हैं। झूठी शान – शौकत, कल्पना व ऊंचे आदर्शों में इनका विश्वास नहीं होता है। ऐसे व्यक्ति मेहनतकश व सादगी पसन्द एवं प्रायः मध्यमवर्गी होते हैं। ऐसे लोगों आंखें मूंद कर किसी भी बात पर विश्वास नहीं करते, अपितु अपनी बुद्धि व तर्क की कसौटी से सत्यासत्य का स्वयं निर्णय लेते है। ईमानदारी ऐसे लोगों की प्रमुख विशेषता होती है।

4. फैले हुए सिरेवाले अंगूठा
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ऐसा अंगूठा जो सूच्याकार अंगूठे के ठीक विपरीत आकृति वाला होता है। अर्थात ऊपर से चौड़ा व नीचे से सिकुड़ा होता है। ऐसे व्यक्तियों में मानसिक क्रियाशीलता अधिक होती है। ऐसे व्यक्तियों की कल्पनाएं व्यावहारिक व खोजपूर्ण होती है। कुछ नवीन कार्य, नवीन आविष्कार, कुछ -न- कुछ नई खोजों व अद्भुत कार्य करने की इनकी स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। ऐसे व्यक्ति धार्मिक व आध्यात्मिक क्षेत्र में सफल होते हैं।

5. आयताकार अंगूठा
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ऐसे लोगों के जीवन में भौतिक पृष्ठभूमि होती है। खाना, पीना व ऐश करना इनका सहज स्वभाव होता है। इनमें शारीरिक शक्ति व स्फूर्ति गजब की होती है। ऐसे जातकों के जीवन में अध्ययन – प्रवृत्ति नहीं होती, ऐसी परिस्थिति में इनका मानसिक विकास नहीं हो पाता है ऐसे में यह लोग असामाजिक तत्वों की सोहबत में आकर ये लोग, डाकू, खूनी, हत्यारे व क्रूरता पाशविक प्रवृत्ति को भी धारण कर सकते हैं।


राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो.
9611312076

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