जानें हस्तरेखा से भविष्य… 70
जानें हस्तरेखा से भविष्य… 70
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मस्तिष्क रेखा का झुकाव चंद्र पर्वत की ओर हो तो जातक होता है दार्शनिक
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हथेली के मूल में चंद्र पर्वत का स्थल कल्पनाशक्ति का प्रजनन बिन्दु कहलाता है। मस्तिष्करेखा में जो भी निम्नगामी झुकाव आता है वह चंद्र पर्वत द्वारा मस्तिष्करेखा को अपनी ओर खींचने (आकर्षित करने) के कारण आता है। बहुत से दार्शनिक एवं अध्यात्मवादी लोगों के हाथ में मस्तिष्करेखा को सम्पूर्ण रूप से नीचे की ओर झुकती (मोड़ लेती हुई देखी जाती है। यदि झुकाव छोटा हो तो मनुष्य छोटे से अंतराल तक प्रभावित रहता है। यदि रेखा वापस ऊपर की ओर उठ जाये तो समझें कि मनुष्य पुनः व्यावहारिक बुद्धि संपन्न हो गया है। यदि झुकाव किसी पर्वत विशेष की ओर हो तो जातक उस पर्वत संबंधी दोष के कारण अव्यावहारिक होगा। तीनों विश्व के उठाव का पता लगायें, उसमें भी पता चलेगा कि जातक किस विश्व के गुण-अवगुण से प्रभावित होकर सोचता है।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076