पतला दस्त होना
QUESTIONS: 11saal ki bachhi ko patla dast jaa rha hai. Subah se koi gharelu upay btaiye prabhu ji
ANSWERS:
Dr Ved: जायफल, केला, घी और इलायचीघी में एक या दो केले, एक चुटकी इलायची और जायफल का पाउडर डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। इस मिश्रण के सेवन से पतले मल को रोकने में मदद मिल सकती है क्योंकि इस मिश्रण में पोटेशियम सामग्री भरपूर होती है।
नारियल पानी नारियल पानी लूज मोशन के कारण होने वाले डिहाइड्रेशन से बचाता है. …
जीरे का पानी एक गिलास पानी में एक चम्मच जीरा डालकर उबाल लें. …
दही दही का सेवन भी दस्त के दौरान फायदेमंद माना जाता है. …
JOP: पतले दस्त से पीड़ित होने पर केला खाने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है। केले में पोटेशियम पाचन को वापस सामान्य करने में मदद करेगा। केले में प्रतिरोधी स्टार्च होता है जो बृहदान्त्र में पानी और नमक को अवशोषित करने में मदद करता है और इस प्रकार, आपके मल को मजबूत बनाता है।
ढीली गति के लिए सबसे अच्छा खाद्य पदार्थों में से एक दही है जो आपके पेट पर सुखदायक और शीतलन प्रभाव डालता है। यह एक प्रोबायोटिक है जो आपके अच्छे आंत बैक्टीरिया को फिर से भरने में मदद करता है जो पाचन और स्वस्थ आंत्र आंदोलनों में सहायता करते हैं।
मूंग दाल के साथ एक हल्की खिचड़ी आपके ढीले मोशन आहार में शामिल होने का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह आपको आवश्यक शक्ति और ऊर्जा देता है और आसानी से पच जाता है। फाइबर युक्त साबुत अनाज के विपरीत सफेद चावल पचाने में आसान होते हैं और आपके मल को अधिक ठोस बनाते हैं।
यदि आप गतियों को खोने के लिए एक आदर्श भोजन की तलाश कर रहे हैं, तो चमड़ी वाले सेब खाए जा सकते हैं। सेब पेक्टिन का एक अच्छा स्रोत है, जिसमें बाध्यकारी गुण हैं। स्टीव्ड सेब भी एक अच्छा विकल्प है।पतले दस्त से पीड़ित होने पर केला खाने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है। केले में पोटेशियम पाचन को वापस सामान्य करने में मदद करेगा। केले में प्रतिरोधी स्टार्च होता है जो बृहदान्त्र में पानी और नमक को अवशोषित करने में मदद करता है और इस प्रकार, आपके मल को मजबूत बनाता है।
ढीली गति के लिए सबसे अच्छा खाद्य पदार्थों में से एक दही है जो आपके पेट पर सुखदायक और शीतलन प्रभाव डालता है। यह एक प्रोबायोटिक है जो आपके अच्छे आंत बैक्टीरिया को फिर से भरने में मदद करता है जो पाचन और स्वस्थ आंत्र आंदोलनों में सहायता करते हैं।
मूंग दाल के साथ एक हल्की खिचड़ी आपके ढीले मोशन आहार में शामिल होने का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह आपको आवश्यक शक्ति और ऊर्जा देता है और आसानी से पच जाता है। फाइबर युक्त साबुत अनाज के विपरीत सफेद चावल पचाने में आसान होते हैं और आपके मल को अधिक ठोस बनाते हैं।
यदि आप गतियों को खोने के लिए एक आदर्श भोजन की तलाश कर रहे हैं, तो चमड़ी वाले सेब खाए जा सकते हैं। सेब पेक्टिन का एक अच्छा स्रोत है, जिसमें बाध्यकारी गुण हैं। स्टीव्ड सेब भी एक अच्छा विकल्प है।
RJ: पतले दस्त के कुछ सफल घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं:
1. बेल और पानी
बेल का गूदा पानी में मथकर थोड़ी-सी शक्कर मिलाकर नित्य कुछ दिनों तक पीने से दस्त बंद हो जाते हैं|
2. पीपल और पानी
पीपल के दो पत्तों को पानी में उबालकर पानी पिएं|
3. बेल
बेल का मुरब्बा सेवन करने से हर प्रकार के दस्त रुक जाते हैं|
4. सौंफ, ईसबगोल, बेलगिरी और चीनी
सौंफ, ईसबगोल, बेलगिरी तथा चीनी-सब 100-100 ग्राम की मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाकर कांच की शीशी में रख लें| इसमें से 5-5 ग्राम चूर्ण नित्य सुबह-शाम मट्ठे या ताजे पानी के साथ सेवन करें|
5. दूब
यदि दस्त के साथ खून आने की शिकायत हो तो दूब का रस आधा चम्मच सेवन करें या थोड़ी-सी दूब का काढ़ा बनाकर पिएं|
6. जामुन, मट्ठा, पानी और आम
जामुन और आम की गुठली की गिरी पीसकर चूर्ण बना लें| सुबह-शाम आधा-आधा चम्मच चूर्ण मट्ठे या ताजे पानी से लें|
7. अफीम और पानी
एक रत्ती अफीम पानी के साथ लेने से दस्त रुक जाते हैं|
8. जामुन और चीनी
पके हुए फरैंदा जामुन का रस पांच चम्मच लेकर उसमें जरा-सी चीनी या गुड़ मिलाकर सेवन करें|
9. रीठा:
दो चम्मच रीठे का पानी पीने से हर तरह के दस्त रुक जाते हैं|
10. जायफल, तुलसी और पानी
थोडा-सा जायफल सिल पर घिसें| उसमें तुलसी के बीजों का चूर्ण आधे चम्मच की मात्र में मिलाएं| फिर इसे एक कप पानी में घोलकर पी जाएं|
11. लौकी और छाछ
लौकी का रायता छाछ में बनाकर भोजन के साथ लें|
12. छाछ और शहद
रोज दो कप छाछ में एक चम्मच शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से हर प्रकार का दस्त समाप्त हो जाता है|
13. आम
आम की कोंपलों को पानी में औटाकर छानकर सेवन करें|
14. बेल और फिटकिरी
बेल का रस एक गिलास लेकर उसमें एक चुटकी भुनी हुई फिटकिरी मिलाकर सुबह-शाम पिएं|
15. नीबू और घी
यदि किसी अंग्रेजी दवा के कारण दस्त हो तो नीबू के रस में थोड़ा-सा घी मिलाकर पी जाएं|
16. पुदीना और पानी
चार बूंद अर्क पुदीना ताजे पानी में डालकर सेवन करें|
17. दाल और बथुआ
बथुए की सब्जी मूंग की दाल में मिलाकर खाने से दस्तों में काफी आराम मिलता है|
18. इमली, पानी और मट्ठा
इमली के चियों को पानी में पीस लें| फिर दो चम्मच की मात्र में मट्ठे के साथ सेवन करें|
19. नीम और मिश्री
यदि गरमी के मौसम में दस्त का रोग हो जाए तो चार-पांच नीम के मुलायम पत्ते पानी में उबाल-छानकर थोड़ी-सी मिश्री डालकर पी जाएं|
20. तुलसी
तुलसी के दो-चार पत्ते सुबह-शाम चबा जाएं| दस्त रुक जाएंगे|
21. दालचीनी
2-3 ग्राम दालचीनी का चूर्ण खाकर ऊपर से पानी पी लें|
22. पानी, अदरक और कालीमिर्च
एक कप पानी में अदरक का रस एक चम्मच तथा चार दाने कालीमिर्च औटाकर काढ़े के रूप में सेवन करें|
23. पीपल, हरड़ और काला नमक
चार पीपल, दो छोटी हरड़ तथा दो चुटकी काला नमक पीसकर तीन खुराक करें| दिन में तीन बार इस चूर्ण को लेने से दस्त बंद हो जाते हैं|
24. धनिया
धनिया का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में फांककर पानी पी लें|
25. अखरोट
एक अखरोट की गिरी को महीन पीसकर नाभि पर पतला-पतला लेप करें| यदि दस्तों में ऐंठन या मरोड़ होगी तो वह भी रुक जाएगी|
26. खसखस, पानी और दही
दो चम्मच खसखस थोड़े-से पानी में पीस लें| फिर इसे दही में मिलाकर खाने से मरोड़ वाले दस्त रुक जाते हैं|
●अतिसार दस्त में क्या खाएं क्या नहीं
दस्तों में आराम पहुंचाने वाला भोजन मूंग की दाल की पतली खिचड़ी है| यह खिचड़ी बिना घी डाले छाछ या मट्ठे के साथ खानी चाहिए| मिर्च-मसाले वाले भोज्य पदार्थों या पकवान का प्रयोग दस्त ठीक होने तक न करें| दिनभर तुलसी की पत्तियों का पानी पिएं| यह पानी बनाने के लिए एक लीटर पानी में चार-पांच तुलसी की पत्तियां डालकर उबाल लें| इस पानी को तांबे के बरतन में रख लें| इसे पेट के कीड़े मारने में भी प्रयोग किया जा सकता है|
गरम, शुष्क तथा नशीले पदार्थों का सेवन न करें| जब पाखाना कुछ बंधकर आने लगे तो लौकी, टिण्डे या तरोई की सब्जी के साथ चोकर सहित आते की चपाती बनवाकर खाएं| प्रतिदिन हल्का व्यायाम करें और पेट पर पानी की धार छोड़ें| नीबू, अनार, केला, पपीता, अमरूद आदि फल थोड़ी मात्रा में लेते रहें|
अतिसार दस्त का कारण
यह रोग भोजन न पचने, दूषित भोजन करने, संक्रमण, आंतों में सूजन, पेचिश की बीमारी आदि से सम्बंधित है| यह ज्यादातर अजीर्ण के कारण हो जाता है| पेट में जमा हुआ मल आंतों से उखड़ कर बाहर निकलना चाहता है, किन्तु सड़न क्रिया के कारण वह पतले रूप में बाहर आता है|
अतिसार दस्त की पहचान
इस रोग में थोड़ी-थोड़ी देर के अन्तर से बार-बार पतला मल आता है| रोगी की बेचैनी बढ़ जाती है| पेट में दर्द, मरोड़, गुड़गुड़ाहट, खट्टी डकारें आदि लक्षण साफ-साफ दिखाई देते हैं|