जीवन की विभिन्न अवस्थाएं
जीवन की विभिन्न अवस्थाएं
एक युवती की मृत्यु और उम्र के साथ बदलते विचार
एक 18 साल की युवती का मृत नग्न अवस्था में शरीर पड़ा था। वह इतनी युवा थी कि जीवन की कई खुशियाँ और सपने उसके सामने थे, लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं थी।
तभी एक कुत्ता आया और उसके पास से गुजरा। वह अपनी भूख को शांत करने के लिए सोचता है, “लोग हट जाएं तो मैं कुछ खा लूं।” कुत्ते की यह प्रतिक्रिया उसकी प्राकृतिक प्रवृत्ति को दर्शाती है। वह सिर्फ अपनी भूख के बारे में सोचता है, न कि युवती के मृत शरीर के प्रति कोई भावनात्मक जुड़ाव।
इसके बाद, एक युवा कान में लीड लगी हुई पास से निकला। वह आगे जाता है, रुक कर वापस आता है और आसपास टहलता है, ज्यादा से ज्यादा अंगों को देखने का प्रयास करता है। यह युवा की जिज्ञासा और आकर्षण को दर्शाता है। वह युवती के मृत शरीर को एक अज्ञात और आकर्षक वस्तु के रूप में देखता है, जिसे वह जानना चाहता है।
फिर एक प्रौढ़ आया, जो कहता है, “शर्म करो इसे ढ़को!” वह अपने कंधे से साफी निकालकर उसे ढंक देता है। यह प्रौढ़ की भावनात्मक परिपक्वता और समाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है। वह युवती के मृत शरीर के प्रति सम्मान और सहानुभूति का भाव रखता है।
अंत में, एक बृद्ध आया, जो कहता है, “अरे भाई, रात हो जायेगी, इसे जानवर नोंचेगे। चलो चंदा करते हैं पास में इसका अंतिम संस्कार कर देते हैं।” यह बृद्ध की अनुभवजन्य ज्ञान और दायित्वबोध को दर्शाता है। वह जानता है कि मृत शरीर का सम्मान करना और उसका अंतिम संस्कार करना हमारा नैतिक कर्तव्य है।
इस कहानी में हमें यह समझने में मदद मिलती है कि उम्र के साथ हमारे विचारों और भावनाओं में कैसे परिवर्तन होता है। यह हमें यह भी याद दिलाती है कि जीवन में हर अवस्था में हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझना चाहिए।