गंजापन, बाल झड़ना , बाल सफेद हो जाना
गंजापन, बाल झड़ना , बाल सफेद हो जाना
बालों का गिरना, गंजापन या बाल सफेद हो जाना की समस्या पहिले 35-40 साल की उम्र के बाद होती थी, किन्तु इस समय कम उम्र वाले भी बालों की उपरोक्त समस्यों से जूझ रहे हैं।
आज हम एक ऐसा नुख्सा बताने जा रहे है जो बालों का सफेद होना रोककर बाल को काला कर देगा, झड़ते गिरते हुए बालो का गिरना रोक देगा व सबसे बड़ी बात इस नुख्शे के कुछ माह के प्रयोग से गंजे लोगों या कम बालों वाले महिला पुरुष के सिर में फिर हरियाळी ला देता है। यह नुख्सा इतना कारगर है कि गंजे लोगो के सिर में पुनः बाल उगा देता है।
स्वयं बनाये और चमत्कार देखें…
🔹सेवन हेतु औषधि:- आंवला, अनन्तमूल, भृंगराज, काला तिल, बायबिडंग, हरड़, बहेड़ा, पीपल, मुलहठी सभी 10 -10gm मिलाकर पाउडर कर लें, इसमे भांगरा व आँवला की 2-2 भावना देकर घुटाई कर लें।
फिर इसमे कशीस भस्म 5gm व कांतलौह भस्म 2gm मिलाकर पुनः घुटाई कर सुरक्षित रख लें।
🔹बालों हेतु ऑयल:- इसको बनाने में जो भी औषधि प्रयुक्त हो रही है, आप अपने अनुसार कम, ज्यादा या हटा सकते है।
आम गिरी, आँवला, बहेड़ा, झाऊ की जड़, इन्द्रायण बीज, सहजन व काचनार छाल, (अनार, बरगद, आम, सिरस, करंज, एरण्ड, चित्रक व चमेली के पत्र), सरिवा कल्क, खरेंटी, पुण्डरीक काष्ट, जटामांसी, बालछड़, रक्त गुंजा, कलिहाड़ी, प्रियंगु व गुलहड़ के पुष्प इत्यादि सभी 100- 100gm, कपूर कचरी 10gm, बहमन सुर्ख 50gm, बच 10gm, शँख भस्म 20gm। सभी को कूट पीसकर 10लिटर पानी मे भिगोकर 24 घण्टे के लिए रख दे। दूसरे दिन इसे आग पर चढ़ाकर भगौने को गर्म करें, जब आधा रह जाये तब इसे छान कर तरल रख ले। बचे हुए जड़ीबूटियों में पुनः 5 लीटर पानी डालकर गरम करें जब आधा रह जाये तब पुनः इसे छान कर तरल रख ले। अब बची ठोस औषधि को फेंक दे।
दोनो छने हुए तरल को मिलाकर इसमे तिल तेल 1kg, जैतून, नारियल व कलौंजी तेल 250- 250gm, बादाम तेल 100gm मिलाकर पुनः आग पर चढ़ा दे, जब पानी उड़ जाए तब इसे छानकर सुरक्षित रख ले।
🔹सेवन विधि:- इस चमत्कारी तेल को सुबह शाम सिर पर लगाएं व चुंर्ण को 1 – 1gm सुबह शाम आंवला जूस या जल से सेवन करें।
15 दिन में ही बाल गिरना झड़ना रूखापन खत्म हो जाता है।
60 दिन के प्रयोग से सफेद बाल काले होने शुरू हो जाते हैं व बाल घने व मजबूत हो जाते है।
90 दिन के प्रयोग के बाद गंजे लोगों के बाल पुनः निकलना शुरू हो जाते है।
उपरोक्त औषधि सेवन के समय अपने खानपान, आहार विहार का ध्यान रखें।
स्वयं बनाये और लाभ उठाएं।।