माता को निम्नलिखित अवस्थाओं में दूध नही पिलाना चाहिए
महर्षि वागभट्ट जी कहते है कि माता को निम्नलिखित अवस्थाओं में दूध नही पिलाना चाहिए भूखी होने पर (अर्थात् भुख लगी हुई है ), थकी (घर का काम धंधा, कपड़े आदि धोकर थक गई हो), क्रोध (पति आदि से किसी बात को लेकर अभी खुब गुस्सा आ गया है), रस – रक्त आदि धातुओं के दूषित होने पर, गर्भवती (पेट में बच्चा) होने पर, विरोधी खान पान (अर्थात् समय पर खाना पीना न करना, व विरोधी आहार जैसे दूध के साथ केला आदि लेने पर), औषध के न पचने पर बालक को दूध नही पिलाना चाहिए।
विमर्श-भोजन के तुरंत बाद भी दूध नही पिलाना चाहिए।भोजन के 45 मिनट बाद दूध पिलाने चाहिए। इन सब बातो को ध्यान न रखते हुए यदि उपरोक्त अवस्था में दूध पिलाएंगे तो प्राय: करके बालक कोई न कोई बिमारी से पीड़ित अवश्य होगा।बहुत सारे लोग इन बातो पर आजकल ध्यान नहीं दे रहे है जिस करके उनके बच्चे दुःखी (बिमार) रहते है।