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करंज: अनेक रोगों की रामबाण औषधि

🌿 करंज: अनेक रोगों की रामबाण औषधि

🔍 करंज का परिचय

करंज (Pongamia pinnata) भारत में नदियों, नालों और सड़कों के किनारे सहजता से मिलने वाला एक साधारण-सा पेड़ है, लेकिन इसका महत्व साधारण नहीं है। आयुर्वेद में करंज को चर्म रोग, बवासीर, पेट की बीमारियों, आँखों के रोग, कुष्ठ रोग और यहां तक कि लकवे जैसी गंभीर समस्याओं के इलाज में उपयोगी माना गया है।

इस पौधे के बीज, पत्ते, जड़, छाल और तेल – सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं। इसके बीज से निकाला गया तेल विशेष रूप से चर्म रोगों में चमत्कारी रूप से काम करता है।


🌿 करंज की प्रमुख प्रजातियाँ:

  1. वृक्ष करंजPongamia pinnata

  2. पूतिकरंजCaesalpinia bonduc

  3. लता करंजCaesalpinia crista


📚 भाषानुसार नाम:

  • हिंदी: करञ्ज, पापर

  • संस्कृत: नक्तमाल, स्निग्धपत्र

  • अंग्रेज़ी: Indian Beech, Pongam Oil Tree

  • तमिल: पुंगम्

  • तेलुगु: करनुगा

  • गुजराती: करञ्ज

  • बंगाली: केरूम

  • उर्दू: करञ्जवाह
    (अन्य भाषाओं में भी कई नाम प्रचलित हैं)


🌿 करंज के औषधीय लाभ और प्रयोग

त्वचा व चर्म रोगों में लाभकारी

  • करंज तेल त्वचा के लिए चमत्कारी है। सोरायसिस, खुजली, कुष्ठ, फोड़े-फुंसी में लाभकारी।

  • करंज बीज का पेस्ट चेहरे पर लगाने से चमक बढ़ती है।

बवासीर में अत्यंत उपयोगी

  • करंज की पत्तियों को घी में भूनकर खाने से बवासीर में राहत मिलती है।

  • बीज चूर्ण को शहद के साथ लेने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।

नेत्र रोगों में करंज

  • करंज बीज को दूध में पकाकर आंखों में काजल की तरह लगाना लाभकारी है।

पेट व पाचन से जुड़ी समस्याएँ

  • करंज का काढ़ा दस्त, पेट दर्द, और अपच में उपयोगी।

  • तिल्ली बढ़ने (प्लीहा) की समस्या में विशेष लाभ देता है।

गंजापन और बालों की समस्याएँ

  • करंजादि तेल से सिर की मालिश करने पर गंजेपन में लाभ होता है।

लकवा और गठिया में राहत

  • करंज तेल की मालिश से लकवा, गठिया और स्नायु विकारों में सुधार होता है।

साइनस, मस्से और सिफलिस में उपयोगी

  • करंज का रस साइनस घाव धोने, मस्से सुखाने और घाव भरने में मदद करता है।


🧪 औषधीय मात्रा और सेवन विधि

  • बीज चूर्ण: 1–3 ग्राम

  • पत्ते का रस: 10–20 मिली

  • तेल उपयोग: बाह्य प्रयोग (त्वचा पर या मालिश के लिए)


🌱 करंज कहां पाया जाता है?

भारत के लगभग हर क्षेत्र में यह 1200 मीटर की ऊंचाई तक नदियों, तालाबों और वनों के किनारे सहज रूप से पाया जाता है।


करंज कोई साधारण पेड़ नहीं, बल्कि आयुर्वेद का एक खजाना है। इसका हर भाग रोग निवारण में सहायक है। आज जब लोग आधुनिक दवाओं से परेशान हैं, करंज जैसे औषधीय पेड़ों की ओर लौटना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।

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