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गोगा/गोपा पंचमी आज

गोगा/गोपा पंचमी आज
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हिन्दू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ‘गोपा पंचमी’ जिसे कुछ स्थानों पर ‘भाई-भिन्ना’ या ‘गोगा पंचमी’ भी कहा जाता है, यह पर्व भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है, जिसे विशेष तौर पर गोगा देव और नागदेवता के रूप में पूजा जाता है। इस वर्ष गोपा पंचमी की तिथि 13 अगस्त 2025, दिन बुधवार को पड़ रही है।
गोगा/गोपा पंचमी और भाई-भिन्ना पर्व के शुभ मुहूर्त-
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भाद्रपद कृष्ण पंचमी का आरम्भ: 13 अगस्त को सुबह 06:35 मिनट से
पंचमी का समापन- 14 अगस्त को अंत 04:23 ए एम पर।
महत्व :
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गोगा/गोपा पंचमी और भाई-भिन्ना पर्व प्रतिवर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाता है। कई स्थानों पर इसे भाई भिन्ना व्रत भी कहा जाता है तथा इस दिन विशेष तौर पर गोगा देव यानी जाहरवीर गोगाजी की पूजा की जाती है। इस दिन बहनें खास तौर अपने भाइयों की लंबी आयु और उनकी सुरक्षा के लिए पूजन तथा उपहार की परंपरा भी निभाती हैं। जनमानस में प्रचलित मान्यता के अनुसार इस दिन गोगा देव और नाग देवता की पूजा विशेष तौर पर की जाती है। यह व्रत नि:संतान महिलाओं की सूनी गोद जल्द ही संतान सुख से भर देते हैं। यह व्रत पति और संतान को लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य देने वाला माना जाता है, तथा गोगा पंचमी के दिन बहन अपने भाई के माथे पर टीका लगाकर उन्हें मिठाई खिलाकर स्वयं चना और चावल का बना हुआ बासी भोजन ग्रहण करती है, जो कि एक दिन पहले ही बनाया होता है। फिर भाई अपने बहनों को क्षमतानुसार रुपए या गिफ्ट भेंट स्वरूप देते हैं।
गोगा पंचमी पूजा विधि-
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* गोपा/गोगा पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें।
* इसके बाद सूर्य भगवान को जल से अर्घ्य दें और पीपल व तुलसी में जल चढ़ाएं।
* अब दीवार को साफ-सुथरी करके गेरू से पुताई करें।
* अब कच्चे दूध में कोयला मिलाकर पुती दीवार पर चौकोर नुमा आकृति बना दें।
* उसके ऊपर गेरू, रोली तथा कोयला मिक्स करके 5 सर्प या सांप बनाएं।
* उसके बाद सर्प की जो आकृतियां आपने बनाई है, उस पर कच्चे दूध, पानी से अभिषेक करें और रोली व चावल अर्पित करें।
* फिर बाजरा, आटा, घी और शकर मिलाकर प्रसाद चढ़ाएं।
* पूजन के बाद मंत्र- ‘ॐ नम: शिवाय’ का जाप जरूर करें। कम से कम एक माला जाप करें।
* ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद

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