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Vaidh Shesh Nath Yadav

व्यक्ति विशेश परिचय

वैद्य शेषनाथ यादव जी से हम तकरीबन 5 वर्ष से सोशल मिडिया के माध्यम से परिचित हुए, और उनसे कई बार आयुर्वेद के बारे चर्चा होती रही, कुछ माह पूर्व वर्तालाप के दौरान ही हमने उस वर्तालाप को इन्टरव्यू का रूप दे दिया और उस इन्टरव्यू को पाठको के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हू। वैद्य शेषनाथ यादव बिहार के रहने वाले है और वह अपनी औषधालय मे औषधी का स्वयं निर्माण करते है, आप उनसे 7320040350, 9939826593 पर सीधा सम्पर्क कर सकते हैं।

रविन्द्र जायसवालः आप हमे अपने शैक्षिक पृष्ठभूमि और पेशेवर योग्यता के बारे मे संक्षेप मे बताएं।

वैद्य शेषनाथ यादवः आध्यात्मिक पृष्ठभूमि परिवार मे जन्म लेने और उसका महत्वपूर्ण हिस्सा होने के नाते आध्यात्मिक और धार्मिक माहौल में प्रवेश किया, तो हमारी मनोदशा और दृष्टिकोण में विशेष बदलाव हुआ। इस आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के परिणामस्वरूप, आयुर्वेद में हमारी रूचि शुरू से ही उभरी और बी.ए.एम.एस. की पढाई पूरी की। आयुर्वेद हमें स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के मार्गदर्शन करता है और प्राकृतिक उपचारों की विश्वसनीयता पर जोर देता है। हमारे परिवार में अपनाये गए आयुर्वेदिक सिद्धांतों और उपायों के माध्यम से हमने स्वास्थ्य को समर्पित किया है। आयुर्वेद की प्रकृति के साथ मिलीजुली और आध्यात्मिक प्रथाओं की ऊर्जा ने हमें अपने शरीर-मन-और आत्मा की देखभाल करने की महत्वपूर्ण जागरूकता दी है। यह एक संतुलित और पूर्ण जीवन की दिशा में हमारी प्रेरणा बनी है और हमें आध्यात्मिकता के माध्यम से आयुर्वेदिक चिकित्सा के लाभों का अनुभव करने का मौका दिया है।

रविन्द्र जायसवालः आपने आयुर्वेदिक प्रथाओ को ही चयन क्यो किया।

वैद्य शेषनाथ यादवः गुरूदीक्षा के पश्चात गुरूदेव के निर्देश में आयुर्वेद का सतत अध्ययन और रूग्णो के चिकित्सा मे सफलता मिली जो एलोपैथी के मुकाबले मे हानिरहित और निर्दाेष चिकित्सा पद्वति है आयुर्वेद, इसलिए मैने इसी क्षेत्र में आगे बढने हेतु इसका चयन किया।

रविन्द्र जायसवालः मरीजों के इलाज करते समय आपका क्या अनुभव है और क्या उन्हे आयुर्वेद इलाज पर भरोसा है।

डा शेषनाथ यादवः अब भी मेरे पास कई व्यक्ति ऐसे चिकित्सार्थ आते है तो आयुर्वेद के सिद्वान्तो के अनुरूप दर्शन स्पर्शन परिदृश्य दोष, दृष्य प्रकृति देश काल परिस्थिति के अनुसार निदान कर चिकित्सा करता हॅू। जिससे लोगो को लाभ होता है और उनका विश्वास आयुर्वेद मे दृढ हो जाता है।

रविन्द्र जायसवालः मरीजो का इलाज के रूप में पारंपरिक चिकित्सा कितनी प्रभावी है।

वैद्य शेषनाथ यादवः आज के परिदृश्य में आयुर्वेद शतप्रतिशत प्रभावी है। इसके लिए निदान सही होना जरूरी है, साथ ही औषधी का चयन, मात्रा, और अनुपान का ध्यान रखना आवश्यक है। इसके अलावा, आहार-विहार भी संयमित होना चाहिए। आयुर्वेदिक चिकित्सा में सही औषधियों का चयन आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप होना चाहिए और उनका सही उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही, संयुक्त रूप से उपयोग किए जाने वाले अनुपान का चयन व्यक्ति की प्रकृति, विकृति, और रोग के आधार पर होना चाहिए। संयमित आहार-विहार स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

रविन्द्र जायसवालः कोरोना काल मे जैसे आयुर्वेद दवाओ का इस्तेमाल किया गया है, उससे आयुर्वेद पर लोगो का विश्वास बढा, इस पर आप अपना अनुभव शेयर करे।

वैद्य शेषनाथ यादवः कोरोना काल में मैने भगवान धंनवतरि की कृपा से असंख्य लोगो को असयम काल कबलित होनेे से बचाया केवल आनलाइन सलाह के द्वारा लक्षणिक चिकित्सा से उनका इलाज किया तब से अब तक लोग आज भी आनलाइन सलाह लेते हे, आवश्यकतानुसार उन्हे औषधि स्पीड पोस्ट, कुरियर से भी उपलब्ध कराता हू।

रविन्द्र जायसवालः आज के परिवेश में इस भागदौड की जिन्दगी में लोगो के पास समय कम होने की वजह से सप्लीमेन्टस का इस्तेमाल करते है, आप का क्या विचार है।

वैद्य शेषनाथ यादवः जब बात सप्लीमेंट की होती है, तो हमेशा याद रखें कि किसी भी चीज को बिना वैद्यकीय सलाह के लेना उचित नहीं होता। अपनी सेहत के लिए सप्लीमेंट्स का उपयोग करते समय सतर्क रहना आवश्यक है, क्योंकि इनमें प्राकृतिक या औषधीय तत्व होते हैं और उनके सेवन से शारीर की क्रियाओं में परिवर्तन हो सकता है। सप्लीमेंट्स का उचित चयन करने के लिए एक वैद्यकीय पेशेवर से सलाह लेना आवश्यक होता है, क्योंकि वे आपके रोग के प्रकार, स्वास्थ्य स्थिति, और अन्य चिकित्सीय परिणामों के आधार पर आपको सही सप्लीमेंट्स की सलाह देंगे। सप्लीमेंट्स का नियमित सेवन करते समय भी, आपको वैद्यकीय पेशेवर की निरंतर निगरानी और मार्गदर्शन की जरूरत होती है, ताकि आप स्वस्थ रह सकें और सुरक्षित उपयोग करें।

रविन्द्र जायसवालः आप आयुर्वेद के भविष्य और इसकी भूमिका के बारे मे क्या सोचते है।

वैद्य शेषनाथ यादवः जितने भी रोगी जैसे मधुमेह, थायरोइड मानसिक रोग, ह्रदय रोग इत्यादि जिसमें आजीवन दवा खानी पडती है इनकी चिकित्सा कुशल वैद्य के निर्देश मे ही तो ये हमेशा के लिए ठीक हो जाते है।

रविन्द्र जायसवालः आप अपने रोगियों को आयुर्वेदिक नीतियों से मेल खाने वाले जीवन शैली पर प्रशिक्षित और सशक्त कैसे करते हैं? आप उन्हें ऐसे बदलावों के लिए सहायता करने में कैसे सक्षम हैं ?
वैद्य शेषनाथ यादवः हम अपने रोगियों को आयुर्वेदिक नीतियों से मेल खाने वाले जीवन शैली पर प्रशिक्षित और सशक्त करने के लिए कई तरीकों का सहारा लेते हैं। हम उन्हें आयुर्वेदिक चिकित्सा विधियों, प्राकृतिक औषधियों, प्रयोगों और आहार-विहार के बारे में जागरूक करके सशक्त करते हैं। हम उन्हें स्वस्थ आहार पर ध्यान देने, योग और मेधावी व्यायाम को अपनाने, स्वस्थ मनोवृत्ति विकसित करने, और प्राकृतिक उपचार को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। हम उन्हें जीवन में स्वस्थता के लिए जरूरी बदलावों के लिए सहायता करते हैं और संपूर्ण रूप से स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।

रविन्द्र जायसवालः क्या आप आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और सप्लीमेंट्स को निर्धारित करने के लिए कैसे उपयोग करते हैं? आप अपने रोगियों के लिए इन उपचारों को कैसे सुनिश्चित करते हैं?

वैद्य शेषनाथ यादवः मैं आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और सप्लीमेंट्स को निर्धारित करने के लिए व्यक्तिगत चिकित्सा परामर्श का उपयोग करता हूँ। मैं रोगियों की स्थिति, प्रकृति, विकारों के आधार पर औषधीय पदार्थों का चयन करता हूँ और उन्हें संयुक्त उपचार योजना में शामिल करता हूँ, जो स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित करती है।

रविन्द्र जायसवालः आप लोगो को भलाई के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे

वैद्य शेषनाथ यादवः आने वाला समय आयुर्वेद का ही है। यह एक आम जनमानस के लिए महत्वपूर्ण संदेश है कि हमें आयुर्वेद को अपनाना चाहिए ताकि हम स्वस्थ रह सकें। आयुर्वेद एक प्राचीन वैज्ञानिक पद्धति है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने के लिए उपयोगी है। यह हमें प्रकृति की संरक्षण की ओर प्रोत्साहित करता है और हमें स्वस्थ और समृद्ध जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है। आयुर्वेद में विभिन्न उपचार पद्धतियाँ, जड़ी-बूटियाँ और प्राकृतिक उपचार होते हैं, जो हमें बीमारियों से बचाने में सहायता करते हैं और हमारे शरीर की संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए, हमें आयुर्वेद को अपनाकर स्वस्थ रहना चाहिए और इसे अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना चाहिए।

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