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गैस दूर करने के आसान घरेलू उपाय

गैस दूर करने के आसान घरेलू उपाय

आम तौर पर गैस बनने से जो पेट में दर्द होती है या जो आम लक्षण होते हैं उससे राहत पाने के लिए घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। इनमें वह चीजें होती हैं जो आसानी से घर में मिला जायें या उसको इस्तेमाल करने का तरीका आसान हो। चलिये इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

काली मिर्च और सूखी अदरक गैस को दूर करने में करते हैं

-भोजन के एक घण्टे बाद 1 चम्मच काली मिर्च, 1 चम्मच सूखी अदरक और 1 चम्मच इलायची के दानों को 1/2 चम्मच पानी के साथ मिला कर पिएं।

-1/2 चम्मच सूखा अदरक पाउडर लें और उसमें एक चुटकी हींग और सेंधा नमक मिला कर एक कफ गरम पानी में डाल कर पीएं। यह गैस की समस्या को खत्म करता है।

काला नमक का सेवन गैस होने पर दिलाये राहत

अजवायन, जीरा, छोटी हरड़ और काला नमक बराबर मात्रा में पीस लें। बड़ों के लिए 2 से 6 ग्राम, खाने के तुरन्त बाद पानी से लें। बच्चों के लिए मात्रा कम कर दें।

अजवाइन गैस की समस्या से दिलाये राहत

पेट में या आंतों में ऐंठन होने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन में थोड़ा नमक मिलाकर गर्म पानी में लेने पर लाभ मिलता है। बच्चों को अजवायन थोड़ी दें।

नींबू की शिकंजी गैस दूर करने में करे लाभकारी )

रोज सुबह खाली पेट नींबू की मीठी शिकंजी का दो माह तक नियमित सेवन करें। खट्टी ड़कारें आना व मुँह का स्वाद क़ड़वा होना दोनों में आराम मिलेगा।

लौंग का सेवन गैस में फायदेमंद

भोजन करने के बाद दोनों समय एक-एक लौंग सुबह-शाम चूसने से खट्टी ड़कार नहीं आती हैं। इससे गैस की समस्या का इलाज हो सकता है।

 

आजकल पेट में गैस बनना, एसिडिटी जैसी बीमारियां आम हो गई हैं। और सर्दियों में तो खासतौर पर हम तरह-तरह की ताली भुनी चीज़ें खाते रहते हैं जिनसे एसिडिटी के रूपे में पेट में, सीने में या कई बार तो सिर में भी तेज़ दर्द होता है। उस वक्त बस ऐसा लगता है कि जल्द से जल्द इस दर्द से आराम मिल जाए।

ज़्यादा खट्टा खाना, तीखा खाना, मसाले वाला खाना खाने से, देर रात तक जागना, पानी का कम पीना, गुस्सा करना, चिंता करना, बहुत देर तक एक ही जगह बैठे रहना आदि से गैस बनने लगती है, इनके अलावा कुछ दाल व सब्ज़ियां भी ऐसी होती हैं जो गैस बनाती हैं। ज़्यादा चाय पीने से भी गैस बनती है। इससे पेट, पीठ, सीने, सिर में दर्द होने लगता है, भूख कम लगती है, डकारें आती हैं, सीने व पेट में जलन होती है, चक्कर आना, जैसी समस्याएं हो जाती हैं।

==मूली के जूस में काला नमक और हींग मिलाकर पिएं। ज़्यादा से ज़्यादा पानी पिएं, इससे पेट साफ होगा और गैस नहीं बनेगी।

==सेब के सिरके की दो चम्मच गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से गैस में तुरंत राहत मिल जाती है।

==चुटकी भर भुना जीरा, काला नमक और पुदीना छाछ में मिलाकर खाना खाने के बाद पीने से गैस की समस्या आमतौर पर नहीं उभरती।

==अगर पेट में गैस फंस गई है और निकल नहीं पा रही तो इसके लिए अदरक और पुदीने का पानी काफी काम आ सकता है. सौंफ और एप्पल साइडर विनेगर भी काफी मददगार साबित होता है।

==गुनगुना पानी या हर्बल टी पीने से भी आपको इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

==योग की कुछ मुद्राओं से भी इस समस्या से छुटाकारा पाया ज सकता है।

==पेट में गैस होने पर अजवाइन का सेवन करें।

==हरड़ के चूर्ण को शहद के साथ मिक्स कर के खाने से भी फायदा होता है।

==काला नमक के सेवन से भी लाभ होता है।

==अदरक के सेवन से राहत मिलती है।

==काली मिर्च और सूखी अदरक से मदद मिलती है।

==अदरक और नींबू का प्रयोग कर सकते हैं।

==नींबू की शिकंजी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

==टमाटर का उपयोग कर गैस की समस्या से छुटाकारा पाया जा सकता है।

==चने के सत्तू को पानी में घोलकर पीने से गैस की परेशानी से आराम मिलता है।

==पेट में गैस की समस्या होने पर लौंग के सेवन से फायदा मिलता है।

 

गैस की समस्या अक्सर लोगों को होती है और ज्यादा तर यह समस्या महिलाओ में पाई जाती है.पेट में गैस बनना एक आम बात है, जो कि हमारे पाचन क्रिया का यह एक हिस्सा भी होती है|

यह gas की problem तब होने लगती है जब हम खाना ठीक तरीके से नहीं चबाते और ठीक समय से नहीं खाते, जिसके कारण हमारे शरीर के आत में खाना सही से नहीं पच्ता और शरीर में सड़ने लगता है|

उसमें महजूद Oxygen, carbon-dioxide, Nitrogen, Hydrogen और Methane के आसामान्य mixture के कारण हमरे पेट में गैस की समस्या होने लगती है.

पेट में गैस बनना एक आम बात है, लेकिन जब गैस की वजह से पेट मैं दर्द और सिने में दर्द होने लगता है | तब यह gas की problem काफी दर्द नाक साबित होने लगती हैं| जसिके कारन गैस सिर तक चढ़ जाती है और उल्टी जैसी समस्या भी होने लगती है |

जिसके कारन आप ठीक से खा नहीं पते और हमेशा बेचैन महसूर करते है | कुछ कारण है जिससे gas की समस्या होने लगती है.

पेट में गैस बनने के कारण – Causes of Stomach Gas in Hindi

वैसे तो गैस बनने के अनेक कारन हो सकते है, जिनमें से कुछ कारन हम आपको बता रहे है|

भोजन करते समय बातें करना और भोजन को ठीक तरह से चबाकर न खाना ।

जंक फ़ूड या ताली हुई चीजो का सेवन करना ।

ज्यादा मात्रा में शराब पीना ।

मानसिक चिंता या स्ट्रेस (stress[1] )।

ज्यादा मात्रा में भोजन करना ।

देर रात से भोजन करना ।

बसी खाना खाना ।

कोकीन का सेवन करना ।

सुबह नाश्ता न करना या लम्बे समय तक पेट खाली रहना।

आपने खाने में बीन्स, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल का अधिक सेवन करना।

यह कुछ कारन है जिससे हमारे पेट में गैस उत्पन होने लगता है | आपको यह सब चीजों का ध्यान देना चाहिए.

 

पेट में गैस बनने की समस्या को लोग हल्के में लेते हैं लेकिन, ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि पेट में गैस बनना काफी खतरनाक भी हो सकता है। कई बार गैस बनने के कारण सीने में या फिर शरीर के दूसरे हिस्से में दर्द होने लगता है। इसके अलावा गैस जब सिर में चढ़ जाती है तो उल्टी होने लगती है। गैस बनने से पेट फूलने लगता है और पाचन संबंधी कई तरह की दिक्कतें पैदा होने लगती हैं।

पेट में दर्द होने और गैस बनने के पीछे की सबसे बड़ी वजह है:-

असमय और अनियमित खानपान
अत्यधिक भोजन करना।
बैक्टीरिया का पेट में ज्यादा उत्पादन होना।
भोजन करते समय बातें करना और भोजन को ठीक तरह से चबाकर न खाना।
पेट में अम्ल का निर्माण होना।
किसी-किसी दूध के सेवन से भी गैस की समस्या हो सकती है।
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स: कार्बोनेटेड ड्रिंक्स जैसे बीयर, सोडा, या कोई भी बुलबुले वाले ड्रिंक्स पेट में गैस बनाने का काम करते हैं।
सोते समय मुंह खुला रखना: अगर आप सोते समय अपना मुंह खोलकर सांस या खर्राटे लेते हैं, तो आप रात भर बहुत सारी हवा निगल सकते हैं जो अगले दिन गैस का कारण बन सकती है।
कुछ मेडिकल कंडीशन की वजह से भी पेट में बहुत ज्यादा गैस बनती है। जैसे कि डाइवर्टिक्युलाइटिस, अल्सरेटिव कोलाइटिस, क्रोहन्स डिजीज, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, डायबिटीज, थायराइड डिसफंक्शन या फिर इंटेस्टाइन ब्लॉकेज की वजह से।
डाइट की वजह से: पेट में गैस बनने का अन्य कारण कुछ खास फूड भी हो सकते हैं। जैसे कि छोटे राजमा, मटर, ब्रोकली या पत्तेदार साग, साबुत अनाज, साइलियम युक्त फाइबर फूड भी पेट में गैस बनाते हैं।
कब्ज या धीमा पाचन: अगर आपको कब्ज है और खाना आपकी आंत में धीरे-धीरे जा रहा है, तो इससे पेट में गैस बनने का ज्यादा मौका मिल जाता है। जब खाना देर तक पेट में रहता है तो रोगाणु ज्यादा समय तक सक्रिय रहते हैं और पेट में गैस बनाते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ आपका पाचन धीमा हो जाता है, जिससे अधिक गैस बन सकती है।
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स या फिर कुछ दवाएं भी पेट में गैस बनाती हैं।
अधिक शराब पीना।
मानसिक चिंता या स्ट्रेस।
एसिडिटी, बदहजमी, विषाक्त खाना खाने से, कब्ज और कुछ विशेष दवाओं के सेवन
मिठास और सॉरबिटोल युक्त पदार्थों के अधिक सेवन से गैस बनता है।
सुबह नाश्ता न करना या लम्बे समय तक खाली पेट रहना।
जंक फूड या तली-भुनी चीजें खाना।
बासी भोजन करना।
पेट में गैस बनने की वजह से कई सारी समस्याए हो सकती है जैसे:-

सीने में या फिर शरीर के दूसरे हिस्से में दर्द।
गैस जब सिर में चढ़ जाती है तो उल्टी होने लगती है।
गैस बनने से पेट फूलने लगता है।
पेट में गैस बनने के लक्षण:-

सुबह जब मल का वेग आता है तो वो साफ नहीं होता है और पेट फूला हुआ प्रतीत होता है।
पेट में ऐंठन और हल्के-हल्के दर्द का आभास होना।
चुभन के साथ दर्द होना तथा कभी-कभी उल्टी होना।
सिर में दर्द रहना भी इसका एक मुख्य लक्षण हैं।
पूरे दिन आलस जैसा महसूस होता है।
पेट में गैस बनने के घरेलु उपाय:-

नीबू के रस में 1 चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर सुबह के वक्त खाली पेट पिएं।
काली मिर्च का सेवन करने पर पेट में हाजमे की समस्या दूर हो जाती है।
आप दूध में काली मिर्च मिलाकर भी पी सकते हैं।
छाछ में काला नमक और अजवाइन मिलाकर पीने से भी गैस की समस्या में काफी लाभ मिलता है।
दालचीनी को पानी मे उबालकर, ठंडा कर लें और सुबह खाली पेट पिएं। इसमें शहद मिलाकर पिया जा सकता है।
लहसुन भी गैस की समस्या से निजात दिलाता है। लहसुन को जीरा, खड़ा धनिया के साथ उबालकर इसका काढ़ा पीने से काफी फादा मिलता है। इसे दिन में 2 बार पी सकते हैं।
दिनभर में दो से तीन बार इलायची का सेवन पाचन क्रिया में सहायक होता है और गैस की समस्या नहीं होने देता।
रोज अदरक का टुकड़ा चबाने से भी पेट की गैस में लाभ होता है।
पुदीने की पत्तियों को उबाल कर पीने से गैस से निजात मिलती है।
रोजाना नारियल पानी सेवन करना गैस का फायदेमंद उपचार है।
इसके अलावा सेब का सिरका भी गर्म पानी में मिलाकर पीने से लाभ होगा।

 

कब्ज में व्यक्ति का मल बहुत कड़ा हो जाता है, मात्रा कम हो जाती है, तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। यह पाचनतंत्र की सबसे आम समस्याओं में से एक है l

खानपान की गलत आदतें और बदलती जीवनशैली, अक्सर कब्ज का कारण बनते है। आहार में फाइबर का सेवन और उचित मात्रा में पानी पीना, मल को नरम रखने में मदत करते है।

कब्ज के सामान्य कारणों में शामिल हैं:

कम फाइबर आहार, विशेष रूप से मांस, दूध या पनीर का ज्यादा सेवन करना

निर्जलीकरण

व्यायाम की कमी

मलप्रवृत्ति को रोकना

यात्रा या दिनचर्या में बार बार बदलाव होना

गर्भावस्था

यदि आपको निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो तो आपको कब्ज़ हो सकता है:

एक सप्ताह में तीन से कम बार मल त्याग

कठिन, सूखा मल पास करना

मल त्याग के दौरान तनाव या दर्द

मल त्याग के बाद भी पेट ठीक से साफ हुआ न महसूस होना

कब्ज़ के लिए ये प्राकृतिक उपचार मल त्याग को आसान बनाने में मदद करेंगे:

-भोजन में फाइबर की उचित मात्रा का समावेश करे जैसे कि साबुत अनाज की रोटी, जई, रेशेदार सब्जी और फल, चावल और बीन्स मल त्याग को आसान कर सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों के साथ बहुत सारा पानी पीना सुनिश्चित करें, क्योंकि यह मल को आपके सिस्टम के माध्यम से आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

-हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त तरल पदार्थ पीने से भी कब्ज़ के इलाज में मदद मिल सकती है। यह आपके पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन को स्थानांतरित करने और मल को सख्त होने से रोकने में मदद कर सकता है।

-त्रिफला: टर्मिनलिया चेबुला या त्रिफला कब्ज़ के सबसे विश्वसनीय और सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है। त्रिफला में ग्लाइकोसाइड होता है जिसमें लैक्सटिव गुण होते हैं जो मल त्याग को आसान बनाते हैं।

-भुनी हुई सौंफ: एक चम्मच भुनी हुई सौंफ एक गिलास गर्म पानी के साथ रात को सोते समय लेने से हल्का जुलाब हो सकता है। सौंफ़ के बीजों में पाए जाने वाले वोलेटाइल तेल गैस्ट्रिक एन्ज़ाइम्स के उत्पादन को बढ़ावा देकर पाचन बेहतर करने में मदद कर सकते हैं।

-कब्ज में शहद बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक ग्लास पानी के साथ मिलाकर पिएं। नियमित रूप इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाती है।

-मल त्याग करने की इच्छा महसूस होने पर उसे रोके नहीं। जितनी देर प्रतीक्षा करेंगे, मल उतना ही कठोर हो सकता है।

-हर रोज कम से कम ३० मिनट्स तक व्यायम करे l मॉर्निंग वॉक, तैरना, साइकिलींग जैसे एक्सरसाइज हफ्ते में कमसे कम ५ दिन जरूर करे l

इन चीजों से परहेज करे:

-मांस,पनीर और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों जैसे कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थों में कटौती करें।

-शराब और कैफीन युक्त पेय का सेवन सीमित करें, जो निर्जलीकरण का कारण बनते हैं।

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