कब्ज का इलाज/उपचार
मेरी पत्नी का एक्सीडेंट में पैर की राग की हड्डी टूट गई है इसलिए पैर में खिंचाव कर बजन लटका दिया है आज आठ दिन हो गए लैट्रिन नहीं आ रही तीन दिन से गर्म दूध के साथ ईसवगोल की भुसी दे रहे हैं तथा डाक्टर ने एक सीरप दिया है वो पिला रहे हैं पर ये भी डर है कि एकदम ज्यादा दस्त नहीं हो जायें अन्यथा बार बार उठाने से हड्डी पर कोई दिक्कत नहीं आ जाये कृपया कोई उचित राय दीजिए
सुबह सबसे पहले गुनगुना जल घूंट घूंट पीए मिर्च मसाला मैदा तली भुनी खाद्य न खाए मैगी नूडल्स न ले आप एक नुस्खा लिख रहा हूं जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है पूर्ण निरापद है — बड़ी हरड़ बीज निकाल कर 100 gm काली हरड़ 100 gm बीज निकाल कर murethi छिलका निकाल कर 100 gm सौंफ 100 gm sanaay की सूखी पत्ती 50 gm गुलाब फूल की सूखी पत्ती 50 gm जीरा 50 gm ajwain 50 gm सेंधा नमक 100 gm aerand तेल (castor oil ) 50 ml अब इस तेल में काली harad को भून ले ये फूल जाएगी जले नहीं और नमक छोड़ सभी को धीमी आंच में भूने जले नहीं सबको कूट पीस कर रख ले सोते समय एक छोटे chammach मे लेकर गुनगुने पानी से ले बाद मे एक गिलास गुनगुना जल और पी ले फिर कुछ नहीं खाए पीए ye मोटापा acidity कब्ज में पूर्ण कारगर है किसी जड़ी बुटी बेचने वाले के यहाँ मिलेगी
कब्ज का इलाज/उपचार
कब्ज को दूर करने के लिए डॉक्टर फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने का सुझाव देते हैं। इसके अलावा, नियमित रूप से व्यायाम करना, समय पर मल त्याग करना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आदि शामिल हैं।
अगर कब्ज की शिकायत लंबे समय से है तो जीवनशैली और खान-पान में खास बदलाव लाकर इसका उपचार किया जा सकता है।
जब जीवनशैली और खान-पान में बलदाव लाने के बाद भी कोई फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर दवाओं के सेवन का सुझाव देते हैं।
कब्ज का घरेलू इलाज :-
एक चम्मच अरंडी का तेल
आधा नींबू का रस
एक गिलास पानी
प्रयोग की विधि : –
एक गिलास पानी को गुनगुना करें।
इसमें नींबू और अरंडी का तेल मिला लें।
इस पानी का सेवन सुबह खाली पेट करें।
कैसे मदद करता है?
अरंडी का तेल कब्ज का घरेलू इलाज माना जा सकता है। जब इसे खाली पेट लिया जाता है, तो यह तेल चमत्कारी तरीके से काम करता है। यह पेट में जाकर मल को पतला व मुलायम कर सकता है, जिस कारण कुछ समय बाद शौच के समय पेट पूरी तरह साफ हो सकता है |
कब्ज में व्यक्ति का मल बहुत कड़ा हो जाता है, मात्रा कम हो जाती है, तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। यह पाचनतंत्र की सबसे आम समस्याओं में से एक है l
खानपान की गलत आदतें और बदलती जीवनशैली, अक्सर कब्ज का कारण बनते है। आहार में फाइबर का सेवन और उचित मात्रा में पानी पीना, मल को नरम रखने में मदत करते है।
कब्ज के सामान्य कारणों में शामिल हैं:
कम फाइबर आहार, विशेष रूप से मांस, दूध या पनीर का ज्यादा सेवन करना
निर्जलीकरण
व्यायाम की कमी
मलप्रवृत्ति को रोकना
यात्रा या दिनचर्या में बार बार बदलाव होना
गर्भावस्था
यदि आपको निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो तो आपको कब्ज़ हो सकता है:
एक सप्ताह में तीन से कम बार मल त्याग
कठिन, सूखा मल पास करना
मल त्याग के दौरान तनाव या दर्द
मल त्याग के बाद भी पेट ठीक से साफ हुआ न महसूस होना
कब्ज़ के लिए ये प्राकृतिक उपचार मल त्याग को आसान बनाने में मदद करेंगे:
-भोजन में फाइबर की उचित मात्रा का समावेश करे जैसे कि साबुत अनाज की रोटी, जई, रेशेदार सब्जी और फल, चावल और बीन्स मल त्याग को आसान कर सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों के साथ बहुत सारा पानी पीना सुनिश्चित करें, क्योंकि यह मल को आपके सिस्टम के माध्यम से आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
-हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त तरल पदार्थ पीने से भी कब्ज़ के इलाज में मदद मिल सकती है। यह आपके पाचन तंत्र के माध्यम से भोजन को स्थानांतरित करने और मल को सख्त होने से रोकने में मदद कर सकता है।
-त्रिफला: टर्मिनलिया चेबुला या त्रिफला कब्ज़ के सबसे विश्वसनीय और सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है। त्रिफला में ग्लाइकोसाइड होता है जिसमें लैक्सटिव गुण होते हैं जो मल त्याग को आसान बनाते हैं।
-भुनी हुई सौंफ: एक चम्मच भुनी हुई सौंफ एक गिलास गर्म पानी के साथ रात को सोते समय लेने से हल्का जुलाब हो सकता है। सौंफ़ के बीजों में पाए जाने वाले वोलेटाइल तेल गैस्ट्रिक एन्ज़ाइम्स के उत्पादन को बढ़ावा देकर पाचन बेहतर करने में मदद कर सकते हैं।
-कब्ज में शहद बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक ग्लास पानी के साथ मिलाकर पिएं। नियमित रूप इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाती है।
-मल त्याग करने की इच्छा महसूस होने पर उसे रोके नहीं। जितनी देर प्रतीक्षा करेंगे, मल उतना ही कठोर हो सकता है।
-हर रोज कम से कम ३० मिनट्स तक व्यायम करे l मॉर्निंग वॉक, तैरना, साइकिलींग जैसे एक्सरसाइज हफ्ते में कमसे कम ५ दिन जरूर करे l
इन चीजों से परहेज करे:
-मांस,पनीर और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों जैसे कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थों में कटौती करें।
-शराब और कैफीन युक्त पेय का सेवन सीमित करें, जो निर्जलीकरण का कारण बनते हैं।