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मंगल देव की कब कब कर सकते हैं पूजा?

मंगल देव की कब कब कर सकते हैं पूजा?

भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं।

मंगलवार :- मंगल देव की पूजा प्रति मंगलवार को होती है क्योंकि यह उनका वार माना जाता है। मंगलवार का दिन बल, बुद्धि, विद्या और अष्टसिद्धि के दाता श्री हनुमान जी और भूमिपुत्र मंगलदेव की साधना-आराधना से जुड़ा हुआ है।

अंगारकी चतुर्थी :- प्रयेक माह में दो चतुर्थी आती है परंतु चतुर्थी तिथि के दिन मंगलवार हो तो उसे अंगारकी चतुर्थी कहते हैं क्योंकि मंगल देव का एक नाम अंगारक है। कहते हैं कि भगवान गणेशजी ने इस दिन मंगलदेव को आशीर्वाद दिया था। इसीलिए इस तिथि पर दोनों की पूजा का महत्व है। आशीर्वाद के अनुसार जो इस तिथि पर व्रत रखकर विधिवत पूजा करता है उसे कभी भी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है और वह एक संतुष्ट और शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करता है।

षष्ठी तिथि :- स्कंद पुराण के अनुसार षष्ठी तिथि भी मंगल की पूजा के लिए शुभ होती है क्योंकि इसी दिन मंगल देव को सेनापति बनाया गया था। इस दिन मंगल की पूजा करने से धन और संतान सुख मिलता है। इसलिए यह तिथि भी महत्वपूर्ण है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की षष्ठी और कार्तिक मास कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि का खास महत्व माना गया है।

दशमी तिथि :- मंगल देव का जन्म दशमी तिथि के दिन हुआ था। इसलिए इस तिथि के दिन भी उनकी विशेष पूजा अर्चना होती है।

कराएं अभिषेक :- यदि आपकी कुंडली में मांगलिक दोष है या विवाह कार्य में कोई रुकावट आ रही है तो आप मंगल ग्रह मंदिर अमलनेर में पूजा और अभिषेक करा सकते हैं। आप भूमि, बालू, खेती किसानी, भूमि विवाद, बिल्डर्स, प्रॉपर्टी आदि से संबंधित व्यापार में सफल होना चाहते हैं तो भी आपको यहां पर अभिषेक और पूजा करवाना चाहिए।

कैसे पहुंचे श्री मंगल देव मंदिर अमलनेर महाराष्ट्र:-
– जलगांव से अमलनेर की दूरी:– यहां पहुंचने के लिए आप महाराष्ट्र के जलगांव पहुंचे। अमलनेर जलगांव जिले में ही स्थित एक गांव है। अमलनेर जलगांव से 58.1 किमी दूर है।

– धुले से अमलनेर की दूरी:- आप यहां जाना चाहते हैं तो धुले नामक शहर पहुंचकर भी यहां से सड़क मार्ग से जा सकते हैं। धुले अमलनेर 36.4 किलोमीटर की दूरी पर है।

– अमलनेर से मंगलदेव मंदिर की दूरी:– अमलनेर गांव से श्री मंगल ग्रह के लिए मंदिर रास्ता करीब 2.5 किलोमीटर दूर का है। मंदिर तक के लिए कई वाहन उपलब्ध हैं।

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