मेरा अच्छा समय कब आएगा जो कायमाबी
हर इंसान अच्छे से अच्छा समय की प्रतीक्षा में रहता है कि मेरा अच्छा समय कब आएगा जो कायमाबी,अच्छा रोजगार,धन-वैभव, सुख आदि सांसारिक सुख सुविधाएं देकर भाग्योदय करेगा।
अच्छा समय ग्रहो की महादशा अन्तरदशा पर निर्भर करता है जिन भी ग्रहो की महादशा और अन्तर्दशाये भविष्य में आ रही है और वह ग्रह कोई राजयोग, शुभ योग बनाकर बैठे है, कामयाबी देने की स्थिति में बैठे है तब उन्ही ग्रहो का समय अच्छा समय होता है,अब यही अच्छे से अच्छा समय देने वाले ग्रहो की महादशा अन्तर्दशा वाले ग्रह जितने ज्यादा से ज्यादा शक्तिशाली और अच्छी स्थिति में होंगे उतना ज्यादा समय अनुकूल और शुभ फल देगा और अच्छा जीवन बनता जाएगा बाकी जैसी जैसी ग्रहो की दशाओ का समय मिलता रहेगा वैसा वैसा जीवन चलता जाएगा।। #अब कुछ उदाहरणो से समझते है कब अच्छा समय आएगा और कितने समय तक अच्छा समय रहने वाला है या जीवन भर अच्छा समय रहेगा और क्या उपाय करने से समय अच्छा आ पायेगा आजादी समझते है।।
उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न1:-
सिंह लग्न में लग्नेश सूर्य माना भाग्य स्वामी मंगल सहित रोजगार ग्रह शुक्र के साथ शुभ स्थिति में संबध बनाकर बैठा है तब सूर्य शुक्र या मंगल इनमे से किसी की भी महादशा का समय आ रहा है भविष्य में जल्द ही तब यही समय अच्छा जीवन, अच्छा भविष्य, अच्छा समय कर देगा।।
उदाहरण_अनुसार_तुला_लग्न2:-
तुला लग्न में माना योगकारक पंचमेश-चतुर्थेश शनि बलवान होकर बलवान भाग्येश बुध या लग्नेश शुक्र के साथ संबंध में है तब यह राजयोग होगा तब ऐसी स्थिति में शनि की महादशा या शुक्र बुध की महादशा का समय आ रहा है भविष्य जब भी उसी समय से भाग्योदय के द्वार खुलकर अच्छा समय शुरू हो जाएगा।।
उदाहरण_अनुसार_मीन_लग्न3:-
मीन लग्न में दशमेश गुरु बलवान होकर भाग्येश मंगल या चन्द्रमा के साथ राजयोग बनाकर बैठा है या मंगल गुरु कोई राजयोग या शुभ योग बनाकर बैठे है तब इनका समय शुरू होते ही अच्छा समय शुरू हो जाएगा।।
कुंडली मे जितने ज्यादा से ज्यादा राजयोग, धन योग, शुभ योग या ज्यादा से ज्यादा ग्रह बलवान होंगे तब अच्छे फल देने वाले या अच्छा समय देने वाले, भाग्योदय संबधी ग्रहो का समय वर्तमान भविष्य में जल्द ही या जब भी आ रहा है तब वही समय अच्छा समय देकर अच्छा भाग्योदय कर देगा।बाकी उपाय से स्थितियां अनुकूल ज्यादा की जा सकती है अगर अच्छा समय नही आ पा रहा है है बहुत देर से आ रहा है।।
कुंडली का दसवाँ भाव रोजगार/कैरियर के है तो कुंडली का छठा भाव मुक़ादमेबाजी और कोर्ट कचहरी के है तो दूसरा भावबोलने का हैतो 5वा भाव बुद्धि विवेक का है ग्रहो में गुरु बुध राहु वकालत और बुद्धि के ग्रह है तो सूर्य सरकार का ग्रह होने से सरकारी वकील का ग्रह है।अब दसवे भाव स्वामी कुंडली मे बलवान होकर छठे भाव या छठे भाव स्वामी सहित दूसरे भाव से संबंध बना रहे है और 5वा भाव और दूसरा भाव/भावेश बलवान है वकालत के कारक गुरु बुध भी कुंडली मजबूत है तब वकील बन जाएंगे अब इस सम्बन्ध में सरकार के कारक सूर्य का भी बलवान स्थिति में सम्बन्ध है तब आप सरकारी वकील बनजाएँगे ,इसके अलावा दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी का संबंध दूसरे भाव, भाव स्वामी+पाचवे भाव,पाचवे भाव स्वामी सहित छठे भाव या छठे भाव स्वामी से है गुरु बुध राहु बहुत बलवान स्थिति में है कुंडली मे तब बहुत टेलेंटेट और कामयाब वकील बनायेगे लेकिन सरकारी वकील तब ही बन पाएंगे जब इस संबंध में दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी से बलवान स्थिति में सूर्य का भी सम्बंध हो या दशमांश कुंडली मे सरकारी वकील बनने का योग बना हो।।
अब कुछ उदाहरणो से समझते है सरकारी वकील कौन लोग बन सकते है।।
उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न1:-
वृष लग्न में दसवे भाव स्वामी शनि बलवान होकर दूसरे+पाचवे भाव स्वामी साथ ही छठे भाव स्वामीशुक्र या छठे भाव से सूर्य सहित सम्बंध बनाकर बैठे है तब सरकारी वकील बन जाएंगे अन्यथा प्राइवेट वकील ही रह पाएंगे।।
उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:-
सिंह लग्न में दसवे भाव स्वामी शुक्र बलवान होकर बुध सूर्य सहित छठे भाव या छठे भाव स्वामी से सम्बन्ध बनाकर बैठे है तब सरकारी वकील आप बन पाएंगे।।
उदाहरण_अनुसार_धनु_लग्न3:–
धनु लग्न में दसवे भाव स्वामी बुध बलवान होकर सरकार के कारक सूर्य सहित छठे भाव या छठे भाव स्वामी से सम्बन्ध बनाकर बैठे हैं तब और 5वा+दूसरा भाव बलवान हैं तब सरकारी वकील बन जाएंगे।।