कार्तिक मास स्नान का महत्व: जानिए वह कथा जो बताती है क्यों होता है यह सबसे पुण्यकारी स्नान
🌸 कार्तिक मास स्नान का महत्व: जानिए वह कथा जो बताती है क्यों होता है यह सबसे पुण्यकारी स्नान
🕉️ 🍁 कार्तिक मास “स्नान” का महत्व 🍁
कार्तिक मास को सभी महीनों में सबसे पवित्र माना गया है। इस महीने में सूर्योदय से पहले पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं और व्यक्ति को दिव्य पुण्य की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों में कहा गया है —
“कार्तिके स्नानदानहोमजपोपवासादिकं कोटिगुणं भवति।”
अर्थात् — कार्तिक मास में किया गया स्नान, दान, जप, तप, या उपवास लाखों गुना फलदायी होता है।
🌼 कार्तिक मास की प्रेरणादायक कथा — सच्ची श्रद्धा का फल
एक नगर में एक वृद्ध व्यक्ति रहता था जिसकी सात बहुएँ थीं। कार्तिक मास आया तो उसने सब बहुओं से कहा —
“मैं कार्तिक स्नान करूंगा, क्या तुम सब इस नियम को निभाओगी?”
छह बहुओं ने मना कर दिया, लेकिन सबसे बड़ी बहू बोली —
“बाबूजी, मैं निभा दूंगी।”
वृद्ध रोज़ ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने जाता और लौटकर अपनी गीली धोती बड़ी बहू के आँगन में सुखाता। जैसे ही उस धोती से पानी की बूँदें टपकतीं, वे हीरे-मोती में बदल जातीं।
💎 सच्चे मन की परीक्षा और ईश्वर की कृपा
यह देखकर बाकी बहुएँ ईर्ष्या करने लगीं। उन्होंने भी अपने आँगन में वृद्ध को स्नान करने को कहा। पर वहाँ हीरे-मोती की जगह कीचड़ टपकने लगा।
उन्होंने वृद्ध से कहा — “आप हमारे यहाँ पाप का स्नान कर रहे हैं, कृपया वापस जाइए।”
वृद्ध फिर बड़ी बहू के घर लौट आया। वहाँ फिर से धोती से हीरे-मोती गिरने लगे।
🌺 सच्ची सेवा का परिणाम — धन, सुख और दिव्यता
कार्तिक मास के अंतिम दिनों में वृद्ध ने परिवार को भोजन के लिए बुलाना चाहा। छह बहुओं ने शर्त रखी कि जब तक बड़ी बहू घर पर रहेगी, वे नहीं आएंगी। बड़ी बहू ने प्रेमपूर्वक सबके लिए भोजन बनाकर रख दिया और स्वयं खेत चली गई।
बाकी बहुओं ने भोजन में कंकड़-पत्थर डाल दिए।
जब बड़ी बहू वापस लौटी, तो देखा —
वह भोजन हीरे-मोती में बदल गया और साधारण घर एक महल में परिवर्तित हो गया।
वृद्ध भाव-विभोर होकर बोला —
“बेटी, तूने कार्तिक स्नान सच्चे मन से निभाया था, इसलिए कार्तिक देवता तुझसे प्रसन्न हुए।”
🌸 कार्तिक देवता की कृपा से प्राप्त होते हैं यह फल
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पापों से मुक्ति
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घर में सुख, शांति और समृद्धि
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स्वास्थ्य और दीर्घायु
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पितरों की कृपा
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मोक्ष का मार्ग प्रशस्त
🙏 सच्चे मन से किया गया स्नान ही देता है दिव्य फल
कार्तिक मास में स्नान केवल शरीर की शुद्धि नहीं, बल्कि मन और आत्मा की पवित्रता का प्रतीक है।
सच्चे मन से की गई भक्ति और सेवा ही भगवान विष्णु और कार्तिक देवता की कृपा पाने का मार्ग है।
“हे कार्तिक देवता, जैसे आपने बड़ी बहू की सुन ली, वैसे ही सबकी मनोकामना पूर्ण करें।” 🌸
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