बवासीर क्या है
Question: सब तरह का इलाज करवा दिया एलोपैथी का करवा दिया कई तरह की ट्यूब लगाई आयुर्वेद में भी कई तरह की दवाई खाई और दवाई लगाई अखिल भारतीय आयुर्वैदिक संस्थान का इलाज भी करवाया लेकिन बैठ नहीं रहा है गुदा के चारों ओर खुजली और जलन रहती है इलाज बताएं
Answers:
Dr Ved Prakash:
गुदा के चारों ओर खुजली और जलन कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि:
1. एलर्जी या संवेदनशीलता
2. गुदा की सफाई में कमी
3. दस्त या कब्ज
4. गुदा की फिशर या फिस्टुला
5. एनोरेक्टल डिजीज (अनुच्छेद रोग)
6. त्वचा की समस्याएं (एक्जिमा, सोरायसिस आदि)
7. परजीवी संक्रमण (कृमि आदि)
इलाज के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
घरेलू उपाय:
1. गुदा की सफाई: गर्म पानी से साफ करें और सूखा रखें।
2. साबुन का उपयोग न करें: साबुन गुदा की त्वचा को परेशान कर सकता है।
3. क्रीम या मलहम: विच हेज़ल, एएलओ वेरा जेल या हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम लगाएं।
4. गर्म सitz बाथ: गर्म पानी में बैठने से आराम मिलता है।
5. फाइबर युक्त आहार: कब्ज से बचने के लिए फाइबर युक्त आहार लें।
चिकित्सकीय इलाज:
1. डॉक्टर से परामर्श: गुदा के समस्या के कारण का पता लगाने के लिए।
2. एंटीबायोटिक्स/एंटिफंगल: संक्रमण के मामले में।
3. क्रीम/मलहम: डॉक्टर द्वारा निर्धारित।
4. सर्जरी: गुदा की फिशर या फिस्टुला के मामले में।
महत्वपूर्ण:
1. गुदा की समस्या को नजरअंदाज न करें।
2. डॉक्टर से परामर्श लें यदि समस्या बनी रहती है।
3. स्वच्छता और स्वस्थ आहार का पालन करें।
याद रखें, यह जानकारी सामान्य है और व्यक्तिगत सलाह के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है अथवा मुझे दिखाने के लिए नवादा, पटना या दिल्ली में संपर्क करें।
Dr Jyoti:
यहां कुछ प्रभावी घरेलू उपचार आपके लिए दें रही हूं।
अंजीर: अंजीर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो मल को नरम बनाने में मदद करती है। आप रात को अंजीर को पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खा सकते हैं।
तुलसी: तुलसी के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। आप तुलसी के पत्तों का रस निकालकर प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं।
आलू: आलू में स्टार्च होता है जो सूजन को कम करने में मदद करता है। आप कच्चे आलू को काटकर प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं।
एलोवेरा: एलोवेरा में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। आप एलोवेरा जेल को प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं।
गर्म पानी से स्नान: गर्म पानी से स्नान करने से सूजन और दर्द कम होता है।
फाइबर युक्त आहार: फाइबर युक्त आहार जैसे कि फल, सब्जियां और अनाज खाने से कब्ज से राहत मिलती है और बवासीर की समस्या कम होती है।
पर्याप्त पानी पीएं: पर्याप्त पानी पीने से मल को नरम बनाने में मदद मिलती है।
फाइबर युक्त आहार लें: फाइबर युक्त आहार जैसे कि फल, सब्जियां और अनाज खाने से कब्ज से बचा जा सकता है।
पर्याप्त पानी पिएं: पर्याप्त पानी पीने से मल को नरम बनाने में मदद मिलती है।
भारी वजन न उठाएं: भारी वजन उठाने से बवासीर की समस्या बढ़ सकती है।
लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से बचें: लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से बवासीर की समस्या बढ़ सकती है।
नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करने से पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
कब डॉक्टर वेद प्रकाश से संपर्क करें:
अगर बवासीर से खून आ रहा है
अगर बवासीर बहुत दर्द कर रहा है
अगर बवासीर के साथ बुखार आ रहा है
अगर घरेलू उपचार से आराम नहीं मिल रहा है
एक आसान परीक्षित घरेलू नुस्खा :-
1 गिलास दूध को उबालें
फिर थाली मे डाल कर ठण्डा कर लिजिए
एक छोटा नींबू निचोड़ कर एक कटोरी मे रख ले
अब दूध को गिलास मे पलट ले
अब एक हाथ से गिलास पकड़ कर उसे मुह के पास ले जाय
और दूसरे हाथ से नींबू रस की कटौती उठाए
इसे मुह के पास गिलास मे डाल दे
तुरंत पी जाय
अगर दूध बाहर फट गया तब पीना व्यर्थ हैं
इसे पेट के अंदर ही फटने देना हैं
पेट के अंदर फटे दुग्ध से जो रस निकलती हैं वहीं बवासीर को ठीक करती हैं
मात्र 3 दिनों मे सुबह खाली पेट पीकर 40 मिनट कुछ नहीं खानी है
इसी तरह रात्रि मे सोते वक़्त पी ले फिर कुछ नहीं खाए
बस उड़द से बने पदार्थ बैंगन गरिष्ठ भोजन तली भुनी मिर्च-मसाले के खाद्यान्न नहीं खानी हैं
सुपाच्य हल्का भोजन ताजा बना ही खानी है
अगर शराब सिगरेट मसाला बीड़ी आदि के व्यसनी हैं तो इसका त्याग दे ।
RJ:
बवासीर आज भी पेट के रोगों में शामिल है। यह प्रय: अशुद्ध आहार-विहार तथा वातावरण के कारण उत्पन्न होते हैं। बवासीर रोग में गुदा में मस्से निकल आते हैं। जो पेट की शुष्कता बढ़ाने पर पैदा होते हैं। गुर्दे में पथरी होने का मूत्र आने में परेशानी होती हैं। यदि इस पर शुरू में ही ध्यान दिया जाए तो भयंकर कष्टों में बचा जा सकता है। अल्सर रोग में आंतों में घाव हो जाते हैं। जो कब्ज अपच एवं अमृत आज के दुष्परिणाम स्वरूप होते हैं। जलोदर रोग में पेट में पानी इकट्ठा होकर पाचन संबंधी अनेक दिक्कतें पैदा करता है। या मंदाग्नि एवं अजीर्ण के कारण उत्पन्न होता है।
बवासीर क्या है
बवासीर मुख्यतः दो प्रकार की होती है-
1. खूनी बवासीर और
2. बादी बवासीर।
खूनी बवासीर में मस्से सुर्ख होते हैं। और उनसे खून गिरता है। जबकि बादी बवासीर में मस्सों में खाज पीड़ा और सूजन बहुत होती हैं। अतिसार संग्रहणी और बवासीर यह तीनों एक दूसरे को पैदा करने वाले होते हैं।
बवासीर के रोगी को बादी एवं तले पदार्थ नहीं खाने चाहिए। जिनसे पेट में कब्ज की संभावना हो हरी सब्जियों का ज्यादा प्रयोग करना चाहिए। बवासीर से बचने का सबसे सरल उपाय यह है- कि शौच करने के उपरांत जब आप मलद्वार साफ करें तो गुदाद्वार में उंगली डालकर उसे पानी में अच्छी तरह धोएं। इससे कभी बवासीर नहीं होगी।
इसके लिए आवश्यक है, कि मलद्वार में डालने वाली उंगली का नाखून कतई बढ़ा हुआ ना हो। अन्यथा भीतरी मुलायम खाल में जख्मी होने का खतरा हो सकता है। प्रारंभ में यह उपाय कुछ अटपटा लगता है। पर शीघ्र ही जब आप इसके अभ्यस्त हो जाएंगे। स्वयं को तरो-ताजा महसूस करेंगे ।
बवासीर के घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं
*जीरे को भूनकर उसमें जरूरत के अनुसार मिश्री मिलाकर मुंह में डालकर चूसें तथा बिना भुने जीरे को पानी के साथ पीसकर बवासीर के मस्सों पर लेप करें इन दोनों विचारों से बवासीर की पीड़ा में निश्चित शांति मिलती है।
* पके केले के को बीच में से चीर कर दो टुकड़ों में ले और उस पर कथा पीसकर थोड़ा थोड़ा बुराक दें। इसके बाद केले के उन टुकड़ों को खुली जगह पर आसमान के नीचे रख दें। सुबह होने पर उन टुकड़ों का सेवन करें एक हफ्ते में कैसी भी बवासीर हो नष्ट हो जाएगी।
* छोटी पीपली का चूर्ण शहद के साथ लेने पर बवासीर के रोगी को आराम मिलता है।
* एक या डेढ़ चम्मच आंवले का चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ लेने पर बवासीर में लाभ पहुंचता है। इससे पेट के अन्य रोगों का भी अंत हो जाता है।
* खूनी बवासीर में नींबू को बीच से चीर कर उस पर 4 ग्राम कथा पीस कर रख दें। और उसे रात में छत पर रख दें सुबह दोनों टुकड़ों को चूस लें। यह प्रयोग 5 दिन करें। खूनी बवासीर के लिए या उत्तम घरेलू दवा है।
*50 ग्राम रीठे तवा पर रखकर कटोरी में ढक दें। और तवे के नीचे आग जला दें। 1 घंटे में रीठे जल जाएंगे। ठंडा होने पर रखो को खरल कर ले। यह सिल पर बारीक पीस के इसके बाद सफेद कथ्थॆ का चूर्ण 20 ग्राम और कुश्ता। फौलाद 3 ग्राम लेकर उसमें रीठे। 20 ग्राम भस्म मिला दे। उसे सुबह शाम एक 1 ग्राम मक्खन के साथ खाएं। ऊपर से गर्म दूध भी पी ले। दोनों ही प्रकार के बवासीर में 10- 15 दिनों में आराम आ जाएगा। गुड, गोश्त, शराब, आम एवं अंगूर का परहेज करें।
* खूनी बवासीर में गेंदे के हरे पत्तों को 9 ग्राम काली मिर्च के 5 दाने और कुंजा मिश्री 10 ग्राम लेकर 60 ग्राम पानी में पीसकर मिला दें। दिन में 1 बार 4 दिन तक इस पानी को पिए। गर्म चीजें ना खाएं। खूनी बवासीर ठीक हो जाएगी।
* हरसिंगार के फूल 3 ग्राम कालीमिर्च एवं 1 ग्राम और पुली पीपल 1 ग्राम सभी को पीसकर उसका चूर्ण जलेबी की 50 ग्राम चासनी में मिला दे। रात को सोते समय 5 दिन तक इसे खाएं। यह खूनी बवासीर का शर्तिया इलाज है। मगर ध्यान रहे कि कब्ज ना होने दें।
* नागकेसर मिश्री और लोनी कि इन तीनों का संभाग लेकर रोज प्रातः काल खाएं या खूनी बाबासीर का श्रेष्ठ इलाज है। इसे कम से कम 8 दिन तक ले एक बार की खुराक में 6 माह से की मात्रा खाएं।
* जंगली गोभी की तरकारी में पकाकर उसमें सेंधा नमक डालें इस तरकारी को रोटी के साथ 8 दिन खाएं। इसे खाने से हर तरह की बवासीर नष्ट हो जाती है।
* कमल केशर तीन मासे नागेश्वर 3 मासे शहद 3 मासे चीनी 3 मासे और मक्खन छ: से इन सब को मिलाकर रोज खाने से खूनी बवासीर नष्ट होती है।
* कमल का हरा पत्ता पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर खाएं बवासीर का खून आना तत्काल बंद हो जाएगा।
* प्रतिदिन दही और मट्ठा पीने से बवासीर खत्म हो जाती है।
* प्याज के चूजे छोटे-छोटे टुकड़े करके धूप में सुखा लें। सूखे टुकड़ों में से एक तोला प्याज लेकर घी में तली बाद में एक मासा तिल और दो तोले मिस्ट्री उस में मिलाकर रोज सुबह खाएं। यह भी बवासीर का शर्तिया इलाज है।
* कड़वी नीम के पके हुए फलों का गूदा 3 माह से और गुड़ 6 माह से दोनों को मिलाकर रोज 7 दिन तक प्रयोग करें बवासीर में निश्चय ही आराम मिलेगा।
* मूली का नियमित सेवन दोनों बवासीर को ठीक कर देता है।
* इमली के बीजों को छिलका हटाकर तवे पर भून कर पीस लें एक चम्मच चूर्ण और एक कप ताजा जमा हुआ दही दोनों को मिलाकर प्रातकाल खाली पेट सेवन करने से आराम मिलता है।
*खूनी बवासीर में 3 ग्राम रसोद का चूर्ण पानी के साथ खिलाए दो तीन खुराक में ही खून आना बंद हो जाता है।
* प्रभार के चौड़े पत्ते पीसकर रस निकालें और उसमे 50 ग्राम बुरा मिलाकर प्रातः काल खाली पेट में खूनी बवासीर दूर हो जाएगी।
* प्रतिदिन गाजर का रस पीने या गाजर चबाकर खाने से बवासीर खत्म हो जाती है।