ध्यान: तुम्हारा आत्यंतिक स्वभाव
🧘♀️ ध्यान: तुम्हारा आत्यंतिक स्वभाव “जहाँ मन समाप्त होता है, वहाँ ध्यान आरंभ होता है।”यह कोई सिर्फ कहने की बात नहीं, बल्कि अनुभव की बात है। ध्यान कोई अभ्यास नहीं है जिसे करना पड़े — यह तुम्हारा मूल स्वरूप है, तुम्हारा स्वाभाविक अस्तित्व। 🌿 मन और ध्यान का अंतर मन [...]