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गिलोय मल को बांध कर निकालने वाला, वातहर

महर्षि चरक जी कहते है कि गिलोय मल को बांध कर निकालने वाला, वातहर (वातनाशक), दीपन(जठरअग्नि को बढ़ाना) ,कफ , खून की खराबी एवं विबंध (मल त्यागने में कठिनाई ) को नष्ट करने वाली औषधियो में सर्वश्रेष्ठ है। [...]

बच्चों के कपड़े साफ सुथरे होने चाहिएं

महर्षि वागभट्ट जी कहते है कि बच्चों के कपड़े साफ सुथरे होने चाहिएं, गीले कपड़े कभी नही पहनाना चाहिएं (अर्थात् कपड़े सूखे पहनाने चाहिए) और कपड़े कोमल (सूती, खादी आदि) पहनना चहिए। बच्चो के बिस्तर, कपड़े, तकिया को सरसों बच आदि का धुंआ देना चाहिए। विमर्श -बच्चों के कपड़े रोजाना [...]

माता को निम्नलिखित अवस्थाओं में दूध नही पिलाना चाहिए

महर्षि वागभट्ट जी कहते है कि माता को निम्नलिखित अवस्थाओं में दूध नही पिलाना चाहिए भूखी होने पर (अर्थात् भुख लगी हुई है ), थकी (घर का काम धंधा, कपड़े आदि धोकर थक गई हो), क्रोध (पति आदि से किसी बात को लेकर अभी खुब गुस्सा आ गया है), रस [...]

पाचन एवं ग्राही पेया

पाचन एवं ग्राही पेया- केंथ का फल, कच्चे बेल का गुदा, चांगेरी(गीला है तो डबल अर्थात 10 ग्राम) प्रत्येक 5-5 ग्राम लेकर 700 ग्राम जल में पकाएं जब 350 ग्राम जल रह जाए तो छानकर उसमें 350 ग्राम छाछ ,1 अनार और 60 ग्राम चावल डालकर पकाएं जब चावल अच्छी [...]