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चित्रक यूष बनाने की विधी

वंदे मातरम मित्रों ,उम्मीद है आप खुश होंगे ।
आज मैं भगवान कश्यप जी के द्वारा बताया गया चित्रक यूष के बारे में बताऊंगा जो अकेला अनेको रोगों को दूर करती है।
चित्रक यूष बनाने की विधी-12-15 ग्राम चित्रक पंचाग(पत्र,शाखा, मूल सहित ) लेकर मोटा मोटी कूटकर 2 ltr जल में डालकर धीमी-धीमी आंच पर उबाले जब 2 लीटर जल 1 ltr   रह जाये तब छान लीजिये।
अब उसमे 50 ग्राम छिलके वाली मूँग दाल  डालकर  पकाए जब अच्छी तरह गल जाए तो उसमे त्रिकटु चुर्ण 1-2ग्राम , जीरा आधा से 1 ग्राम लेकर  घी में भूनकर  दाल में डाल  दीजिए।ये आपका चित्रक यूष तैयार हो गया ।यदि आपको इस यूष को टेस्टी बनाना हो तो मिट्टी की हांडी में धीमी-धीमी आंच पर बनाए।
लाभ-ये चित्रक यूष ग्रहणी दोष(जिसमे पेट एक बार मे साफ नही होता),पेट दर्द,तिल्ली बढ़ना,बवासीर,गुल्म,कुष्ठ,ह्रदय रोग, तथा कफ और वात को नष्ट करती है।ये युष साधारण सा दिख रहा है किंतु ये अपने गुणों से मालामाल है।
नोट-इसमे सेंधानमक अपने स्वाद के अनुसार दाल बनाते समय डाल सकते है अथवा बिना  नमक के भी बना सकते है।हल्दी इसमे अवश्य डालनी है।यूष को एक तरह से पतली दाल कहा जा सकता है।इसको अधिक स्वादिष्ट बना कर देनी चाहिए।

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