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सूखी खासी बहुत आ रही है और गले में खराश…

प्रश्न: सूखी खासी बहुत आ रही है और गले में खराश है बहोत कोई उपाय बताएं कृपया

Table of Contents

उत्तर-1: नीचे दिए गए ये सभी उपाय आपके लिए सूखी खांसी के लक्षणों को दूर करने के लिए अद्भुत काम करते हैं |

 

अदरक

अदरक एक प्राकृतिक expectorant है और इसमें अदरक नामक एक यौगिक होता है। अदरक के expectorant और जीवाणुरोधी गुण जो काली खांसी से निपटने में मदद कर सकते हैं।

हरी चाय

ग्रीन टी के एंटीवायरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण सर्दी और फ्लू सहित कई प्रकार के संक्रमणों के इलाज में मददगार पाए जाते हैं। अध्ययन यह भी संकेत देते हैं कि हरी चाय में कुछ पॉलीफेनोल जीवाणुरोधी गुणों का प्रदर्शन कर सकते हैं, जो कि खांसी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद कर सकते हैं।

खारा पानी

गर्म पानी के प्रभाव के साथ संयुक्त उच्च नमक सामग्री, कफ को साफ करने और खांसी से राहत देने में मदद कर सकती है। नमक, जिसे सोडियम क्लोराइड के रूप में भी जाना जाता है, जीवाणुरोधी है और तेजी से वसूली को बढ़ावा देता है।

आवश्यक तेल

पुदीना का तेल

पेपरमिंट ऑयल में decongestant और जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो काली खांसी और इसके लक्षणों के उपचार में फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

नीलगिरी का तेल

नीलगिरी का तेल नीलगिरी के पेड़ की पत्तियों से प्राप्त होता है। यह तेल अपने जीवाणुरोधी और decongestant प्रकृति के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है और काली खांसी से राहत देने में मदद कर सकता है।

प्याज का रस

प्याज फाइटोकेमिकल्स और विटामिन सी से भरपूर होते हैं। इन घटकों की जीवाणुरोधी गतिविधियां आपके संपूर्ण प्रतिरक्षा को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं, जो आपको अच्छी तरह से खांसी से निपटने में मदद करती हैं।

लहसुन

लहसुन एक decongestant है जो जीवाणुरोधी गतिविधियों को प्रदर्शित करता है। लहसुन के इन गुणों का उपयोग बैक्टीरिया का मुकाबला करने के लिए किया जा सकता है जो काली खांसी का कारण बनते हैं।

हल्दी

हल्दी में करक्यूमिन नामक एक यौगिक होता है। कई अध्ययनों ने कर्क्यूमिन के असाधारण रोगाणुरोधी गुणों और खांसी और घरघराहट के इलाज में इसकी दक्षता साबित की है।

ओरिगैनो

अजवायन एक प्राकृतिक expectorant है जिसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं, और यह काली खांसी के इलाज में सहायक हो सकता है

शहद

शहद का उपयोग व्यापक रूप से इसके उपचार और औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। जीवाणुरोधी और एंटीसेप्टिक होने के कारण, शहद उन लक्षणों को कम करने के लिए सिद्ध होता है जो काली खांसी के साथ होते हैं और यह बदले में, आपको इस संक्रामक स्थिति से तेजी से ठीक होने में मदद कर सकते हैं |

नींबू

नींबू विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है, जो अपने जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुणों के लिए जाना जाता है। ये गुण नींबू को खांसी के खिलाफ एक प्रभावी हथियार बनाते हैं |

मुलेठी

मुलेठी में ग्लाइसीरिज़िक एसिड होता है जो प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली गतिविधियों को प्रदर्शित करता है। यह एक विध्वंसक के रूप में भी काम करता है और लगातार खांसी से क्षतिग्रस्त ऊतकों की चिकित्सा को तेज करने में मदद करता है |

केसर

केसर एक expectorant के रूप में कार्य करता है और एक जीवाणुरोधी भी है, जो इसे खांसी के लिए सबसे अच्छा उपचार विकल्पों में से एक बनाता है|

उत्तर-2: दोस्तों, खांसी का आना हमारे शरीर के डिफेंस मैकेनिज्म के तरीकों में से एक है। यानी हमारे गले में जब विषाणुओं का हमला होता है, विषाणु हमारे श्वास नली में आकर प्रवेश कर जाते हैं तो हमारा डिफेंस मैकेनिज्म एक्टिव होता है और विषाणुओं को बाहर निकालने के लिए हमें खांसी आती है और बलगम निकलते हैं। हालांकि सूखी खांसी में मामला इससे थोड़ा अलग होता है।

सूखी खांसी आना बेहद ही कष्टदायक होता है क्योंकि इससे हमारे फेफड़ों में काफ़ी दर्द होता हैं। साथ ही गले में भी पीड़ा उठती है। सूखी खांसी नॉर्मल खांसी से थोड़ा अलग होती है। जहां नॉर्मल खांसी में जो सर्द जुकाम से आती है, बलगम निकलता है वहीं सूखी खांसी बिना कफ के, बिना किसी पदार्थ के निकले ही बिल्कुल साफ आती है।

 

सूखी खांसी ठीक करने के लिए :

  • एक कप चाय में एक चुटकी नमक डालकर पिएं।
  • मुलेठी का पाउडर चाय में डालकर पिएं।
  • अदरक को कद्दूकस करके उसका रस निकालें जितना रस हो उसका आधा शहद उसमें मिलाएं और इसका सेवन करें।
  • काली मिर्च पाउडर और शहद मिलाकर पिएं।
  • काली मिर्च, सौंठ ,मुलेठी ,चाय की पत्ती, गुड को पानी में अच्छी तरह उबाल कर छान लें। इसमें गर्म दूध डालकर इस चाय को पिएं।
  • गर्म दूध में हल्दी डालकर पिएं।

विशेष:उपर्युक्त कुछ प्रचलित घरेलू उपाय हैं लेकिन सूखी खांसी को नजरअंदाज ना करते हुए गंभीरता से लें और डॉक्टर से इलाज करवाइए।

 

उत्तर-3: अगर आम नज़रिए से बात करें तो खांसना एक सामान्य प्रक्रिया है. जिससे गले में फसा हुआ बलगम और अन्य दूषक बाहर आ जाते है. हालांकि, लगातार खांसी रहना कई तरह की कंडीशन के लक्षणों को दर्शाता है जैसे – एलर्जी, वायरल इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन आदि.

जरूरी नही कि हर बार खांसी किसी फेफड़ों की स्थिति के कारण हो, गैस्ट्रोफेगल रिफलक्स के कारण भी खांसी हो सकती है.

सर्दी, एलर्जी और साइनस इंफेक्शन के कारण होने वाली खांसी का ओटीसी दवाओं के साथ इलाज किया जा सकता है. लेकिन बैक्टीरियल इंफेक्शन के मामलों में एंटीबायोटिक्स की जरूरत पड़ती है. लेकिन ऐसे बहुत से लोग है जो इसके इलाज के लिए केमिलकल को लेना पसंद नही करते है.

आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है खांसी के लिए घरेलू उपाय जिनकी मदद से आपको खांसी में आराम मिलता है.

 

खांसी के घरेलू उपचार –

  • पुदीना
  • इसके पत्तों को उपचारात्मक गुणों के लिए जाना जाता है.
  • यह गले को आराम पहुँचाने और खांसी में राहत देने के लिए जाना जाता है.
  • इससे गले में जमा म्यूकस टूटने में मदद मिलती है.
  • इसका लाभ उठाने के लिए पुदीना की चाय या पुदीना की स्टीम ली जा सकती है.
  • पुदीना स्टीम के लिए 150 एमएल गर्म पानी में 2-4 बूंद पुदीना डालें.
  • इसके बाद बर्तन के ऊपर अपना सिर रखकर ऊपर से कपड़ा या तौलिया डाल लें. जिससे स्टीम बाहर न निकलें.

उत्तर-3:अगर आम नज़रिए से बात करें तो खांसना एक सामान्य प्रक्रिया है. जिससे गले में फसा हुआ बलगम और अन्य दूषक बाहर आ जाते है. हालांकि, लगातार खांसी रहना कई तरह की कंडीशन के लक्षणों को दर्शाता है जैसे – एलर्जी, वायरल इंफेक्शन या बैक्टीरियल इंफेक्शन आदि.

जरूरी नही कि हर बार खांसी किसी फेफड़ों की स्थिति के कारण हो, गैस्ट्रोफेगल रिफलक्स के कारण भी खांसी हो सकती है.

सर्दी, एलर्जी और साइनस इंफेक्शन के कारण होने वाली खांसी का ओटीसी दवाओं के साथ इलाज किया जा सकता है. लेकिन बैक्टीरियल इंफेक्शन के मामलों में एंटीबायोटिक्स की जरूरत पड़ती है. लेकिन ऐसे बहुत से लोग है जो इसके इलाज के लिए केमिलकल को लेना पसंद नही करते है.

आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है खांसी के लिए घरेलू उपाय जिनकी मदद से आपको खांसी में आराम मिलता है.

खांसी के घरेलू उपचार –

  • पुदीना
  • इसके पत्तों को उपचारात्मक गुणों के लिए जाना जाता है.
  • यह गले को आराम पहुँचाने और खांसी में राहत देने के लिए जाना जाता है.
  • इससे गले में जमा म्यूकस टूटने में मदद मिलती है.
  • इसका लाभ उठाने के लिए पुदीना की चाय या पुदीना की स्टीम ली जा सकती है.
  • पुदीना स्टीम के लिए 150 एमएल गर्म पानी में 2-4 बूंद पुदीना डालें.
  • इसके बाद बर्तन के ऊपर अपना सिर रखकर ऊपर से कपड़ा या तौलिया डाल लें. जिससे स्टीम बाहर न निकलें.

उत्तर-4: खांसी बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन, ऐलर्जी, या ठंड के कारण हो सकती है| बदलते मौसम में सर्दी खाँसी होना तो कुछ लोगों के लिए आम बात है | जब खांसी लम्बे समय तक पीछा नहीं छोड़ती तो खांस खांस कर हम परेशान हो जाते है और जितने जल्दी हो सके इससे छुटकारा पाना चाहते हैं। बार बार होने वाले खाँसी के लिए लोग डॉक्टरों के पास नहीं जाते। ऐसे समय में कुछ घरेलू नुस्ख़े हमारी अच्छी मदत करते है |

१. गर्म पानी

जितना हो सके गर्म पानी पिए। इससे गले में जमा हुआ कफ खुलेगा और आपको खाँसी से राहत महसूस होगी।

२. गुनगुने पानी और नमक से गरारे

गुनगुने पानी में चुटकी भर नमक डालकर इस पानी से गरारे करे | इससे गले को राहत मिलती है और खांसी से भी आराम मिलता है।

३. शहद

शहद सर्दी खांसी और गले की खराश के लिए बहोत ही प्रभावी है | खाँसी के लिए आप शहद को सीधे ले सकते हैं | खांसी में हर कुछ घंटों में 1 बड़ी चम्मच शहद लेते रहें | इसके अलावा आप आधा चम्मच शहद में एक चुटकी इलायची और कुछ नीबू के रस की बूंदे डालकर भी ले सकते है |

एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को छोड़कर सभी शहद ले सकते है |

४. हल्दी

हल्दी खांसी की एक परंपरागत औषधि है जिसे अक्सर हम सभी इस्तेमाल करते है | कही घरों में बच्चों को सर्दी के मौसम में रोज हल्दी वाला दूध पीने के लिए दिया जाता है | हल्दी में मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल प्रॉपर्टीज इन्फेक्शन से लडकर हमे सर्दी, खांसी, गले में ख़राश जैसे कई तक़लिफो में फायदा देती है |

१ छोटा चम्मच हल्दी पाउडर में थोड़ा शहद मिलाकर दिन में ३ या ४ बार प्रयोग कर सकते हैं |

५. अदरक-तुलसी

अदरक के रस में तुलसी रस मिलाएं और इसका सेवन करें। इसमें शहद भी मिलाया जा सकता है। अदरक के छोटे टुकडे करके उसमें नमक मिलाकर इसे चबाकर खा लें। इसके रस से आपका गला खुल जाएगा और खांसी मर भी फायदा होगा |

इसके साथ ही सूप, चाय, गर्म पानी का सेवन करें। ठंडा पानी, मसालेदार खाना आदि से परहेज करें।

इस बात का भी ध्यान रखे की खांसी लम्बे समय तक बनी रहे या खाँसी में खून आने लगे तो डॉक्टर को जरूर दिखाए | यह किसी और बीमारी के वजह से हो सकता है |

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