डकार आने का कारण…
डकार आने का कारण…
डकार (Burping या Belching) आना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जिसमें पेट में मौजूद अतिरिक्त हवा मुंह के रास्ते बाहर निकलती है। यह आमतौर पर खाना खाने के बाद या गैस बनने पर होती है। डकार आना अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह पाचन प्रणाली के कार्य का एक हिस्सा है। हालांकि कभी-कभी बार-बार डकार आना, बदहजमी, एसिडिटी या अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है।
डकार आने का वैज्ञानिक कारण
जब हम खाना खाते हैं, पानी पीते हैं या बात करते हैं, तो हमारे साथ-साथ कुछ हवा भी निगल ली जाती है। यह हवा पेट में इकट्ठा हो जाती है और जब वह अधिक हो जाती है, तो शरीर उसे बाहर निकालने के लिए डकार के रूप में रिलीज़ करता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिससे पेट का दबाव कम होता है।
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डकार आने के मुख्य कारण
1. हवा निगलना (Aerophagia)
जब कोई व्यक्ति बहुत तेज़ी से खाता है या पीता है
बात करते हुए खाना
च्यूइंग गम चबाना
स्ट्रॉ से ड्रिंक पीना
धूम्रपान
इन आदतों से मुंह के जरिए ज्यादा हवा पेट में जाती है, जो डकार के रूप में बाहर आती है।
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2. कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन
कोल्ड ड्रिंक, सोडा और बियर जैसे पेय पदार्थों में कार्बन डाइऑक्साइड गैस होती है। जब इनका सेवन किया जाता है, तो गैस पेट में जमा होती है और डकार के रूप में निकलती है।
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3. पाचन संबंधी समस्याएं
बदहजमी (Indigestion): जब खाना सही से नहीं पचता, तब गैस बनती है और डकार आती है।
एसिड रिफ्लक्स (GERD): पेट का अम्ल ऊपर की ओर आने लगता है, जिससे डकार, जलन और खट्टी डकारें आती हैं।
गैस्ट्रोपेरेसिस: यह स्थिति डायबिटीज़ रोगियों में अधिक होती है, जिसमें पेट खाली होने की गति धीमी हो जाती है और गैस बनने लगती है।
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4. तनाव और चिंता
मानसिक तनाव से सांस लेने की गति तेज़ हो जाती है और व्यक्ति अनजाने में ज्यादा हवा निगलता है। यह हवा पेट में जाकर डकार का कारण बनती है।
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5. खाद्य पदार्थ जो गैस बनाते हैं
कुछ खाद्य पदार्थ पचने में अधिक समय लेते हैं और गैस उत्पन्न करते हैं, जैसे:
चना, राजमा, पत्तागोभी, मूली
डेयरी उत्पाद (कुछ लोगों में लैक्टोज इन्टॉलरेंस के कारण)
अत्यधिक फाइबर युक्त भोजन
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बार-बार डकार आना – कब चिंता की बात है?
अगर डकार कभी-कभार आती है तो चिंता की बात नहीं, लेकिन अगर ये बार-बार हो रही है और इसके साथ निम्न लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है:
खट्टी डकारें और सीने में जलन
पेट में लगातार भारीपन या दर्द
भूख की कमी
उल्टी या मिचली
अचानक वजन कम होना
ये सभी लक्षण गैस्ट्रिक अल्सर, GERD, या हायेटल हर्निया जैसी गंभीर समस्याओं के संकेत हो सकते हैं।
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डकार को रोकने और राहत पाने के उपाय
1. भोजन की आदतें सुधारें:
धीरे-धीरे और चबा-चबाकर खाना खाएं
बात करते हुए खाना न खाएं
खाने के तुरंत बाद लेटें नहीं
नियमित समय पर भोजन करें
2. च्युइंग गम और स्ट्रॉ से बचें:
इनसे हवा ज्यादा निगलने की संभावना रहती है
3. तनाव प्रबंधन करें:
योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने की तकनीकों से मानसिक तनाव को कम करें
4. गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें:
अधिक दालें, कोल्ड ड्रिंक्स, और तले-भुने भोजन से दूर रहें
5. घरेलू उपाय:
अजवायन और काला नमक: गैस और डकार की समस्या में असरदार
हींग का पानी: पेट की गैस को कम करता है
पुदीने का रस: डकार और पेट फूलने में राहत देता है
छाछ में भुना जीरा: पाचन क्रिया को सुधारता है
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योग और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
योगासन:
वज्रासन (भोजन के बाद 10 मिनट)
पवनमुक्तासन
भुजंगासन
प्राणायाम:
अनुलोम-विलोम
कपालभाति
आयुर्वेदिक औषधियाँ:
त्रिफला चूर्ण
हिंग्वाष्टक चूर्ण
अविपत्तिकर चूर्ण
डकार आना शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है जो पाचन तंत्र की कार्यशीलता को दर्शाती है। लेकिन जब यह बार-बार और अधिक मात्रा में हो, तो यह एक असंतुलित जीवनशैली, खराब खानपान या पाचन संबंधी किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। उचित खानपान, घरेलू उपाय, योग और तनाव प्रबंधन से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें या तकलीफदेह हों, तो चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है।
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