धनतेरस की पूजा विधि
धनतेरस की पूजा विधि और टोटके: समृद्धि और सुख-शांति के उपाय
धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली महोत्सव की शुरुआत का पहला दिन होता है। यह पर्व भगवान धन्वंतरि, जो आयुर्वेद के देवता और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं, की पूजा के साथ मनाया जाता है। इस दिन धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए पूजा की जाती है, और कुछ खास टोटके भी किए जाते हैं, जिनसे घर में सुख-समृद्धि आती है। यहां धनतेरस की पूजा विधि और कुछ सरल और प्रभावी टोटके दिए गए हैं:
धनतेरस की पूजा विधि:
1. स्नान और घर की सफाई:
धनतेरस के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इसके बाद अपने घर की अच्छी तरह सफाई करें, विशेषकर उन स्थानों की, जहां आप पूजा करेंगे। सफाई के बाद मुख्य द्वार पर रंगोली और दीपक लगाएं।
2. पूजा स्थल तैयार करें:
पूजा स्थल पर एक साफ चौकी पर सफेद या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मी जी और कुबेर देव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके साथ चांदी, तांबे या सोने के सिक्के रखें, जिन्हें शुभ माना जाता है।
3. दीपक जलाएं:
दीप जलाना धनतेरस का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। घर के मुख्य द्वार, पूजा स्थल और घर के हर कमरे में घी या तेल के दीपक जलाएं। इसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
4. धन्वंतरि और लक्ष्मी पूजन:
भगवान धन्वंतरि और लक्ष्मी जी की पूजा में चावल, फूल, मिठाई, धूप, दीप, और जल अर्पित करें। फिर लक्ष्मी जी के लिए कमल का फूल चढ़ाएं और कुबेर देवता के चरणों में सिक्के अर्पित करें। इन देवताओं की पूजा से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
5. धनतेरस की आरती:
पूजा के बाद लक्ष्मी जी, कुबेर देव और धन्वंतरि भगवान की आरती करें। परिवार के सभी सदस्य पूजा में शामिल हों और आरती में भाग लें। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।
6. खरीदारी का महत्व:
धनतेरस पर नया बर्तन, सोना, चांदी या अन्य धातु खरीदना शुभ माना जाता है। इसे सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। अगर संभव न हो, तो स्टील या पीतल का कोई छोटा सा बर्तन भी खरीदा जा सकता है।