Dr Bhuwan Bansal
प्रसिद्व व्यक्तित्व विशेष परिचय -डॉ भुवन बंसल, मथुरा
डॉं. भुवन बंसल जी को मैं लगभग ढेड़ दसक से जानता हॅू। उनसे अक्सर बिमारियों को लेकर चर्चा होती रहती है। कुछ दिना पूर्व मै उनके चिकित्सालय में काफी देर तक बहुत सारे रोगो और उनके इलाज के बारे मं चर्चा कर रहा था। इस बार चर्चा ने साक्षात्कार का रूप ले लिया। साक्षात्कर इतना बडा रहा कि जिसे हमारे रीडर को प्रस्तुत कर पाना सम्भव नही है। परन्तु उस साक्षात्कार के मुख्य अंश प्रस्तुत कर रहा हॅू।
परिचय:
डॉ भुवन बंसल मथुरा उत्तर प्रदेश में होम्योपैथि के एक अच्छे व नामचीन चिकित्सक है, डा बंसल को होम्योपैथी चिकित्सा में 15 वर्ष का सफल अनुभव है। बचपन से ही चिकित्सा में रूचि रखने वाले डा बंसल ने अपनी बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एण्ड सर्जरी की उपाधि प्राप्त भोपाल में की। उन्होने अपने इस कैरियर के दौरान गंभीर से गंभीर बिमरियों का सफल इलाज किया।
रविन्द्र: होम्योपैथी क्या है
डा. बंसल: होमियोपैथी पद्वति में रोगी द्वारा बताए जीवन, उसका इतिहास एवं रोग लक्षणों को सुनकर उसी प्रकार के लक्षणों को उत्पन्न करने वाली औषधि से किया जाता है। होम्योपैथी से पुराने और कठिन रोग को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
रविन्द्र: होम्योपैथी के बारे मं लोगो की धारणा है कि यह पद्वति बहुत ही धीमी गति से काम करता है और लम्बे समय तक करना पड़ता हैं। आपका क्या कहना है-
डा बंसल: यह धारणा बिल्कुल गलत है कि होम्योपैथी लम्बे समय तक करना पड़ता है। जबकि होम्योपैथी के अलावा दूसरी ऐसी पद्वति है जिसमें की जीवन भर आपको दवाईयॉ खानी पड़ती है। जबकि इस पद्वति में 2 से 3 वर्षो में ही जटिल से जटिल रोगो को जड़ से खत्म किया जा सकता है। होम्योपैथी में छोटी मोटी बिमारियों जैसे सर्दी, जुखाम, पेट दर्द, आदि को तो घंटो में ही समाप्त किया जा सकता है।
रविन्द्र: होम्योपैथी व एलौपैथी को क्या जोड़ा जा सकता है। जबकि आज के समयानुसार सभी टेस्ट रिपोर्ट के माध्यम से इलाज करते है। इस पर आप का क्या मत है।
डा बंसल: दोनो ही पद्वति अलग-अलग है, कुछ ऐसी बिमारियॉ होती है, जिनका त्वरित ईलाज हम एलौपैथी के माध्यम से ही कर सकते है। जबकि असाध्य रोगो के ईलाज के लिए होम्योपैथी है। होम्योपैथी से असाघ्य रोगो को जड़ से समाप्त किया जा सकता है । टेस्ट रिपोर्ट के माध्यम से इलाज करने में आसानी होती है, जिससे यह ज्ञात हो जाता है। कि मरीज किस बिमारी से ग्रसित है।
रविन्द्र: क्या होम्योपैथी की फस्ट-एड-बॉक्स हर घर में होनी चाहिए।
डा बंसल: हम अपने घर में छोटी-छोटी बिमारियों के लिए मंहगी दवाईया रखते है जबकि हम सभी को होम्योपैथी की फस्ट-एड-बॉक्स किट को रखना चाहिए। जिससे छोटी छोटी बिमारियो के मंहगी व साईडइफेक्ट करनी वाली दवाईयों से छुटकारा मिले और बडी आसानी से हम इसे इस्तेमाल कर सके। होम्योपैथी मं किसी प्रकार का कोई साइडइफेक्ट नही है और यह 10 वर्षो तक आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है। इन दवाईयों को छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी को बडे आसानी से दिया जा सकता है।
रविन्द्र: थायरोइड के बारे में आप क्या कहेंगें।
डा बंसल: थायोराइड आजकल आम बिमारी जैसा होता जा रहा है। थायोराइड का भी सफल इलाज होम्योपैथी में सम्भव है। अगर थयोराइड का रोगी एलौपैथी दवाईयॉ खाता है तो उसका थायरोइड 2 साल में खत्म हो जायेगा और यदि उसने एलौपैथी दवा नही खाई है तो उसे 8 माह के अन्तराल में समाप्त हो जायेगा।
रविन्द्र: PCOD & PCOS क्या है और क्या इसका इलाज सम्भव है।
डा बंसल: यह रोग स्त्रियो की ओवरी में गॉंठो का बन जाना होता है। जिसमं कई सारी गॉठे बन जाने पर उनका मासिक धर्म बन्द हो जाता है। इसका इलाज होम्योपैथी में सम्भव है, जिसमें 3 माह से लेकर 1 साल के अन्तराल में इलाज सम्भव हो जाता है।
रविन्द्र: आपने होम्यापैथी में किस पर अध्यन किया है। और इस समय आप किस पर शोध कर रहे है।
डा बंसल: अपने कैरियर में अनेको बिमारियों पर सफल अध्यन व प्रयोग किया है जिसमें मुख्यताः थायोराइड, लीवर, किडनी, बच्चो की एम्यूनिटी तथा इस समय मेरा सफल शोध इन्फरटीलिटी पर चल रहा है।
रविन्द्र: बॉंझपन बच्चा न होना क्या है, वह क्या इसका होम्योपैथी में इलाज संभव है। आप इस बारे मं क्या संदेश देंगें।
डा बंसल: बच्चा न होने में पुरूष या महिला दोनो में ही परेशानी हो सकती है। जैसे कि पुरूष के वीर्य का पतला होना। और स्त्रियों में ओवरी में गांठ का पड़ना, ट्यूब्स का ब्लॉक होना, हॉर्मोन्स में उतार-चढाव का आना आदि कभी-कभी किसी भी प्रकार की बिमारी न होने पर भी कई ऐसे लक्षण होते है जिस कारणवष भी बच्चे नही होते है। इसका होम्योपैथी में सफल इलाज है।
रविन्द्र: बॉंझपन का इलाज कितना लंबा चलता है। और होमियोपैथी इलाज से कोई साइ्रड इफेक्ट तो नही है।
डा बंसल: बच्चा न होने का होम्योपैथी में सफल इलाज है, इसके लिए तीन माह से 1 साल तक का वक्त लग जाता है। और कभी कभी तीसरे महिने में ही स्त्री गर्भवती हो जाती है। होम्योपैथी में किसी भी प्रकार का कोई साइडइफेक्ट नही है।
रविन्द्र: होम्योपैथी द्वारा कौन से रोगों का इलाज नही कियाजाता है
डा बंसलः कोई भी ऐसा रोग नही है जिसका होम्योपैथी में इलाज सम्भव न हो परन्तु होम्योपैथी में सभी इलाज के लिए अलग-अलग चिकित्सक हो सकते है, जिनका वह अपने शोध व अनुभव के माध्यम से सफल इलाज करते है।
रविन्द्र: होम्योपैथी का इलाज क्या मनुष्यों के लिए ही है या जनवारो के लिए भी हो सकता है।
डा बंसलः होम्योपैथी में इलाज मनुष्यों के साथ-साथ जनवारो तथा पेड पौधो के लिए भी इलाज सम्भव है। मेरा निज अनुभव गाय और कुत्तो के साथ है, होम्योपैथी कुत्तो को बहुत जल्द असर करता है।
रविन्द्र: हमें आप अपना अनुभव तथा अपने स्वयं के क्लिनिक के बारे में बताएं।
डा बंसल: हमारा क्लीनिक लगभग 15 वर्ष पूराना है। तथा कैलादेवी मन्दिर के पास, डैम्पियर नगर, मथुरा में स्थित है। क्लीनिक में जटिल से जटिल समस्या/बिमारी से ग्रसित रोगी आये और वह स्वास्थ्य व खुश हो कर गये।
रविन्द्र: आप अपने क्लिनिक में मरीजों को कैसे शेड्यूल करते हैं? और आपइन्मेन्ट को कैसे संभाला जाता है
डा बंसल: हमारे क्लीनिक का समय सुबह 10:30 से दोपहर 1.30 तक व षाम 5 से रात्रि 8 बजे का है, हमने अपने चिकित्सालय को आधुनिक परिवेश के अनुसार आईटी से जोड रखा है। जिसमें सभी मरीजो का एक कम्प्यूटराइज्ड आईडी कार्ड बना रखा है। रोगी को अपना रिपोर्ट बार-बार नही लाना होता, उसके कार्ड नम्बर से ही तथा वर्तमान स्थिति को देखते हुए उन्हे दवा दी जाती है।
रविन्द्र: कोई ऐसी घटना जिसे आप हमसे बॉटना चाहेंगें।
डा बंसल: इतने वर्शो के अनुभव में पाया कि बिमारियॉ अनेको प्रकार की है, किसी का ईलाज सम्भव हो पाया तो किसी में सफलता नही मिली, जिसमे सफंलता नही मिली तो उसे गहन अघ्ययन व षोध करने के पश्चात सफलता प्राप्त की। एक ऐसी ही घटना याद आ रही है, जिसमें मरीज गले की बिमारी से काफी ग्रसित था। वह एक अत्याधुनिक व प्रसिद्व हॉस्पिटल में गया। जहॉ इसे सफल इलाज नही किया या फिर वहॉ पर चिकित्सक ने मना कर कहा इलाज सम्भव नही है। परन्तु हमारी क्लीनिक में उस मरीज से सफल इलाज पाया और स्वस्थ्य हो कर गया।
रविन्द्र: अंत में आपका द्वारिकाधीश डिवाइनमार्ट मासिक ई-पत्रिका के पाठको के लिए कोई संन्देश देना चाहते है।
डा बंसलः हमारी तरफ से द्वारिकाधीष डिवाईनमार्ट के टीम को शुभकॉमनाए तथा भविष्य में यह पत्रिका अपनी ऊचाईयों को छुए। और इसके पाठको को पत्रिका के माध्यम से अच्छी जानकारियॉ प्राप्त हो। ईश्वर सभी को स्वस्थ्य व खुश रखे।