गावजवान शर्बत
गावजवान शर्बत :
बुखार में, अनिद्रा की समस्या होने पर, यह शर्बत बहुत उपयोगी होता है। इसके सेवन से गहरी नींद आती है। यह मस्तिष्क को आराम देता है और वेदना (पीड़ा) को कम करता है।
1- घटक द्रव्य और निर्माण ——–
गावजवान 39 ग्राम , बिल्ली लोटन 11. 5 ग्राम । गुलाब के फुल, चंदन का चूर्ण, छड़ीला, बालछड। ये सभी 10. 5 – 10. 5 ग्राम । इन सभी को , गुलाब के अर्क 500 ग्राम और वर्षा का पानी या R O का पानी 500 ग्राम में उबालें, जब पानी 750 ग्राम रह जाएं तो छान लें। 1. 500 ग्राम चीनी डालकर, शर्बत विधि से शर्बत बना लें। इस शर्बत में प्रति 10 ग्राम शर्बत की मात्रा से, क्लोवजहाइड्रेट अर्क में घोलकर मिला दें । आपका शर्बत प्रयोग हेतु तैयार है।
( यू. सि. यो. सं. से थोड़ा सा परिवर्तित )
2- गुणकारी और उपयोगी ——–
* रोगी का चुप – चुप रहना, थकावट और चिंता के कारण, हल्का बुखार का अनुभव होना और नींद न आना। ऐसी अवस्था में , इस शर्बत का सेवन करने से अत्यंत लाभ होता है। गहरी नींद आती है और मस्तिष्क को आराम मिलता है।
* उपरोक्त कारण से होने वाले दर्द में भी आराम देता है।
* धनुर्वात ( एक प्रकार का वात रोग, जिसमें शरीर धनुष की तरह टेढा़ हो जाता है। ), मृगी रोग, स्त्रियों के हिस्टीरिया रोग में और बार बार बेहोशी आने वाले रोग में भी लाभदायक है।
3- मात्रा और अनुपान ——-
20 से 40 ग्राम तक, अकेले या गावजवान अर्क के साथ मिलाकर, सुबह – शाम प्रयोग करें।
विशेष ——
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