सरकारी विभाग में संविदा पर नौकरी करते है…
सरकारी विभाग में संविदा पर नौकरी करते है…
सरकारी विभाग में संविदा पर नौकरी करते है और वह संविदा पर लगी नौकरी में पूर्ण रूप से सरकारी होना चाहते है/सरकारी रुप से स्थाई(Permanent) होना चाहते हैं आज इसी बारे में बात करेंगे कि सविंदा पर नौकरी किनकी लगेगी और संविदा पर नौकरी लगी हुई है तब पूर्ण सरकारी नौकरी हो पाएगी मतलब संविदा से हटकर पूर्ण तरह से सरकारी नौकरी हो पाएगी तो कब तक या संविदा पर ही रहेंगी और पूर्ण सरकारी नौकरी होने की स्थिति बनी हुई है तो क्या उपाय करें जिससे संविदा पर नौकरी हैं तो पूरी तरह से स्थाई सरकारी नौकरी हो जाये और कब तक हो जाएगी आदि आज इसी विषय पर अब बात करते है।।
सरकारी विभाग के कारक ग्रह सूर्य मंगल और गुरु होते है जब जन्मकुंडली या दशमांश कुंडली मे सूर्य मंगल या गुरु का अच्छा सहयोग न मिल रहा हो या यह ग्रह कमजोर हो तब संविदा पर रहकर नोकरी करनी पड़ती है।यदि यह ग्रह बलवान भी हो लेकिन यदि इसके अलावा यदि कुंडली का दसवाँ भाव या दसवे भाव का स्वामी कमजोर हुआ तब भी पूर्ण सरकारी नोकरी होने में रूकाबटे रहती है।लेकिन जब सूर्य मंगल गुरु बलवान हो या केवल सूर्य ही बलवान होगा और दसवे भाव या दसवे भाव के स्वामी से सूर्य या मंगल या सूर्य गुरु या मंगल गुरु का संबंध होगा तब।।
तब अनुकूल ग्रह दशा आने पर देर सबेर जातक या जातिका संविदा से हटकर पूर्ण रूप से सरकारी पदाधिकारी हो जाते है। यदि सरकारी नोकरी के ग्रहयोग है लेकिन कमजोर या पीड़ित है तब भी संविदा पर नोकरी रहती है ऐसी स्थिति में पीड़ित करने वाले ग्रहों की शांति उपाय करके पूर्ण रूप से सरकारी पद भी प्राप्त हो जाएगा।कुछ स्थितियों में ग्रह दशा अनुकूल न होने पर भी जातक को पहले संविदा पर नोकरी करनी पड़ जाती है और जैसे ही ग्रहों की महादशा-अंतरदशा अनुकूल होती है उसी समय जातक को पूर्ण सरकारी पद के अधिकार मिल जाते हैं।अब कुछ उदाहरणों से समझते है कब संविदा पर ही कार्य करना पड़ेगा और किन जातक/जातिकाओ को संविदा से मुक्ति मिलकर पूर्ण सरकारी अधिकार और पूर्ण सरकारी पद मिल जाता है।।
कुंडलीउदाहरणवृषलग्नअनुसार1:-
वृषलग्न जन्मकुंडली या दशमांश कुंडली मे जैसे शनि दसवे भाव का स्वामी बनता है अब शनि बलवान होकर यहाँ बलवान सूर्य के साथ बैठा हो जैसे सूर्य शनि दोनों 5वे भाव मे कन्या राशि के हो तब लेकिन यहाँ शनि अस्त हो जाये या राहु की दृष्टि सूर्य शनि पर आ जाये आदि तब जातक को यहां संविदा पर रहकर नोकरी करनी पड़ेगी क्योंकि पूर्ण सरकारी नौकरी के लिये शनि अस्त या राहु पीड़ित कर रहा है, ऐसी स्थिति में अस्त शनि के उपाय करके और राहु भी शनि को पीड़ित कर रहा है तो राहु शांति के उपाय करके, जातक को पूर्ण रूप से सरकारी पद और पूर्ण सरकारी अधिकार मिल जायेंगे।।
कुंडलीउदाहरणसिंह_अनुसार2:–
यहां दसवे भाव का स्वामी शुक्र होता है अब शुक्र सूर्य के साथ बैठा हो लेकिन शुक्र सूर्य के साथ शनि राहु भी साथ आकर बैठ जाये तब ऐसे जातक या जातिका को संविदा पर नोकरी मिलेगी ,पूर्ण सरकारी नौकरी होने के लिए यहाँ कार्यक्षेत्र स्वामी और सरकारी नौकरी कारक सूर्य को थोड़ा बलवान करने से और राहु शनि की शांति के उपाय करने से राहु शनि यहाँ पूर्ण सरकारी होने में जो दिक्कत कर रहे है वह दूर होकर पूर्ण सरकारी पाधिकारी जातक या जातिका हो जायेगे।।
अबकुछउदाहरणोसे समझते है कैसे स्वयम कुछ समय बाद संविदा पर लगने के बाद, संविदा से हटकर जातक/जातिका स्थाई रूप से पूर्णसरकारी हो जाते है और कब।।
कुंडलीउदाहरणकन्यालग्नअनुसार3-
कन्या लग्न कुंडकी में दसवे भाव(कर्यक्षेत्र/रोजगार) का स्वामी बुध होता है अब बुध यहाँ सूर्य+शनि के साथ संबंध में हो और राहु का भी प्रभाव बुध पर हो तब यहाँ संविदा पर नौकरी रहेगी, लेकिन यही यदि बुध वर्गोत्तम हो बलवान हो और सरकारी नोकरी कारक सूर्य भी बलवान हो साथ ही अन्य सरकारी नोकरी के कारक मंगल गुरु भी दसवे भाव स्वामी बुध या दसवे भाव को शुभ स्थिति में सम्बन्ध तब ऐसा जातक या जातिका कुछ समय बाद ही अनुकूल ग्रह दशा आने पर पूर्ण रूप से सरकारी पाधिकारी हो जायेगे क्योंकि यहाँ तीनो सरकारी नोकरी के कारक सूर्य मंगल गुरु का पूर्ण प्रभाव रोजगार पर है।।
संविदा पर नौकरी तब ही करनी पड़ेगी जब सरकारी नौकरी के ग्रह कमजोर हो या नौकरी सम्बंधित ग्रह कमजोर/पीड़ित हो या दसवे भाव दसवे भाव स्वामी(नौकरी के स्वामी ग्रहों)पर शनि और राहु का कुछ दूषित प्रभाव पड़ता हो, ऐसी स्थिति में पूर्ण सरकारी होने के लिए उपाय करने से पूर्ण सरकारी पद की जा सकती है।।