गुलाब का शर्बत :
गुलाब का शर्बत :
यह शरबत, अत्यंत स्वादिष्ट एवं गुणकारी होता है। इसके सेवन से थकान, जलन, गर्मी एवं प्यास की अधिकता में, बहुत लाभ मिलता है |
1- घटक द्रव्य और निर्माण ———
पहली विधि ———
1लीटर गुलाबजल में, 1. 500 ग्राम चीनी मिलाकर, शरबत बनाने की यथाविधि से, शरबत बना लें और छानकर रख लें। ( र. त. सा. )
दुसरी विधि ———–
गुलाबजल 1 लीटर, 2. 500 ग्राम चीनी, साइट्रिक एसिड ( नींबू सत्व ) 25 ग्राम मिलाकर शरबत बना लें। खाने का गुलाबी रंग आवश्यकतानुसार भी मिला सकते है। गुलाब की इत्र मिलाकर व छानकर रख लें।
2- गुणकारी और उपयोगी ——–
* ये शरबत अत्यंत स्वादिष्ट व समधुर होता है।
* प्यास का अधिक लगना व शरीर की अंदरूनी जलन में , इसके सेवन से लाभ होता है।
* शारीरिक थकावट, ग्लानि व मानसिक तनाव में, इस शरबत का सेवन करना चाहिए।
* भ्रम की स्थिति और चित्त की अस्थिरता में भी , इसके सेवन से लाभ होता है।
* मूत्र की जलन, मूत्र का रूक रूक कर आना आदि मूत्र विकारों में लाभ देता है।
* आँखों की लालिमा व जलन में भी , इसका सेवन अवश्य करना चाहिए, लाभ होता है।
* गर्मी में , इसके सेवन करने से, गर्मी से होने वाले उत्पातों से बचा जा सकता है।
मात्रा और अनुपान ———
20 ग्राम से 50 ग्राम तक, एक गिलास पानी में मिलाकर, दिन व रात में, दो – तीन बार सेवन कर सकते है।
विशेष ——
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