जानें हस्तरेखा से भविष्य… 75
जानें हस्तरेखा से भविष्य… 75
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ह्रदयरेखा में मिलती हुई मस्तिष्करेखा
( अत्यधिक भावुकता)
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यदि मस्तिष्करेखा इतनी ऊपर उठ जाये कि वह ह्रदय रेखा में जाकर मिल जाये तो यह बताती है कि जातक की भावनाएं इतनी प्रबल हैं कि वे उसके विवेकपूर्ण निर्णय को भी बदल सकती हैं। पुराने हस्तरेखा विदों के विचारों से ऐसा व्यक्ति कठोर अपराधी होता है। मेरी मान्यता एकदम उनका समर्थन नहीं करती। यह सही है कि ऐसा व्यक्ति जब भावावेश में होता है तो अपना आत्मनिर्णय, विवेक खो बैठता है, उसकी बुद्धि भावनाओं के सामने कुंठित हो जाती है, परंतु ऐसे में वह हमेशा अपराध ही कर बैठेगा- यह जरूरी नहीं है। यदि हाथ कठोर है, शुक्र का पर्वत अति विकसित है, लाल है, ह्रदय रेखा गहरी और लाल है, नाखून छोटे हैं, मंगल का पर्वत पुष्ट है तो आप कह सकते हैं कि ऐसा जातक अपनी काम-संतुष्टि, इच्छापूर्ति के लिए अपराध कर सकता है, यहां तक कि वह किसी का खून भी कर सकता है। इस जातक क्रोध में, भावावेश में अंधा हो जाता है। ऐसी अवस्था में वह क्या गलत काम कर रहा है, इसका उसे बोध नहीं होता।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9611312076