ज्योतिष का कैंसर से संबंध
ज्योतिष का कैंसर से संबंध
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ज्योतिष में पापी ग्रह राहु को कैंसर का कारक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में जब एक भाव पर ही अधिकतर पाप ग्रहों का प्रभाव होता है, विशेषकर शनि, राहु और मंगल का तो उस भाव से संबंधित अंग में कैंसर होने की आशंका होती है। मुख्य रूप से राहु के उस पर प्रभावी होने से कैंसर होता है, लेकिन शनि और मंगल की दशा में भी कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है।
ग्रहों को रखें शांत
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कुंडली में स्थित जिन ग्रहों के कारण कैंसर होने की आशंका बनती है, उन ग्रहों से संबंधित ज्योतिषीय उपाय करने से यह आशंका कम हो जाती है। इन ग्रहों को शांत करने के उपाय करके आप कैंसर जैसी बीमारी को भी रोक सकते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र का जप
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कैंसर चाहे जिस भी स्टेज का हो रोगी को महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। यदि वह खुद इस लायक नहीं हैं तो वह किसी से महामृत्युंजय मंत्र का जप करवा भी सकते हैं। ऐसा करने से कैंसर के सही होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि कैंसर सही नहीं भी हो पाता है तो उसकी वजह से रोगी को तकलीफ कम होती है। शिव पंचाक्षर मंत्र का रोजाना प्रयोग करने से भी इस रोग में राहत मिलती है। शिव संहार के देवता हैं, अतः रोग, अपमृत्यु एवं अकाल मृत्यु से सुरक्षा हेतु शिवजी की उपासना करनी चाहिए।
ऐसे करें दान
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जिन लोगों को कैंसर है या फिर होने की आशंका है। यानी कि आपके घर परिवार में किसी को अगर यह बीमारी है तो वंशानुक्रम की वजह से आपको भी यह समस्या हो सकती है। ग्रहों की शांति के लिए दान योग्य वस्तुएं सूर्य: सोना, माणिक्य, तांबा, गुड़, घी, पुष्प, केसर, मूंगा, लाल गाय, लाल वस्त्र, रक्त, चामर, लाल चंदन का दान करना चाहिए।
ऐसे करें साधना
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प्रातःकाल सभी कर्मों से निवृत्त होने के बाद स्नान करके ऊन के आसन पर पूर्वाभिमुख होकर बैठ जाएं। भगवान के सामने घी का दीपक जलाकर रख लें। रुद्राक्ष की माला पर गायत्री मंत्र का कम से कम एक माला जप नियमित रूप से करें। पूरे जप काल तक सम्मुख दीपक जलता रहना चाहिए। शाकाहारी भोजन करें और ईश्वर में विश्वास रखें। यह बीमारी आपसे दूर रहेगी।
राजेन्द्र गुप्ता,
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175