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कल्कि जयंती 10 को

कल्कि जयंती 10 को

इस बार बन रहे हैं 4 शुभ योग

कब और कहां होगी भगवान कल्कि की उत्पत्ति
जगत के पालनहार भगवान विष्णु के दसवें अवतार माने जाने वाले कल्कि भगवान की जयंती हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। सनातन धर्म में इस जयंती का बड़ा महत्व है। इस साल यह तिथि 10 अगस्त, शनिवार को मनाई जाएगी। वर्तमान समय में कल्कि अवतार नहीं हुआ है। धर्म-शास्त्रों में निहित है कि भविष्य में भगवान कल्कि अवतार लेंगे। ये उनका अंतिम अवतार होगा। यह दिन वैष्णव संप्रदाय के लोगों के लिए बेहद खास होता है।

इस दिन श्रद्धा भाव से भगवान कल्कि की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

कल्कि जयंती का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कल्कि जयंती सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 10 अगस्त को देर रात 3 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 11 अगस्त को सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा। अत: 10 अगस्त को कल्कि जयंती मनाई जाएगी। साधक सुविधा अनुसार समय पर स्नान-ध्यान कर विधि-विधान से भगवान कल्कि की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

कल्कि जयंती पर बन रहे शुभ योग
कल्कि जयंती पर साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 2 बजकर 52 मिनट तक है। इसके बाद शुभ योग का संयोग बन रहा है। इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। कुल मिलाकर कहें तो कल्कि जयंती पर साध्य, शुभ एवं रवि योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान कल्कि की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान प्राप्त होगा। इसके साथ ही कल्कि जयंती पर शिव वास योग भी बन रहा है।

भगवान विष्णु दसवें अवतार में कल्कि के रूप में लेंगे जन्म
कल्कि पुराण में भगवान कल्कि के अवतार का विस्तार पूर्वक वर्णन है. जानकारों के अनुसार कलियुग में जब पृथ्वी पर अधर्म चरम पर पहुंचेगा और धर्म का पतन होने लगेगा, तब पृथ्वी पर अधर्मियों का नाश और धर्म की पुनर्स्थापना करने के हेतु भगवान विष्णु दसवें अवतार में कल्कि के रूप में जन्म लेंगे. पुराणों के अनुसार कलयुग 4,32,000 साल का होगा. कल्कि की उत्पत्ति सावन माह में संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नामक परिवार में होगा. भगवान कल्कि के प्रकाट्य का उद्देश्य कलियुग में कि राक्षस का वध करना होगा. इसके बाद कलयुग खत्म होगा और एक बार पुनः सतयुग प्रारंभ होगा.

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