संजीवनी बूटी से कम नहीं है कनेर का फूल: आयुर्वेदिक गुण और उपयोग
संजीवनी बूटी से कम नहीं है कनेर का फूल: आयुर्वेदिक गुण और उपयोग
कनेर का पौधा एक सामान्य लेकिन अत्यंत उपयोगी औषधीय पौधा है, जिसे भारत में कई स्थानों पर देखा जा सकता है। इसे अंग्रेजी में Thevetia peruviana कहा जाता है। यह सदाबहार पौधा हिमालय, गंगा के ऊपरी मैदानों और मध्यप्रदेश में अधिक पाया जाता है। इसके पीले और ऑरेंज रंग के फूल होते हैं, जो न केवल सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि कई आयुर्वेदिक लाभ भी प्रदान करते हैं। वैद्य इसे संजीवनी बूटी के रूप में उपयोग करने की सलाह देते हैं।
कनेर के आयुर्वेदिक लाभ
1. घाव भरने में सहायक
कनेर के सूखे पत्तों का चूर्ण बनाकर घाव पर लगाने से वे जल्दी भर जाते हैं।
2. फोड़े-फुंसियों का उपचार
कनेर के लाल फूलों को पीसकर लेप तैयार करें और इसे दिन में 2-3 बार प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इससे फोड़े-फुंसियां जल्द ठीक होती हैं।
3. दाद का इलाज
- कनेर की जड़ को सिरके में पीसकर दिन में 2-3 बार लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
- कनेर के पत्ते, आंवला रस, गंधक, सरसों का तेल और मिट्टी के तेल का मिश्रण बनाकर लगाने से दाद समाप्त होता है।
- कनेर की जड़ को गाय के मूत्र में घिसकर लगाने से दाद, बवासीर और कुष्ठ रोग ठीक होते हैं।
4. बालों का झड़ना रोके
बालों के झड़ने की समस्या को दूर करने के लिए कनेर के फूलों को पानी में उबालकर ठंडा कर लें और उस पानी से बाल धोएं। इस प्रक्रिया को सप्ताह में 3 बार दोहराएं।
5. चेहरे के लिए लाभकारी
कनेर के फूलों का पेस्ट चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे और पिंपल्स दूर होते हैं।
6. सांप और बिच्छू के जहर का उपचार
सफेद कनेर की जड़ को घिसकर डंक पर लगाने या इसके पत्तों का रस पिलाने से जहर का प्रभाव कम हो जाता है।
7. बवासीर में राहत
- कनेर और नीम के पत्तों को पीसकर मस्सों पर लगाने से वे सूखकर झड़ जाते हैं।
- कनेर की जड़ को ठंडे पानी में पीसकर लगाने से बवासीर में आराम मिलता है।
8. जोड़ों के दर्द में राहत
लाल कनेर के पत्तों को पीसकर तेल में मिलाकर जोड़ों पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
9. धातु रोग में उपयोगी
सफेद कनेर के पत्तों का काढ़ा पीने से धातु रोग और गर्मी से होने वाले विकार ठीक होते हैं।
10. अंडकोष की खुजली और सूजन
- कनेर की जड़ को तेल में पका कर लगाने से खुजली और फोड़े-फुंसियां ठीक होती हैं।
- शरीर के सूजन वाले भाग पर कनेर के पत्तों के काढ़े से मालिश करने से सूजन कम होती है।
निष्कर्ष
कनेर का पौधा सिर्फ एक सजावटी पौधा नहीं, बल्कि एक औषधीय संजीवनी भी है। इसके फूल, पत्ते और जड़ का उपयोग विभिन्न बीमारियों के उपचार में किया जाता है। हालांकि, इसका उपयोग सावधानीपूर्वक और विशेषज्ञ की सलाह से ही करना चाहिए, क्योंकि यह अत्यधिक मात्रा में विषाक्त भी हो सकता है।