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रिश्ता… काश मेरी पत्नी होती

रिश्ता ….काश मेरी पत्नी होती

रोज की तरह रात में अपना लेपटॉप लिए बिरजू बिस्तर के एक ओर बैठकर अपने आफिस के काम में व्यस्त था बिस्तर के दूसरी ओर उसकी पत्नी सुधा आराम से सो रही थी कि तभी एक नोटिफिकेशन बजी …. बिरजू ने जैसे ही नोटिफिकेशन खोला तो उसे विश्वास नहीं हो रहा था क्या ये सच है ….उस खूबसूरत लड़की ने उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली जिससे वह पिछले कयी दिनों से दोस्ती करना चाहता था इतनी खूबसूरत की उसकी पहली बार डीपी देखते ही उसपर उसका दिल आ गया था और मुंह से बस यही निकला …. उफ्फ बला की खूबसूरत है काश…..ये ….ये मेरी पत्नी होती तो ….साले मेरे दोस्त … मेरे आफिस वाले और रिश्तेदार जलभुन जाते …. मगर हाय री किस्मत …. मां बाबूजी के कहे से ये सीधी सादी गांव की लड़की मेरे पल्ले बांध दी गई खैर … पत्नी ना सही दोस्त ही सही कम से कम प्रोफाइल देखकर तो लोग कहेंगे वाह कितनी ब्यूटीफुल फ्रेंड्स है बिरजू की ….. अभी वह मन ही मन मुस्कुरा रहा था कि अचानक उसे शाम की बात याद आई जब वह सोफे पर बैठा हुआ था और सुधा सब्जी लेने बाजार गई हुई थी और जब वह लौटी थी तो उसने बताया कि आज जब वह सब्जियां लेकर वापस रिक्शा से घर लौट रही थी तो एक बाइक वाला लड़का उसके पीछे पीछे चल दिया वो लगातार उसे देखकर छेड़छाड़ करने की हरकत कर रहा था

 

फिर …. बिरजू ने अपना ध्यान टीवी से हटाकर गुस्से से पूछा

फिर क्या … मैंने रिक्शेवाले से बताया तो उसने भी पीछे देखा और कहा ये तो आवारागर्दी करते रहते हैं आप इन्हें इग्नोर किया कीजिए मैंने भी उसकी और देखना बंद कर दिया मगर वो लगातार पीछा कर रहा था तब मैंने उस रिक्शेवाले से एक अंजान गली के दरवाजे पर मुझे उतारने को कहा और वहां चुपचाप एक ओट में खड़ी हो गई रिक्शा वाला भी समझ गया था और वो मुझे उतारकर वहां से किराया लेकर चला गया

 

फिर ….

बस वो लड़का मेरा घर उस गली में है जानकार वहां से रफूचक्कर हो गया और में कुछ ही देर में वहां से दूसरी ओर निकल आई और वहां से दूसरी रिक्शा लेकर घर चली आई मेरे रास्ता बदलने से समस्या तुरंत बड़ी होने से पहले ही सुलझ गई

आगे से अपना मोबाइल फोन अपने साथ रखा करो और तुरंत पुलिस विभाग को सूचित किया करो

जी … कहकर वह अंदर चली गई थी एकबार फिर से नोटिफिकेशन बजी बिरजू ने देखा तो दूसरी ओर से हाय का इमोजी सेंड हुआ फिर उससे पूछा गया कि आप मैरिड हो या अनमैरिड ..

 

आपकी प्रोफाइल देखकर में काफी इंप्रेस हूं

बिरजू ये पढ़कर और भी खुश हो रहा था वाह .. ये तो मुझसे पहले से ही इंप्रेस है तभी अचानक दूसरी ओर दिनभर की थकावट से चूर उसकी नजर अपनी पत्नी सुधा पर पहुंच गई उसे ऐसे निश्चित देखकर वह सोच रहा था कि वह इतनी सुरक्षित कैसे महसूस करती है कि वह मेरे साथ अपने बरसों बिताए घर को छोड़कर बिल्कुल नए घर में इतनी आराम से सो सकती है वह अपने माता-पिता के घर से बहुत दूर है जहां उसने 24 घंटे अपने परिवार से घिरे रहते हुए बिताए हैं जब वह परेशान या उदास होती थी तो उसकी मां वहां होती थी ताकि वह अपनी गोद में रो सके उसकी बहन या भाई चुटकुले सुनाते होगे और उसे हंसाते होंगे उसके पिता घर आते होंगे और उसे वह सब कुछ देते थे जो उसे पसंद था और फिर भी …ये सब छोड़कर उसने मुझपर अपने पति पर इतना भरोसा किया

ये सारे विचार बिरजू के मन में आए तो उसने तुरंत लेपटॉप उठाया और दूसरी और आ रहे मैसेज और उस नये फ्रेंड को ब्लॉक कर दिया

लेपटॉप एक और रखकर वह अपनी पत्नी की ओर मुड़ा और उसके बगल में सो गया और मन ही मन बुदबुदाने लगा मैं एक आदमी हूं कोई बच्चा नहीं…

मैंने उसके प्रति वफादार रहने की शपथ ली है और ऐसा ही होगा मैं हमेशा के लिए एक आदमी बनने के लिए लड़ूंगा जो अपनी पत्नी को धोखा नहीं देता और एक परिवार को नहीं तोड़ता ….बल्कि हमेशा साथ रहता है और अंत तक साथ ही रहेगा शायद इसी प्यार और विश्वास के भरोसे में रिश्ता जन्म जन्म का होता है और मुस्कुरा कर आंख बंद करके लेट गया…

एक सुंदर रचना…

 

डॉ वेद प्रकाश

नवादा, बिहार

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