मेहमान क्यों नहीं आते ,,, ?
मेहमान: तरक्की की भेंट या रिश्तों की कद्र?
क्या आपको याद है वो दिन जब मेहमान घर में कई दिनों तक रहते थे और उनके साथ घर में खुशियों का माहौल बन जाता था? लेकिन अब वो दिन कहाँ गए? क्या हमारी सोच सिकुड़ गई है और रिश्ते बिगड़ गए हैं?
हम कहते हैं कि मेहमान भगवान होता है, लेकिन क्या हम वास्तव में उनका स्वागत करते हैं? क्या हम उनके आने की प्रतीक्षा करते हैं और उनके साथ समय बिताने का आनंद लेते हैं?
आज के समय में, लोग खुदगर्ज हो गए हैं और रिश्तों की कद्र नहीं करते। भाई भाई का नहीं, बहन बहन की नहीं। क्या यह तरक्की है?
मेहमान के साथ घर में बरकत आती है और वे अपने पैरों के साथ घर की परेशानियां ले जाते हैं। फिर भी, लोग मेहमान के आने से परेशान होते हैं।
आइए हम अपनी सोच बदलें और रिश्तों की कद्र करें। किसी को नहीं पता कौन कब आखिरी सांस ले ले। किसी के जाने के बाद आंसू बहाने से अच्छा है उससे मिला करिए, कुछ खट्टे मीठे ख्याल आपस में बांटा कीजिए, हँसा कीजिए, और मेहमान का स्वागत कीजिए।
फिर देखिए, खुशियां ही खुशियां आपके आस पास रहेंगी।
मेहमान के लिए कुछ सुझाव:
– उनका स्वागत करें और उन्हें घर में जगह दें।
– उनके साथ समय बिताएं और उनकी बातें सुनें।
– उनके लिए कुछ विशेष बनाएं और उन्हें खुश रखें।
– उनके जाने से पहले उन्हें धन्यवाद दें और अगली बार आने के लिए आमंत्रित करें।
रिश्तों की कद्र के लिए कुछ सुझाव:
– नियमित रूप से अपने रिश्तेदारों से संपर्क में रहें।
– उनके जन्मदिन और शादी की सालगिरह पर उन्हें बधाई दें।
– उनकी मदद करें जब वे इसकी आवश्यकता होती है।
– उनके साथ समय बिताएं और उनकी बातें सुनें।
आइए हम अपने रिश्तों को मजबूत बनाएं और मेहमान का स्वागत करें।