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प्राणरक्षक अनाज

प्राणरक्षक अनाज :

ये चार पुराने अनाज,  जिंदगी में कभी नहीं होने देंगे मोटापजन्य ( मधुमेह ,प्रमेह,शीघ्रपतन, कुष्ठ आदि रोग) जिसको है भी,  उसमें भी लाभ मिलेगा।

(1) रागी 
फिंगर मिलेट यानी रागी सुपरफूड है। इसका नित्य सेवन करने से,  मोटापा जन्य (डायबिटीज  ( मधुमेह )  आदि रोग )नहीं होगा।मेडिकल न्यूजटूडे के अनुसार,  रागी में पोलिफिनॉल फोटोकेमिकल और डाइट्री फाइबर होता है । जो रोगों से लड़ने में, सहायक होता है। चूंकि रागी में , बहुत अधिक फाइबर पाया जाता है, इसलिए इसका पाचन बहुत देर से होता है। इसलिए यह रक्त शर्करा को,  अचानक बढ़ने नहीं देता है ।

(2) बाजरा या पर्ल मिलेट 
बाजरा बहुत पुराना अनाज है। बाजरे में भरपूर मात्रा में,  कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, थियामिन, नियासिन, राइबोफ्लोबिन, कई तरह के विटामिंस और मिनिरल्स एक साथ पाए जाते हैं।  बाजरे के सेवन से, मधुमेह को कंट्रोल किया जा सकता है और ह्रदय के स्वास्थ्य को मजबूत किया जा सकता है।

(3)  कुटकी या लिटिल मिलट 
कुटकी भी,  बाजरे की तरह दानेदार अनाज है। सदियों से , कुटकी उपजाया जाता है। कुटकी में , प्रचूर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिंस, मिनिरल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं । इसमें कार्बोहाइड्रैट नाममात्र होता है। कुटकी का सेवन करना,  यानी कई रोगों से सुरक्षा। कुटकी डायबिटीज को कभी नहीं होने देगा। इसके साथ ही,  यह वजन कम करने में भी रामबाण है।

(4) ज्वार
बाजरा में , फेनोलिक एसिड के अतिरिक्त,  कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं , जो एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-कैंसर गुण से भरपूर होते हैं। ज्वार के नियमित सेवन से,  मधुमेह को कम किया जा सकता है। ज्वारा रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है।इसके सेवन से भी मोटापजन्य रोग सहसा आक्रमण नही करेंगे

 

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