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मूली यूष बनाने की विधी-बाल मूली

वंदे मातरम ग्रुप के सभी सदस्यो को जी।आज हम भगवान कश्यप जी के अनुसार मूली यूष की चर्चा करेंगे।
मूली यूष बनाने की विधी-बाल मूली(कच्ची मूली-जिसमे रेषा नही बना) पत्ता सहित(पत्ता भी साथ मे लेना है)50 ग्राम से 80 ग्राम तक लेकर उसको पीस लीजिये फिर  इन्हें 2 ltr जल में धीमी-धीमी आंच पर उबाले जब 2ltr जल 1 ltr जल रह जाए तो छानकर रख लीजिए।
अब उसमे 50 ग्राम छिलके वाली मूँग दाल  डालकर  पकाए जब अच्छी तरह गल जाए तो उसमे त्रिकटु चुर्ण 1-2ग्राम , जीरा आधा से 1 ग्राम लेकर  घी में भूनकर  दाल में डाल  दीजिए।ये आपका मूली यूष तैयार हो गया ।यदि आपको इस यूष को टेस्टी बनाना हो तो मिट्टी की हांडी में धीमी-धीमी आंच पर बनाए।
लाभ-ये मूली यूष ग्रहणी दोष(जिसमे पेट एक बार मे साफ नही होता),पेट दर्द,तिल्ली बढ़ना,बवासीर,गुल्म,कुष्ठ,ह्रदय रोग, तथा कफ और वात को नष्ट करती है।ये युष साधारण सा दिख रहा है किंतु ये अपने गुणों से मालामाल है।
नोट-इसमे सेंधानमक अपने स्वाद के अनुसार दाल बनाते समय डाल सकते है अथवा बिना  नमक के भी बना सकते है।हल्दी इसमे अवश्य डालनी है।यूष को एक तरह से पतली दाल कहा जा सकता है।इसको अधिक स्वादिष्ट बना कर देनी चाहिए।
नोट-इसमे बाल मूली लेनी है।(कच्चा मूली-  जिसमे रेषा नही बना)

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