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ओवरलोडेड सफर: एक मज़ेदार मगर खतरनाक यात्रा

ओवरलोडेड सफर: एक मज़ेदार मगर खतरनाक यात्रा

रवि एक छोटे गाँव का आम आदमी था, जो अपनी पुरानी लेकिन भरोसेमंद बाइक पर पूरे परिवार को घुमाने निकल पड़ा। रविवार का दिन था, और बच्चों ने ज़िद कर ली थी कि सबको मेले में जाना है।

जल्दीबाज़ी में रवि ने किसी नियम की परवाह नहीं की और पूरे परिवार को बाइक पर सवार कर लिया। सबसे आगे उसकी बाइक की टंकी पर दो छोटे-छोटे बच्चे किसी राजा-महाराजा की तरह बैठे थे, मानो वे कोई रथयात्रा कर रहे हों। उनके पीछे खुद रवि, पूरी गंभीरता से बाइक चला रहा था, लेकिन उसके माथे पर पसीना था—इतने सारे लोगों के वजन के कारण बाइक हिल-डुल रही थी!

रवि के पीछे उसकी 15-16 साल की बेटी किसी बैलेंसिंग एक्सपर्ट की तरह बैठी थी। फिर आई उसकी पत्नी, जिसने गोद में 6 महीने का शिशु संभाल रखा था। और हद तो तब हो गई जब सबसे पीछे उसकी बड़ी बेटी भी somehow समा गई!

A humorous cartoon illustration of an overloaded Indian bike on the way to Hathras via Raya. The bike has a fuel tank on which two small children (around 4-5 years old) are sitting. Behind them, a man is riding the bike. A 15-16-year-old girl is sitting behind him. Further back, his wife is sitting, holding a 6-month-old baby in her hands. At the very back, a 20-year-old girl is also seated. The background shows a rural Indian road with people laughing and reacting to the overloaded bike. The scene is exaggerated and comical, emphasizing the overcrowding in a lighthearted manner.राया में एक अजीब नज़ारा

यह सारी घटना तब हुई जब रवि अपने परिवार को लेकर हाथरस जाते समय राया से गुज़र रहा था। सड़क पर चलते हुए कई लोग यह दृश्य देखकर हैरान थे। किसी की हंसी छूट रही थी, तो किसी को चिंता हो रही थी।

गाँव के लोग इस अजीब दृश्य को देखकर हँसने लगे। कोई चिल्लाया, “अरे भाई! तुम्हारी बाइक है या मिनी बस?”
तो कोई बोला, “बस ऊपर छत पर एक-दो और बैठा लो, जगह बची है!”

तभी, सड़क किनारे खड़े एक बुज़ुर्ग ने अपना चश्मा ठीक करते हुए कहा, “बेटा, भगवान की दुआ से ही तुम लोग सही सलामत चल रहे हो, वरना ऐसे तो गाड़ी भी नाराज़ हो जाएगी!”

रवि को एहसास तो हुआ कि वह कुछ ग़लत कर रहा है, लेकिन बच्चों की खुशी और पत्नी की जिद के आगे उसने कुछ नहीं कहा। जैसे-तैसे बाइक गाँव की गलियों से होते हुए सड़क पर पहुंची।

तभी एक ट्रैफिक पुलिस वाला दूर से देख रहा था। उसने अपना सीटी बजाई और हाथ देकर रवि को रोका।

“क्या हो रहा है यहाँ? तुमने बाइक को फैमिली बस बना दिया?” पुलिसवाले ने गुस्से से पूछा।

रवि ने हंसते हुए कहा, “साब, क्या करें! परिवार को एक साथ रखना ज़रूरी है!”

पुलिसवाले ने सिर पकड़ लिया, लेकिन उसे भी इस मज़ाकिया स्थिति पर हंसी आ गई। पर साथ ही, उसने समझाया कि यह कितना खतरनाक है। उसने रवि को चालान से बचाते हुए सिर्फ एक चेतावनी दी और कहा, “अगली बार ऑटो या दूसरी गाड़ी का इंतज़ाम करना। जान की कीमत समझो!”

रवि ने सिर झुका कर हामी भर दी और आगे से ऐसा न करने का वादा किया।

और इस तरह, यह हास्यास्पद लेकिन खतरनाक सफर एक यादगार सीख बन गया! 🚴‍♂️💨😆

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  1. Absolutely composed subject material, appreciate it for information. “The earth was made round so we would not see too far down the road.” by Karen Blixen.

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