पाचन एवं ग्राही पेया
पाचन एवं ग्राही पेया- केंथ का फल, कच्चे बेल का गुदा, चांगेरी(गीला है तो डबल अर्थात 10 ग्राम) प्रत्येक 5-5 ग्राम लेकर 700 ग्राम जल में पकाएं जब 350 ग्राम जल रह जाए तो छानकर उसमें 350 ग्राम छाछ ,1 अनार और 60 ग्राम चावल डालकर पकाएं जब चावल अच्छी तरह पककर कणों के रुप में बिखर जाए तो उसे उतार कर प्रयोग में लाए।
लाभ -ये पेया भुख बढ़ाती है, भोजन का अच्छे से पाचन करतीं है और जिसका मल टूट-टूट कर आ रहा है उसको बांधकर निकालती है।
विमर्श -महर्षि चरक जी द्वारा ये निर्दिष्ट पेया उत्तम दीपन- पाचन है।