Search for:

पहले वाटर फिल्टर आया…

पहले वाटर फिल्टर आया…

ये कह के कि आपको बैक्टीरिया और बाकी बीमारियों से बचाएगा… फिर RO आया… ये कहा गया कि जो वायरस और बैक्टीरिया फिल्टर से नहीं छन पाते हैं और बच जाते हैं उन्हें ये छान लेगा… फिर RO में UV और एक और मेंब्रेन लग के आने लगी, और ये बताया गया कि पहले वाले से भी जो वायरस बच जाते थे उन्हें UV अब डीएक्टिवेट कर देगा!

फिर सालों बाद इन्हीं कंपनियों को पता चला कि जिस पानी को इन्होंने इतना छान दिया था उसे दरअसल इतना छानने की ज़रूरत नहीं थी… क्योंकि ये “अत्यधिक छना” पानी अब असल पानी से कहीं ज़्यादा नुकसानदेह है… फिर कंपनियाँ “एल्कलाइन पानी” ले कर आए… एल्कलाइन फिल्टर वाली बॉटल आईं और अब एल्कलाइन फिल्टर भी आ गए हैं… अब उसी छाने हुये पानी में फिर से मिनरल मिलाया जाता है!!

 

फिर Kangen वाटर आया…

काला एल्कलाइन पानी आया… अब ये बताया जा रहा है कि RO का पानी दरअसल सबसे ज़्यादा नुकसानदेह होता है… अगर आप कम TDS वाला पानी, जो कि RO का या बिसलेरी की बॉटल का होता है, वो अगर आप रोज़ पीते हैं तो धीरे धीरे वो आपकी हड्डियाँ, दाँत सब गलाने लगता है और आपके हृदय की धमनियाँ वगैरह ख़राब होनी शुरू हो जाती हैं… कंपनियाँ जो RO बेच रही हैं वो इसे नहीं बताती हैं।

किसी भी पानी जिसका TDS 250 से कम है वो आपके लिए ज़हर होता है और बिसलेरी का TDS 30 से 75 के बीच होता है… आपके घर में जो RO लगा है अगर उसका TDS 35 या 75 है तो समझिए आप ज़हर पी रहे हैं पानी नहीं!!

समस्या ये है कि अब शहरों का पानी बहुत अधिक प्रदूषित हो चुका है… आप शहरों में अब सीधे नल का पानी नहीं पी सकते हैं… क्यूँकि आपके नल के आसपास जाने कितने टॉयलेट के गढ्ढे होंगे….! आपको फिल्टर तो चाहिए मगर फिल्टर क्या क्या छान ले रहा है आपके पानी से ये आप जान नहीं पाते हैं… फिल्टर वाली कंपनियों का कोई भी एम्प्लॉय न तो ये जानता है और न ही आपको बताता है क्योंकि उसे बस अपना माल बेचना होता है…. आपके दाँत गल जाएं या हृदय की धमनियाँ, उसे इस से कोई फ़र्क नहीं पड़ता है… चूँकि ये मेडिकल की ही तरह बहुत बड़ा बिज़नेस बन चुका है… इसलिए अब कोई भी आपको फिल्टर के साइड इफेक्ट बताता ही नहीं है।।

 

अब पानी छानिये…

फिर उसे एल्कलाइन बनाईये… फिर उसमे मिनरल ऐड कीजिये… फिर पीजिये… मगर ये वाटर फ़िल्टर की कंपनियाँ आपके घर के हिसाब से कोई ऐसा फ़िल्टर नहीं लगाएंगी जो वहाँ सिर्फ़ वही ज़रूरत पूरी करे जो होनी चाहिए… ज़्यादातर घरों में जो पानी आता है उनमे से TDS कम करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है… मगर कंपनी का एक बिना पढ़ा लिखा एम्प्लोयी आकर आपको 10 फ़िल्टर वाला प्रोडक्ट बेच देता है और आपके पानी में कुछ बचता ही नहीं जिसकी आपके शरीर को ज़रूरत होती है… फिर आप डॉक्टर के पास जाते हैं और डॉक्टर आपको गोलियाँ खिलाता है !

 

ये वर्तुल है…

सबका बिज़नस चल रहा है और सबको बस बिज़नस चलाना है… एक आपको पानी छान के पिलाता है… दूसरा Bhul पानी से छाने गए मिनरल को गोली में देता है… मगर कोई आपको असल बिमारी कभी नहीं बताता है..
🙏

Loading

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required