सोरायसिस की कोई अच्छी दबाई है क्या
Question: सोरायसिस की कोई अच्छी दबाई है क्या
Dr Ved Prakash: प्रश्न पूछने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद…… मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मैंने समयाभाव के कारण उचित समय पर आपकी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाया।
स्किन पर लाल रंग के चकते देखे होंगे । साथ ही होने वाली खुजली परेशान कर देती है । कभी कभी इन दानों या चकतों में से खून तक निकल आता है । हो सकता है ये सोरायसिस के लक्षण हो ।
यदि सोरायसिस है तो शुरुआती लक्षणों को पहचान कर समय योग्य डॉक्टर से सम्पर्क करके इलाज ले । क्योंकि इनका कोई परफेक्ट ट्रीटमेंट नहीं है । हा समय पर इलाज लेकर बचा जा सकता है । इसे कोई मामूली इंफेक्शन या चर्म रोग समझकर इग्नोर करना गलत है ।
सोरायसिस का दूसरा नाम अपरस या विचर्चिका है। इसे छाल रोग भी कहते हैं। यह शरीर में फैल जाता हैं। इसमें त्वचा में खुजली और लाल रंग दाने और छाले पड़ते है। तो चलिए जानते है सोरायसिस के बारे में –
सोरायसिस क्या है |
सोरायसिस त्वचा संबंधी बीमारी है । जिसे स्किन का अस्थमा भी कहां जाता है । इसमें स्किन सेल्स काफी तेजी से बढ़ते हैं । ओर जल्दी मर जाते है जिसके कारण स्कीन की ऊपरी परत पर मोटी पपड़ी बन जाती है । यह पपड़ी छिल जाती हैं । और सफेद धब्बे पड़ जाते हैं । यह परत लाल रंग के चकत्ते के ऊपर सफेद धब्बे के रूप में नजर आती हैं। इसमें खुजली के साथ कभी-कभी दर्द और सूजन भी होने लगती हैं । यह बिमारी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण होती है। इसे छाल रोग भी कहते हैं। समय पर से बचा जा सकता है ।
सोराइसिस के कारण |
सोरायसिस यह बीमारी बार-बार होने वाली बीमारी है । जो अपनी त्वचा को प्रभावित कर असर दिखाती है । सोरायसिस होने के कारण हम देखेंगे ।
अनुवांशिक सोरायसिस ।
यह अनुवांशिक रूप में भी होती है। पीढ़ी दर पीढ़ी हर बच्चों को अपने माता-पिता द्वारा यह बिमारी हो जाती है ।अगर माता-पिता दोनों में से किसी एक को यह बीमारी हो जाए तो बच्चों बच्चे के पास अनुवांशिक रूप में यह बीमारी 15 % आ सकती हैं । अगर माता-पिता दोनों को ही यह बीमारी है, तो यह बीमारी 60% बच्चों को होने कि संभावना है । इसमें बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है, तो ही वे इस बीमारी से बच सकते हैं।
प्रतिरक्षा तंत्र में गड़बड़ी
हमारे शरीर में हमारी सुरक्षा का काम प्रतिरक्षा तंत्र प्रणाली करती रहती हैं । अगर प्रतिरक्षा तंत्र प्रणाली में कुछ गड़बड़ी हो जाए, तो जल्दी-जल्दी नई कोशिकाओं का निर्माण होना शुरु होता है । यह कोशिकाएं इतनी कमजोर होती हैं कि यह कोशिकाएं पूरी बनने के पहले ही खराब हो जाती हैं । और उस पर लाल दाने या चकतों का निर्माण शुरू हो जाता है । त्वचा शुष्क होने लगती है । खुजली शुरु होने लगती हैं । समय पर ध्यान नहीं दिया तो यह शरीर में संक्रमक बन जाती हैं।
इंफेक्शन –
हमारे शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र प्रणाली खराब होने पर वायरल या बैक्टीरियल इनफेक्शन के कारण भी सोरायसिस हो जाता है । त्वचा पर चोट लगने पर उसके आसपास की जगह पर यह बीमारी फैल जाती है। जिसे बैक्टीरियल संक्रमण भी कहा जाता है । कभी कभी पर्यावरण पूरक वातावरण में हमारे जीन यानि सेल्स सक्रिय होने से भी psoriasis हो जाता है ।
असंतुलित आहार और तनाव ।
असंतुलित आहार से, पोषण रहित आहार से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली खराब हो जाती है । साथ ही तनाव की वजह से भी सोरायसिस हो जाता है । मानसिक विचार, मानसिक विकार होने के कारण भी यह बिमारी हो जाती हैं । अधिक धूम्रपान ओर शराब के कारण भी इस बीमारी को बढ़ावा मिलता है ।
सोरायसिस के लक्षण
- त्वचा पर खुजली होना ।
- सूजन आना ।
- शुष्क त्वचा का होना ।
- लाल परतदार धब्बे ।
- फटी त्वचा ।
- त्वचा पर छाले पड़ना आदि ।
सोरायसिस बार-बार होने वाली बीमारी है । जो आपकी त्वचा को प्रभावित कर असर दिखाती हैं । पर्यावरण पूरक वातावरण होने से हमारी जीन यानी सेल्स में बदलाव आ जाता है । प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने से त्वचा पर खुजली शुरू होती है । फिर सूजन आ जाती है । बार-बार खुजलाने से दर्द भी होता है । जिसके परिणाम स्वरूप त्वचा पर धब्बे आते हैं । त्वचा शुष्क बनना शुरू हो जाती है । त्वचा शुष्क बनने पर त्वचा फट जाती है ।
फटी त्वचा से खून निकलना शुरू होता है । जिससे खुजलाने पर त्वचा पर लाल लाल परतदार धब्बे का निर्माण होना शुरू होता है । त्वचा पर लाल चकत्ते, लाल लाल पर दाग दिखाई देते हैं ।अंततः त्वचा पर लाल, शुष्क, खुजली वाले पैच का निर्माण हो जाता है । सोयरासिस की शुरुआत होती है ।
सोरायसिस का इलाज
सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है । पर इसे इलाज ( Psoriasis treatment ) द्वारा रोक सकते हैं । या कम कर सकते हैं । Psoriasis treatment की तीन श्रेणियां है । जो इस प्रकार है –
सामयिक उपचार –
सामयिक उपचार में सोरायसिस का प्रादुर्भाव कम करने के लिए क्रीम या मरहम को लगाने के लिए दिया जाता है ।जिसमें मॉश्चराइजर, विटामिन डी, एनालॉग्स, एन्थ्रालिन आदि दिए जाते हैं रेडी नाइट आदि दिए जाते हैं ।
प्रणालीगत दवाएं –
सोरायसिस में जिनको सोयरासिस गंभीर स्वरूप में होता है उन्हें मुंह से यानि मौखिक दवा या इंजेक्शन दिए जाते हैं । इन दवाओं का साइड इफेक्ट भी होता है । इसलिए ज्यादातर डॉक्टर यह दवाई कम ही लिख कर देते हैं । जैसे रेडीनॉइट्स , मेथोट्रेक्सट, बायोलॉजिक्स आदि ।
लाइट थेरेपी –
लाइट थेरेपी में सोरायसिस व्यक्ति को यूवीए और युवीबी दोनों प्रकार की थेरेपी में से किसी एक थेरेपी का उपयोग किया जाता है। यह थेरेपी सोरायसिस व्यक्ति के लिए लाभदायक होती हैं । यह सफेद रक्त कोशिकाओं का खत्म कर पीड़ित को राहत दिलाते हैं । Psoriasis treatment के लिए प्रभावी थेरेपी है ।
सोरायसिस का आयुर्वेदिक उपचार –
आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार सोरायसिस के चिकित्सा में औषधि के साथ-साथ आहार-विहार , परहेज पर विशेष ध्यान देना चाहिए । शाकाहारी भोजन लेना चाहिए । कार्बोहाइड्रेट और फैटी भोजन से बचना चाहिए । ज्यादा नमकीन , खट्टा , अम्लीय खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें । अगर हम परहेज के साथ आयुर्वेदिक इलाज घर पर ही करें तो इसका असर दिखना शुरू हो जाता है । घर पर सोरायसिस के लिए आयुर्वेदिक उपचार –
◆ बादाम –
10 बादाम लीजिए इन बादाम का पाउडर बनाइए । पाउडर बनाने के बाद उसमें पानी डालकर कुछ देर उबलने के लिए छोड़ दीजिए । इसमें उबाल आने पर इसे गैस से निकाल कर ठंडा कीजिए । जब यह पर ठंडी हो जाए , तो जहां जहां सोरायसिस के धब्बे हैं । वहां वहां लगाइए यह पेस्ट आपको रात के समय लगानी है ।
यह काम हमें रात में करना है । रात को सोने से 10 मिनट पहले आपको यह पेस्ट लगानी हैं, और सुबह उठकर स्नान करते समय आप इस पेस्ट को धो दीजिए । ऐसा लगातार करने से इसका परिणाम अच्छा आता है । इसी प्रकार अगर हम चंदन पाउडर लेते हैं । तो चंदन पाउडर का पेस्ट भी रात को लगाकर सुबह उठकर धोने से सोरायसिस से राहत मिल जाती है।
नींबू से Psoriasis का इलाज ।
दो या तीन नींबू लीजिए । नींबू का रस निकालिए और उसकी आधी मात्रा में यानी जितना रस हैं उसकी आधी मात्रा पानी लेकर उसमें डालिए । अब जो यह मिश्रण बना है उस मिश्रण को अच्छी तरह घोले और जहां जहां सोरायसिस हुआ है, वहां वहां लगाइए यह प्रक्रिया आपको चार चार घंटे के बाद करनी हैं ।
शुरुआत में नींबू की वजह से थोड़ी जलन होगी पर अच्छा होता है । ऐसे ही नमक मिश्रित पानी से भी हम सोरायसिस जहां जहां है । वहां वहां त्वचा पर नमक मिश्रित पानी लगाकर घर पर सोरायसिस का उपचार कर सकते हैं । नमक मिश्रित पानी से त्वचा साफ करने से रोगी को आराम मिलता है।
केले के पत्ते से Psoriasis का इलाज ।
Psoriasis treatment के लिए केले के पत्ते और गोभी के पत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है । जहां जहां त्वचा विकार है वहां वहां इन 2 पत्तों को रात में बांधकर, सुबह उठने पर इसे निकाल दीजिए । अगर आपको वातावरण बदलाव की वजह से सोरायसिस होता है । तो आप पानी की मात्रा अधिक कीजिए ।
अगर सर्दी में आपको सोरायसिस होता है, तो आप दिन में कम से कम 3 लीटर पानी पीजिए। अगर आपको गर्मियों के वातावरण में सोरायसिस होता है तो आप 6 लीटर पानी दिनभर पी लीजिए । जिसकी वजह से शरीर के अंदर विषैले तत्व बाहर निकल जाएंगे । आपकी त्वचा नरम मुलायम रहेगी ।
योग क्रियाओं से भी सोरायसिस व्यक्ति को आराम मिलता है ।
Psoriasis treatment के लिए नियमित योग करने से मन के तनाव से मुक्ति मिलती है । और दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं । साथ ही साथ वह व्यक्ति सूर्य किरण प्रकाश भी लेते हैं तो सुबह सूर्य की किरण से विटामिन डी उस व्यक्ति को मिल जाता है ।
जिससे विटामिन डी की कमी दूर हो जाती है । जिसका फायदा रोगी को होता है । योग करने से मन शांत रहता है तनाव रहित हो जाता है । शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है । जिसके कारण भी सोरायसिस ठीक हो जाता हैं |
सोरायसिस में क्या खाएं ?
Psoriasis treatment के लिए कुछ खानपान पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है । सोरायसिस की समस्या में बीमार व्यक्ति को हरी सब्जियां फल, दाल, मछली, फाइबर युक्त पदार्थ का सेवन करना जरूरी है । इन खाद्य पदार्थों में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं । जो शरीर की गंदगी को बाहर निकालने में मदद करते हैं । खाने में ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए ।
Psoriasis treatment खाना कम कीजिए या मत खाइए । जंक फूड का सेवन मत कीजिए । दही और उड़द का सेवन करने से बचें । संतुलित आहार खाइए । शराब धूम्रपान का सेवन मत कीजिए । अगर हमें ठीक होना है तो योग साधन और कुछ नियमों का पालन करना जरुरी है।
नित्कर्ष –
सोरायसिस संक्रमित रोग नहीं है । पर यह ठीक भी नहीं होता । इसके लिए नियमित दवा या इलाज कर इसका रोकथाम कर सकते हैं । अपनी इम्यून सिस्टम को बढ़ाकर शरीर को होने से शुष्क होने से बचाया जा सकता है । डॉक्टर की सलाह Psoriasis treatment लेना जरूरी है । इसमें घबराना नहीं चाहिए । या इसे छुपाना भी नहीं चाहिए ।
अगर हमने घबराकर या डरकर इस बिमारी को छुपाया तो यह अपने शरीर में फैल जाता है। जिसका इलाज करते समय उस पीड़ित व्यक्ति को तकलीफ होती है । इसलिए जैसे ही इसकी शुरुआत हो इसका इलाज करना जरूरी है । डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है । हमें अपने जीवन को तनाव रहित रखना चाहिए । योग साधना करके जीवन को संतुलित रखना जरूरी है।
Dr Jyoti: सोरायसिस के लिए आप निम्न प्रयोग कर सकते हैं जो कि काफी सफल है और मैंने अपने कई रोगियों पर सफल इलाज करके रखी हूं।
एक कप जैतून का तेल ले और उसमे कंदुला और आर्गेनिक आयल के मिश्रण को सोरायसिस वाली लाल जगह पर लगाए ऐसा १ से २ हफ्ते तक करना है, नीम के पत्ते को उबाल कर इसके पानी से नहाये तो भी जल्द राहत मिलेगी,
करेले का जूस (आधा ग्लास) और निम्बू पानी (१ ग्लास) खली पेट पिने से भी रहत मिलती है, गेंदे के २ से ३ फूल को पानी में उबालना है सोरायसिस वाली जगह पर १० से १५ मिनिट तक लगाए और माइल्ड शेम्पू से धो ले ऐसा २ से ३ हफ्ते तक करे, एलो वेरा जेल और लसुन को मिक्स करके इसका पेस्ट बनाये लाल त्वचा पर जगाये इससे भी राहत मिलेगी, हल्दी एंटी बायोटिक का काम करता है हल्दी को लाल त्वचा पर लगाए और पूरी रात रहने दे और सुबह में धो ले ऐसा करने से भी सोरायसिस में बहोत राहत मिलती है. बहोत ज्यादा दर्द बढ़ जाए या 5 दिन से ज्यादा हो जाए तो डॉक्टर के पास जरूर जाए और इलाज करवाए।
RJ : सोरायसिस के लिए जो समाधान आपने पूछा है इसके लिए मैं आपक़ो बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।आपने भुट्टे तो बहुत देखे व खाए होंगे, कवर से ढंके हुए भुट्टे भी बहुतायद में देखे होंगे जिन्हें दुकानदार आपके सामने छिलकर व कवर हटाकर तराजू पर तौलते दिखते हैं, उन्ही कवर्ड भुट्टों के शीर्ष पर मुलायम जटाएं भी होती हैं । बस वही मुलायम बालनुमा जटाएं आपके चर्मरोगों की समस्या दूर कर सकती हैं ।
आप दो गिलास पानी में 10ग्राम के करीब ये रेशेनुमा बाल (जटा) डालकर उस पानी को इतना उबाल लें कि पानी एक गिलास रह जाए फिर उसे छानकर पी लें ।
सुबह 9 के पहले व शाम भोजन के 1 / 1.30 घंटे पहले दिन में दो बार ये प्रयोग करके देखें । यथासम्भव कैसा भी चर्मरोग इससे दूर होने लगेगा । दूसरे-चौथे दिन से लाभ आप स्वयं महसूस कर सकेंगे ।