सावन 2025: 11 जुलाई से होगी शुरुआत, पहले सोमवार पर बनेंगे विशेष शुभ योग
वर्ष 2025 में भगवान शिव का प्रिय सावन माह 11 जुलाई शुक्रवार से आरंभ होगा। सावन का यह पवित्र महीना शिवभक्तों के लिए विशेष महत्त्व रखता है, क्योंकि इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
सावन के सोमवार का तो विशेष ही महत्त्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन व्रत रखने और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भक्तों को असीम पुण्य और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
🔹 सावन सोमवार 2025 की तिथियां
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पहला सोमवार: 14 जुलाई 2025
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दूसरा सोमवार: 21 जुलाई 2025
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तीसरा सोमवार: 28 जुलाई 2025
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चौथा सोमवार: 4 अगस्त 2025
🔹 पहला सोमवार — शुभ योगों का महासंयोग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष सावन का पहला सोमवार (14 जुलाई) कई शुभ योगों से युक्त रहेगा।
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आयुष्मान योग: शाम 4:14 बजे तक
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इसके बाद शुरू होगा सौभाग्य योग, जो रात तक रहेगा।
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साथ ही शिववास योग रातभर रहेगा, जिसमें शिवजी कैलाश पर्वत पर माता पार्वती संग विराजमान होंगे और नंदी की सवारी करेंगे।
मान्यता है कि इस शुभ योग में भोलेनाथ की पूजा करने से साधक को दोगुना पुण्य प्राप्त होता है।
🔹 पंचांग अनुसार महत्वपूर्ण समय
📌 समय | 🌞 विवरण |
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सूर्योदय | 5:33 AM |
सूर्यास्त | 7:21 PM |
ब्रह्म मुहूर्त | 4:11 AM – 4:52 AM |
विजय मुहूर्त | 2:45 PM – 3:40 PM |
गोधूलि मुहूर्त | 7:20 PM – 7:40 PM |
निशिता मुहूर्त | 12:07 AM – 12:48 AM |
🔹 सावन सोमवार का महत्व और पूजा विधि
सावन सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव को जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करना विशेष शुभ माना गया है।
मान्यता है कि सावन में शिवजी का अभिषेक करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर होते हैं, विवाह में अड़चनें मिटती हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
सावन सोमवार के व्रत के दौरान भक्त प्रायः यह संकल्प लेते हैं कि वे:
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प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
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बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल आदि अर्पित करें।
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‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें।
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संध्या काल में आरती और रुद्राभिषेक करें।
🌿 सावन में साधना और आत्म शुद्धि
सावन महीना केवल पूजा-पाठ का समय ही नहीं है, बल्कि आत्म-शुद्धि, साधना और तपस्या का भी श्रेष्ठ काल है।
इस दौरान शिवभक्त उपवास रखते हैं, संयमित जीवन जीते हैं और मन, वाणी व कर्म से पवित्र रहने का प्रयास करते हैं।
सावन का महीना भक्ति, आस्था और तपस्या का संगम है। इस दौरान शिवजी की भक्ति करने से साधक को मनचाही सिद्धि और जीवन में शुभता प्राप्त होती है।
तो इस वर्ष सावन के पावन सोमवार पर भोलेनाथ को प्रसन्न करें और उनके आशीर्वाद से जीवन को मंगलमय बनाएं।