आजा रे निंदिया-होम्योपैथ की मीठी गोली से…
आजा रे निंदिया-होम्योपैथ की मीठी गोली से…
नींद न आना एक प्रकार का मानसिक रोग है, बहुत कम दशा में ही शारीरिक कारणों से लोग अनिद्रा के शिकार होते हैं। जो अच्छा शारीरिक परिश्रम करते हैं, दिल व दिमाग को प्रसन्न रखते हैं उनको कभी नींद की शिकायत नहीं रहती. एलोपैथ इस रोग में मार्फिया के इन्जेक्शन या नींद की गोली देती हैं पर उससे प्राकृतिक निद्रा नहीं आती, मात्र बेहोशी ही आती है. भयंकर शारीरिक कष्ट, बाह्य चोट लगने या आपरेशन की पीड़ा के कारण नींद नहीं आये तो पीड़ा की अनुभूति कम करने के लिये इस तरीके का फिर भी उपयोग किया जा सकता है. बाकी अन्य दशाओं में तो इससे नुकसान ही होता है. होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली में रोग के मूल कारण का पता लगाकर, रोगी में विद्यमान लक्षणों के आधार पर दवा का चयन किया जाता है, उससे रोगी की यह शिकायत स्थायी रूप से मिट जाती है. इस अवस्था में प्रयुक्त कुछ प्रमुख औषधियों के संकेत यहां दिये जा रहे हैं-
- यदि रोगी यह कहे कि मुझे नींद नहीं आती, बिस्तर में यों ही पड़ा रहता हूँ, कभी आ भी जाये तो थोड़ी सी आवाज से ही उड़ जाती है और फिर नहीं आती, या रात के अन्तिम प्रहर में थोड़ी सी आती है. ऐसे रोगी के लिए ओपियम – 30 की व्यवस्था करें।
- यदि रोगी यह कहे कि वह बिस्तर पर जैसे ही लेटता है नींद तो आ जाती है पर रात भर स्थित नहीं रह पाता, विकलता बनी रहती है. इसको कोका- 30 दीजिये।
- यदि रोगी कहे कि नींद भी आती है पर डरकर यकायक नींद से जग पड़ता हूँ, डरावने सपने आते हैं, सारा शरीर कांपने लगता है, जग जाने पर भी पूरा होश नहीं रहता तब उसे कैलिब्रोमेटम – 200 दीजिये।
- यदि रात को 2-3 बजे नींद खुल जाती हो और फिर न आये. बच्चा नींद से यकायक चिल्ला उठे, माँ के गले से चिपक जाये मानों डर गया हो, ऐसी अवस्था में यदि कोई अन्य कारण न मिले तो बोरेक्स – 30 देना चाहिए।
- रोगी बिस्तर पर छटपटाता रहे, नींद न आये, बहुत गर्मी लगे, ओढ़ना उतार फेंके, हाथ-पांव ठण्डे हो, शाम से ही निद्रा का भाव तो रहे पर सो जाने पर नींद न आये. यदि ऐसी रोगिणी स्त्री है तो पल्सेटिला – 30 दें।
- रोगी सोते में यकायक भयानक स्वप्न देखकर डर जाता है, आत्महत्या की इच्छा हो तब हमें एसेटीक एसिड 200 देना चाहिये।
- दिन के समय तो नींद आये पर रात भर जागते ही बीते तो सुम्बुल 200 दें.. रात भर बेचौनी और उसके कारण नींद नहीं आ पाती तब आर्स आयोड 200 दें।
- नींद आती है, रोगी सोता भी है पर नींद में ही दम घुटने की सी अनुभूति होती है और उठकर बैठ जाता है, कहीं सांस बन्द न हो जाये इस डर से फिर नहीं सो पाता. ऐसी रोगी को कैडमियम सल्फ – 30 दें. रात में नींद नहीं आती इसीलिये दिनभर सुस्ती बनी रहती है, दिन में भी नींद नहीं आना- सल्फर 200 दें. स्मरण रहे यह दवा प्रातः या दिन में ही लेनी चाहिये।
- मेरे मतानुसार बच्चों के दाँत निकलने के दिनों अनिद्रा की शिकायत हो जाये तो एक्टिया रेसिमोसा- 200 दें।
- हड्डियों में भयानक दर्द के कारण रात को नींद नहीं आती तब डेफिनी इण्डिका दें. रोगी का कद लम्बा, गौर वर्ण, झुका हुआ, तेज बुद्धि वाला हो. बिस्तर पर गिरते ही नींद आ जाये पर तुरन्त ही जग जाता हो. रात भर जागना व ऊंघना यही क्रम चलता रहता हो तो फास्फोरस – 200 दें।
- जिन लोगों को रात की ड्यूटी के कारण रात भर जागना पड़ता है और दिन में भी नींद न आये उनको काक्युलस – 200 दें।
- बहुत सोने की इच्छा पर बिस्तर में जाते ही ठीक से नींद नहीं आती, गहरी नींद नहीं सो पाना, बीच-बीच में नींद टूट जाना. ऐसे रोगी को मार्फिनम-6 एक्स दें।
- कोई-कोई बच्चा दिन में तो अच्छा खासा सो लेता है पर रात में नहीं सो पाता, चिल्लाता है. इसे साइप्रिमिडियम दें.. टाइफाइड के दौरान अनिद्रा में रोगी को एब्सिन्थिनम – 6 दें।
- आँख बन्द करते ही आँखों की सामने डरावने चित्र घूमने लगते हैं, इस कारण नींद नहीं आती. जरा सी आवाज से चौंक पड़ना, शरीर मोटा व थुलथुला. ऐसो को कल्केरिया कार्ब – 30 दे।
- स्नायुविक व्यक्तियों को प्रायः नींद नहीं आती, सारी रात छटपटाते बीतती है, नींद में दम घुटने के कारण यकायक उछल पड़ता है, श्वास-प्रश्वांस में तकलीफ होने लगती है. ऐसे रोगी को हायोसयामस- 30 दें।
डा वेद प्रकाष
इलेक्ट्रो होम्योपैथिक -एमडी
नवादा बिहार
मोबाइलः 87098 71868