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Smt Geeta Garg

 

 

प्रसिद्व व्यक्तित्व विषेष परिचय
श्रीमती गीता गार्ग-प्रयाग उ.प्र.

 

संक्षिप्त परिचय
श्रीमती गीता गर्ग जी को मै पिछले कई वर्षो से व्यक्तिगत जानता हूॅ, श्रीमती गर्ग जी का जन्म 21 जून, 1953 इलाहाबाद में हुआ। श्रीमती गर्ग जी की शिक्षा एमएससी रसायनशास्त्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया श्रीमती गर्ग वर्ष 1996 से एक्यूप्रेशर शोध, प्रशिक्षण एवं उपचार संस्थान, मिन्टो रोड-इलाहाबाद मे प्रेरणास्रोत अपने गुरू श्री खेमका जी तथा श्री जे.पी. अग्रवाल जी के सानिध्य में अनवरत सेवा दे रही है । श्रीमती गर्ग को संस्थान की तरफ से टेंनिंग देने के लिए दिल्ली, कलकत्ता, बॉम्बे एवं बैंगलोर भी भेजी गयी । श्रीमती गर्ग एक्यूप्रेशर शोध, प्रशिक्षण एवं उपचार संस्थान में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। श्रीमती गर्ग समाज में अपना सहयोग देती रही है। उनको मोबाइल नम्बर 9335479009 है।

रविन्द्र जायसवालः एक्यूप्रेशर का अर्थ क्या है?
श्रीमती गीता गर्ग: एक निश्चित बिन्दु स्थान पर सटीक दबाव एक्यूप्रेशर कहलाता है यह दबाव प्रेशर न ही अत्यधिक कम हो न ही बहुत अधिक होना चाहिए।

रविन्द्रः सुजोग एक्यूप्रेशर क्या है का अर्थ क्या है?
श्रीमती गर्गः सुजोक दो शब्दो सु और जोक दो शब्दो से मिल कर बना है। सु का अर्थ हाथ व जोक का अर्थ पैर है। हथेली हाथ एवं पैर के विभिन्न बिन्दुओं पर दबाव या मैगनेट या मथी, मटर के दाने अथवा रंग द्वारा उपचार किया जाता है। तब यह सुजोक उपचार के नाम से जाना जाता है।

रविन्द्रः क्या एक्यूप्रेशर शरीर के सभी अंगों के कार्यों को ठीक करता है?
श्रीमती गर्गः अवश्य, एक्यूप्रेशर शरीर के सभी अंगो के कार्यो को ही नही वरन शरीर के कोशो उत्तक के कार्यो को भी ठीक करता है।

रविन्द्रः क्या एक्यूपंक्चर आमतौर पर एक्यूप्रेशर जितना ही प्रभावी होता है?
श्रीमती गर्गः अवश्य उतना ही प्रभावी है। एक्यूप्रेशर पर उन्ही बिन्दुओं पर दबाव दिया जाता है। और उन्ही बिन्दुओ पर संुइया लगाने पर वह एक्यूपंक्चर हो जाता है।

रविन्द्रः क्या एक्यूप्रेशर उपचार बिना कपडो के शरीर पर ही किया जाना चाहिए?
श्रीमती गर्गः यह एक मिथ्या धारण है ऐसा बिल्कुल भी नही हैं।

रविन्द्रः एक्यूप्रेशर करने की प्रक्रिया क्या है?
श्रीमती गर्गः इस प्रक्रिया में विशिष्ठ बिन्दुओं पर दबाव प्रेशर दिया जाता है।

रविन्द्रः अगर हाथ में एक्यूप्रेशर बिंदु है, तो इसका क्या मतलब है?
श्रीमती गर्गः इसका अर्थ केवल इतना है कि हाथ हमारे शरीर का दर्पण है अथवा हम यह भी कह सकते है हमारे
शरीर की सफलता हमारे हथेली से है। यह सुजोक एक्यूप्रेशर के नाम से जाना जाता है।

रविन्द्रः एक शक्तिशाली एक्यूप्रेशर बिंदु क्या है?
श्रीमती गर्गः यह शक्तिशाली बिन्दु जहॉ पर आज भी वेद पाठी ब्राहम्ण चोटी रखते है। वह स्थान है। वह स्थान डीयू20
के नाम से जाना जाता है। इसके बारे में ऐसा भी कहना है कि एक अनार सौ बिमार वाली कहावत चरितार्थ होती है।

रविन्द्रः क्या एकाग्रता के लिए शरीर में कोई एक्यूप्रेशर बिंदु है?
श्रीमती गर्गः अवश्य हाथ की छोटी उंगलियो के ऊपर के जोड़ पर दबाव दे, फिर छोडे फिर दबाव दे और छोडे इस तरह लगभग एक मिनट तक करे दिन मे 2 से 3 बार कर सकते है।

रविन्द्रः एक्यूप्रेशर को कहाँ से सीखा जा सकता है।
श्रीमती गर्गः सम्पूर्ण भारतवर्ष मे विभिन्न शहरो मे मुख्यालय इलाहाबाद जो कि एएसपीईयूएस के नाम से है इसकी शाखाएॅ है। एक्यूप्रेशर शोध, प्रशिक्षण एवं उपचार संस्थान 49/24.ए, मो. 09335105694, 9389111003 वेबसाइट:www.acusansthan.ald.in

रविन्द्रः एक्यूप्रेशर के क्या लाभ हैं?
श्रीमती गर्गः यह एक निरापद विद्या है जिसका कोई भी साइड इफेक्ट नही है वरन लाभी ही लाभ है।

रविन्द्रः एक्यूप्रेशर बिंदु क्या हैं?
श्रीमती गर्गः इसे मेडिसिन दवा-औषधी के नाम से जानते है इस पर दबाव देना ही उपचार है जिससे शरीर में प्रवाहित हो रही उर्जा को सतंुलित किया जाता है।

रविन्द्रः एक्यूप्रेशर किस समय करना चाहिए?
श्रीमती गर्ग: एक्यूप्रेशर किसी भी समय कर सकते है केवल भोजन करने उपरान्त तुरन्त न करे बल्कि घंटे के बाद ही करे।

रविन्द्रः स्मृति के लिए एक्यूप्रेशर बिंदु क्या है?
श्रीमती गर्गः स्मृति के लिए अंगूठे के अग्रभाग नाखून के नीचे बाहर की ओर दबाव दे और छोडे ऐसा एक-एक मिनट दिन में दो बार करें।

रविन्द्रः क्या सुजोक सबसे प्रभावी थेरेपी है और यह किडनी, हार्ट, लंग्स, ब्रेन, लीवर या मानव शरीर के किसी अन्य अंग से संबंधित किसी भी समस्या का इलाज कर सकता है।
श्रीमती गर्गः अवश्य अत्यन्त प्रभावी थेरेपी है यह न केवल शरीर के किसी अंग से सम्बन्धित समस्या उदाहरण के लिए पैरालिसिस, सरवाइकल, लम्बर क्षेत्र, किडनी डायलिसिस इनफरटीलिटी बांझपन डायबिटिज एचबीपी जैसी अनेको समस्याएं का उपचार करती है।

रविन्द्रः आपने इसे कहा ॅ से और कैसे सीखा

श्रीमती गर्गः मैने इसे एक्यूप्रंेशर संस्थान मिन्टो रोड, इलाहाबाद मे ंस्थित है मै इस संस्थान से पिछले 24 साल से जुडी हुई हू। उपचार के साथ-साथ टेंनिंग देना, पढाने का भी कार्य करती हॅू।

रविन्द्रः आपने अब तक कितने प्रकार का इलाज किया है?
श्रीमती गर्गः मुझे इस सुजोक एक्यूप्रेशर के उपचार में ही चमत्कारिक लाभ मिल रहे है। उसी में आनन्द आ रहा है तो मुझे और किसी तरह की थेरेपी की आवश्यकता नही पडी। क्योकि इसका कोई भी साइड इफेक्ट नही है।

रविन्द्रः क्या इस पद्वति को लोग खुद सीख सकते हैं?
श्रीमती गर्गः बिल्कुल, एक दस साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग बडी आसानी से सीख सकते है। बस आवश्यकता है एक पुस्तक एवं थोडी सी गाइड लाइन की।

रविन्द्रः आप का सबसे अच्छा अनुभव किस इलाज मे रहा।
श्रीमती गर्गः यो तो कई अनुभव है पर सबसे अच्छा अनुभव पैरालिसिस पडते हुए मनुष्य को तुरन्त उपचार देने से उसमें
पडते हुए लकवे को रोक देना।

रविन्द्रः इस पद्वति को क्या बिना किसी प्रशिक्षित व्यक्ति के किया जा सकता है।
श्रीमती गर्ग: मेरे अनुसार कोई भी ज्ञान बिना किसी समुचित प्रशिक्षण के सम्भव नही है।

रविन्द्रः इस पद्वति के लिए सबसे अच्छी किताब कौन सी है, जो कि पाठको को अपने पास रखना चाहिए।
श्रीमती गर्गः अनेको पुस्तकों मे जन जागरण हेतु पुस्तको में अपनी सुविधानुसार देखे वेबसाइड नीचे दी हुई है।

रविन्द्रः द्वारिकाधीश डिवाईनमार्ट के पाठको को कुछ संदेश देना चाहते है।
श्रीमती गर्ग: मै पाठको को यह संदेश देना चाहॅूगी कि डिवाइन मार्ट के प्रत्येक पाठको को एक्यूप्रेशर का ज्ञान अवश्य होना चाहिए स्वस्थ भविष्य के लिए। गीता एवं रामयण की तरह यह पुस्तके प्रत्येक घर में होनी चाहिए। क्योकि स्वस्थ समाज ही स्वस्थ विचार एवं स्वस्थ भविष्य दे सकता है।

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