सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “धर्मराजनिरुपण” नामक {चौदहवां अध्याय}
सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “धर्मराजनिरुपण” नामक {चौदहवां अध्याय} यमलोक एवं यम सभा का वर्णन, चित्रगुप्त आदि के भवनों का परिचय, धर्मराज नगर के चार द्वार, पुण्यात्माओं का धर्म सभा में प्रवेश गरुड़ उवाच गरुड़ जी ने कहा – हे दयानिधे ! यमलोक कितना बड़ा है? कैसा है? किसके द्वारा [...]
