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🌼 कार्तिक दीपदान 2025: दीप जलाने का महत्व, विधि और शुभ मुहूर्त

🪔 कार्तिक दीपदान जरूर करें — धर्म, पुण्य और समृद्धि का पवित्र संकल्प कार्तिक मास को हिंदू धर्म में सबसे पुण्यदायी महीना माना गया है। इस महीने में दीपदान (दीपक प्रज्वलित कर देवता या देवस्वरूप को अर्पित करना) का विशेष महत्व बताया गया है। 🔱 दीपदान की अवधि: आश्विन पूर्णिमा [...]

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “मोक्षधर्मनिरूपण” नामक {सोलहवां अध्याय}

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “मोक्षधर्मनिरूपण” नामक {सोलहवां अध्याय} मनुष्य शरीर प्राप्त करने की महिमा, धर्माचरण ही मुख्य कर्तव्य, शरीर और संसार की दु:खरूपता तथा नश्वरता, मोक्ष-धर्म-निरूपण गरुड़ उवाच गरुड़ जी ने कहा – हे दयासिन्धो ! अज्ञान के कारण जीव जन्म-मरणरूपी संसार चक्र में पड़ता है, यह मैंने सुना। [...]

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “सुकृतिजनजन्माचरणनिरुपण” नामक {पंद्रहवां अध्याय}

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “सुकृतिजनजन्माचरणनिरुपण” नामक {पंद्रहवां अध्याय} धर्मात्मा जन का दिव्यलोकों का सुख भोगकर उत्तम कुल में जन्म लेना, शरीर के व्यावहारिक तथा पारमार्थिक दो रूपों का वर्णन, अजपाजप की विधि, भगवत्प्राप्ति के साधनों में भक्ति योग की प्रधानता गरुड़ उवाच गरुड़ जी ने कहा – धर्मात्मा व्यक्ति [...]

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “धर्मराजनिरुपण” नामक {चौदहवां अध्याय}

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) “धर्मराजनिरुपण” नामक {चौदहवां अध्याय} यमलोक एवं यम सभा का वर्णन, चित्रगुप्त आदि के भवनों का परिचय, धर्मराज नगर के चार द्वार, पुण्यात्माओं का धर्म सभा में प्रवेश गरुड़ उवाच गरुड़ जी ने कहा – हे दयानिधे ! यमलोक कितना बड़ा है? कैसा है? किसके द्वारा [...]

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) – बभ्रुवाहन प्रेत संस्कार कथा | सातवां अध्याय

सम्पूर्ण गरुड़ पुराण (हिन्दी में) बभ्रुवाहनप्रेतसंस्कार नामक {सातवां अध्याय} 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ इस अध्याय में पुत्र की महिमा, दूसरे के द्वारा दिये गये पिण्डदान आदि से प्रेतत्व से मुक्ति की बात कही गई है – इस संदर्भ में राजा बभ्रुवाहन तथा एक प्रेत की कथा का वर्णन है। सूत उवाच सूतजी ने [...]

श्राद्ध 2025: क्या हर साल श्राद्ध करना जरूरी है? अगर नहीं किया तो क्या होगा? 🌹

श्राद्ध 2025: क्या हर साल श्राद्ध करना जरूरी है? अगर नहीं किया तो क्या होगा? 🌹 श्राद्ध और पितृ पक्ष का महत्व हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के 15 दिन पूर्ण रूप से पूर्वजों की आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए समर्पित माने जाते हैं। इस दौरान श्राद्ध, तर्पण [...]