गरुड़-कथा
गरुड़-कथा विनतानन्दन गरुड़ जब अण्डा फोड़कर बाहर निकले, तब नवजात शिशु की अवस्था में ही उन्हें आहार ग्रहण करने की इच्छा हुई। वे भूख से व्याकुल होकर माता से बोले–’माँ! मुझे कुछ खाने को दो।’ पर्वत के समान शरीर वाले महाबली गरुड़ को देखकर परम सौभाग्यवती माता विनता के मनमें [...]